Bihar बिहार के हर पंचायत में खुलेंगे पैथोलॉजी जांच केंद्र


बिहार की हर पंचायत में मरीजों के स्वास्थ्य जांच को लेकर पैथोलॉजी जांच केंद्र खुलेंगे। स्वास्थ्य विभाग टेली मेडिसिन के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के बाद अब पंचायतों में पैथोलॉजिकल जांच की सुविधा प्रदान करने की तैयारी कर रहा है। सूत्रों की मानें तो पहले ये पैथोलॉजिकल जांच की सुविधाएं प्रखंड स्तर पर संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके बाद पंचायत स्तर पर भी जांच केंद्रों का संचालन किया जाएगा।

राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी के क्रम में पैथोलॉजी जांच की सुविधाएं मिलने से मरीजों को इलाज कराने में आसानी होगी। स्थानीय सरकारी चिकित्सकों के जांच की अनुशंसा किए जाने पर आवश्यक जांच भी वहीं कराया जा सकेगा। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को छोटी-छोटी पैथोलॉजिकल जांच को लेकर अर्ध-शहरी या शहरी क्षेत्रों में जाना पड़ता है। इन जगहों पर कुकुरमुत्ते की तरह उग आए निजी पैथोलॉजिकल जांच केंद्रों में गुणवत्तापूर्ण जांच नहीं होती। मरीजों का आर्थिक दोहन भी होता है। सरकार के दिशा-निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्रों में पैथोलॉजी जांच केंद्रों के संचालन से मरीजों को गुणवत्तापूर्ण इलाज की सुविधा मिलेगी। विभाग इन केंद्रों पर कुछ जांच को मुफ्त और कुछ जांच को सशुल्क किए जाने की अनुमति दे सकता है। हालांकि, जांच शुल्क को लेकर अभी तक अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है।

प्रस्ताव मांगेगी समिति

राज्य स्वास्थ्य समिति टेंडर के माध्यम से पंचायत व प्रखंड स्तर पर पैथोलॉजिकल जांच केंद्रों की स्थापना को लेकर निजी क्षेत्रों से प्रस्ताव मांगेगी। इसके तहत निजी क्षेत्र के जांच लैब को सभी सुविधाएं अपने स्तर से उपलब्ध करानी होगी। 

  • केंद्रों पर चिकित्सकों की अनुशंसा पर आवश्यकता के अनुसार जांच की जाएगी
  • प्रखंड स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराई जाएंगी सुविधाएं
  • खून, पेशाब व अन्य जांच को लेकर खुलेंगी लैब

सूत्रों के अनुसार राज्य के प्रखंडों में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में खून, पेशाब व अन्य जांच को लेकर पैथोलॉजिकल जांच लैब खुलेंगे। इन केंद्रों पर स्थानीय चिकित्सकों की अनुशंसा पर आवश्यकतानुसार जांच की जाएगी। उन्हीं जांच रिपोर्ट के आधार पर स्थानीय चिकित्सक या टेली मेडिसिन के माध्यम से इलाज करने वाले चिकित्सक इलाज कर सकेंगे। स्वास्थ्य जांच को लेकर मरीजों को निजी पैथोलॉजिकल केंद्रों की शरण में नहीं जाना पड़ेगा।

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