बिहार में कुछ ही दिनों पहले कुत्तों के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी करने और आवेदन करने के मामले सामने आए हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है और प्रशासन इस पर सख्त कार्रवाई कर रहा है।
पटना के मसौढ़ी में "डॉग बाबू" नाम के एक कुत्ते का आवासीय प्रमाण पत्र जारी किया गया था। इस मामले के सामने आने के बाद संबंधित कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया और उस पर प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई।
नवादा जिले में भी "डॉगेश बाबू" नामक एक कुत्ते के लिए आवासीय प्रमाण पत्र का आवेदन मिला था। इस आवेदन में भी कुत्ते की तस्वीर लगी हुई थी। इस मामले पर भी प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
इन घटनाओं को सरकारी सिस्टम की लापरवाही के रूप में देखा जा रहा है। सरकार का कहना है कि कुछ शरारती तत्व जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुत्तों के लिए आवासीय प्रमाण पत्र बनवाना एक आधिकारिक प्रक्रिया नहीं है। इन मामलों में कर्मचारियों द्वारा गलत तरीके से प्रमाण पत्र जारी किए गए या आवेदन स्वीकार किए गए, जिस पर अब कार्रवाई की जा रही
है।