Contans1 समुंद्र में हजारों फिट नीचे मिली रहस्यमयी दुनिया हैरान कर देने वाली खोज
2 मालदीव हिंद महासागर में सतह से 1640 फिट गहरे समुद्र में एक बेहद अनुखे इकोसिस्टम की खोज हुई है।
3 आइए जानते है इस अनोखी दुनिया के बारे में.
4 सर्वे होगा रहस्यमयी इलाको का
5 शार्क की कई परजतियां मौजूद है वहां।
समुंद्र में हजारों फिट नीचे मिली रहस्यमयी दुनिया हैरान कर देने वाली खोज
दुनियां भर में आए दिन नई नई खोज होती रहती है कभी ऐसी खोज भी हो जाती है की लोग हो जाते है हैरान, इसबार हैरान करने वाली खोज है की गोता खोरों ने खोज डाली समुंद्र के हजारों फिट नीचे हैरान कुन और रहस्यमयी दुनियां।
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मालदीव हिंद महासागर में सतह से 1640 फिट गहरे समुद्र में एक बेहद अनुखे इकोसिस्टम की खोज हुई है।
सबसे हैरान की बात ये है की यहां पर भूखी शार्क मछलियां रहती है । इस छेत्र को वैज्ञानिकों ने ट्रैपिंग जॉन नाम दिया है । इस अनोखी दुनिया को मालदीप के गहरे समुंद ज्वालामुखी साथो राहा के पास खोजा गया है जो बेहद प्राचीन विलुप्त ज्वाला मुखी है। साथों राहा बनते समय अचानक समुंद्र तल से 4921 फिट ऊपर उठ गया था । इस जगाओं पर मछलियों और शार्क 🦈 के झुंड रहते है जो छोटे छोटे समुंद्री जीवों के प्रति बहुत अक्रामक नजर आते है ।
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आइए जानते है इस अनोखी दुनिया के बारे में.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मरीन इकोलॉजिस्ट एलेक्स रोजर्स ने इस अनोखी दुनिया के बारे में बताया है। उन्हों ने कहा है की ट्रैपिंग जॉन में अलग तरह के इकोसिस्टम के सभी लक्षण है जो मालदीव में जीवन की एक अलग जगह का निर्माण कर रहा है। उन्हों ने संभावना जताई है की ऐसी जगहें दूसरे समुंद्र दीपो और महादिपो की ढलानों पर भी हो सकती है।
सर्वे होगा रहस्यमयी इलाको का
गोताखोरों ने इस इकोसिस्टम की खोज नेक्स्ट मालदीव मिशन के हिस्से की तौर पर की थी। इस मिशन के तहत रहस्यमयी इलाको का सर्वे किया जाएगा और उन्हें डॉक्यूमेंट किया जाएगा। इसके लिए मालदीव के 20 प्राकृतिक एटोल के नजदीक समुंद्रो सतह से 3,300 फिट नीचे सम्मरीन को भेजा जाएगा । इस इलाके में छोटे छोटे समुंद्री जीवों के इलावा शिकारी त्युना मछली , गहरे पानी के स्पाइकी ओरियो अल्फोनिश्नो और शार्क 🦈 जैसी बड़ी मछलियां रहती है।
शार्क की कई परजतियां मौजूद है वहां।
जब सम्म्रीन की रोशनी मछलीयो की झुंड पर पड़ी तो गोता खोरों को टाइगर शार्क , सिक्सगिल शार्क, सैंड टाइगर शार्क, डोग्फिश , गलप्र शार्क, स्केलप्द हैमर शार्क, शिल्की शार्क और दुर्लभ ब्रांबल शार्क नजर आई। वैज्ञानिकों ने समुंद्री जीवों की तस्वीर कैमरे में कैद की है। और उनके नमूने भी इक्ट्ठा किए गए हैं। वैज्ञानिकों का कहना है की इस इलाके का विस्तार से अध्ययन किया जाना चाहिए । तब हम जान सकते है की इस इलाके में अजीबो गरीब इकोसिस्टम का कैसे विकाश हुआ है।
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