एक दिन तीन (3) लड़कियां सड़क पर चल रही थी अपने पीछे पीठ पर बैग टांगे ऐसा लग रहा था जैसे वो स्कूल से पढ़ कर घर की ओर जा रही हो तभी मेरी नजर एक बाइक पे पड़ी जो यमाहा की थी उसपे तीन (3) मर्द सवार थे तीनों एक उम्र के से थे अगर उनकी उम्र का अंदाजा लगाऊं तो लग भाग तीनो का और 28 से 30 साल के करीब रही होगी। बाइक सवार अपने टेढ़े मेढे अंदाज में बाइक घूमता चल रहा था , देखते ही देखते बाइक सवार उन तीनो लड़कियों के सामने बाइक ले गया और अपना एक हाथ बाहर निकल कर लड़की के नितंब को हाथ लगा कर दवा दिया और बाइक चालक तेजी से भाग निकला, लेकिन सोचने वाली बात ये है कि टाइम कुछ ज्यादा भी नही हुआ था शाम का समय था सड़क भी खाली नहीं थी लोग आसपास घूम रहे थे, लेकिन किसी ने उनका हेल्प करना नही चाहा जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो जब मैं उस लड़की के पास गया तो वो तेजी से अपना कदम बढ़ाते हुए निकलने लगी लेकिन मैं ने उसका दर्द महसूस किया जिसके साथ ऐसा हादसा हुआ है उस रोड पे उसकी आंखों में पानी भर आए थे।
मुझे डर लगता है ऐसी सोसाइटी पर को गलत काम होते हुए देखते है पर उनको एहसास तक नहीं होता, मुझे डर लगता है ऐसे माहौल से को गलत ओर सही में फरक जानते ही नहीं, ओर उनसे तो ओर भी ज्यादा डर लगता है जो गलत ओर सही तो जानते है लेकीन गलत होते हुए देखते है ओर सही का साथ नही देते।