The System of Natur प्रकृति का सिस्टम

Muz Team
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What is the system of Nature ?

 बर्दाश्त (Tolerate)

धरती सूर्य का चक्कर लगाती है

The System of Nature

इश्वर ने अलग अलग प्रकार की चीजें क्यों बनाई 

प्रकृति के विरुद्ध कार्य करना

प्रकृति का जो सिस्टम है वह बर्दाश्त के साथ सब को मैनेज कर के चलना है. यदि संसार के अंदर मौजूद चीज़ों में बर्दाश्त करने की छमता नहीं होती तो यह संसार कब का टूट फुट गया होता. 

धरती सूर्य का चक्कर लगाती है

हम और आप सभी वह जानते हैं कि धरती सूर्य का चक्कर लगाती है , सूर्य दिन में निकलता है, चाँद रात में अपनी रौशनी बिखेरता है. यदि इन सब में बर्दाश्त करने और एक दुसरे के साथ मैनेज करने की छमता नहीं होती तो हम प्रकृति की वस्तुओं का लाभ कभी नहीं उठा पाते. 

The System of Nature

प्रकृति का यही सिस्टम मानव रहन सहन, खान पान और कार्य काज में भी लागु है. यही कारण है कि मानव समाज में हर आदमी की पसंद एक दुसरे से अलग होती है. कोई लाल कपड़ा पसंद करता है तो कोई सफ़ेद, कोई शर्ट पैंट पसंद करता है तो कोई कुरता पजामा. इसी तरह किसी को रोटी अच्छी लगती है तो किसी को चावल, कोई मांस मछली पसंद करता है तो कोई शाकाहारी रहना पसंद करता है. किसी को लहसन प्याज़ अच्छा लगता है तो किसी को यह भी पसंद नहीं आता . 

अब अगर हर आदमी एक दुसरे को अपनी पसंद का पाबंद करने लगे तो संसार में लोगों का जिंदा रहना ही मुश्किल हो जायेगा. 

इश्वर ने अलग अलग प्रकार की चीजें क्यों बनाई 

आप खुद ही सोचिये यदि इश्वर को किसी एक आदमी की पसंद ही पर सब को लाना होता तो अलग अलग प्रकार की चीज़ें और अलग अलग पसंद के लोग ही क्यों पैदा करता. वह तो हर आदमी की पसंद का ख्याल रखता है, उस की पसंद के हिसाब से चीज़ें पैदा करता है और हम हैं की सब को अक पसंद का पाबंद बनाना चाहते हैं. 

प्रकृति के विरुद्ध कार्य करना

ऐसा करना ना सिर्फ मानव समाज को नस्ट करेगा बल्कि यह प्रकृति के विरुद्ध कार्य करना होगा जिस में कभी भी किसी को भी सफलता नहीं मिल सकती है. 

ऐसे में बस एक ही रास्ता है बर्दाश्त और मैनेज करना . जो चीज़ें आप को पसंद है वह आप कीजिये और जो चीज़ें दूसरों को पसंद है वह उसे करने दीजिये . दुसरों के साथ बर्दाश्त करने और मैनेज करने का तरीका अपनाइए , खुद भी खुश रहिये और दूसरों को भी खुश रहने दीजिये . यही प्रकृति का सिस्टम है.

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