मुजफ्फरपुर की यूनिवर्सिटी ने छात्रों के भविष्य को बना दिया 'कूड़ा', कॉपियां सड़ती रहीं और साहब एवरेज मार्किंग देते रहे

 BRABU Bihar University Muzaffarpur: छात्रों के भविष्य को 'कूड़ा' कैसे बनाया जाता है, ये देखना है तो मुजफ्फरपुर आइये और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी की लापरवाही को देखिए। जहां एग्जामिनेशन हॉल के स्टोर में रखीं करबी 10 लाख से ज्यादा छात्रों की कॉपियां सड़ गईं और साबह औसत मार्किंग करते रहे।


मुजफ्फरपुर
: बिहार के मुजफ्फरपुर में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है।
यहां की बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन हॉल के स्टोर में रखीं 10 लाख से ज्यादा छात्रों की कॉपियां सड़ गईं। बताया जा रहा है कि रख-रखाव में लापरवाही बरतने के कारण ये कॉपियां सड़ गईं। यूनिवर्सिटी में छात्रों की कॉपियां पुराने परीक्षा भवन और कम्युनिटी हॉल में फेंकी हुईं हैं। हर परीक्षा के बाद यहां कॉपियों को डंप कर दिया जाता है। अभी फिलहाल स्टोर में 25 से 30 लाख कॉपियां होंगी, जो देखन से ही कचरे का ढेर लग रहा है।

बताया जा रहा है कि कई बार कॉपियों के बंडल से सांप आदि भी निकल जाते हैं। स्नातक से लेकर पीजी तक की कॉपियां स्टोर में बेतरतीब तरीके से फेंकी हुई हैं। परीक्षा के बाद स्टोर में रखी गई कई सत्र की कॉपियां गायब हो गई हैं।

दूसरी तरफ, कॉपियों के नहीं मिलने पर छात्रों को औसत अंक दिए जा रहे हैं। परीक्षा बोर्ड की बैठक में कई बार नंबर पर आपत्ति करने वाले छात्रों को औसत अंक देने का फैसला लिया जा चुका है।

दरअसल, बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में नियम है कि तीन वर्ष तक छात्रों की कॉपियां सही से रखी जाएं, ताकि अगर किसी छात्र को अपने नंबर पर आपत्ति हो तो वह नंबर बढ़ाने लिए आवेदन कर सकता है।

आवेदन के बाद कॉपियों में नंबर की फिर से गणना की जाती है। लेकिन, बिहार विवि में नई और पुरानी कॉपियां एक साथ फेंकी हुई हैं। अगर किसी की जल्दी कॉपी ढूंढनी हो तो वह दस दिन से पहले नहीं मिल सकती है।

वहीं, बीआरए बिहार विश्वविधालय के परिक्षा नियंत्रक संजय कुमार ने बताया कि छह महीने पहले ही पुरानी कॉपियों को बेचने का टेंडर जारी हुआ था, पर टेंडर को तकनिकी कारणों से बीच में ही रद्द कर दिया गया। इसके बाद दोबारा टेंडर नहीं हुआ है, जिसके कारण यह स्थिती हुई है।

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