Tuesday, December 21, 2021

ارے عقائد کے امام کتنے ہیں؟ نیز ہمارے مسلک کے امام کتنے ہیں؟ مسلک کے سب امام حق پر ہیں تو پیروی ایک کی کیوں؟ اس میں حضور اعلیٰ حضرت کس مقام پر ہیں؟ جواب دیکر شکریہ کا موقع عنایت فرمائیں محمد مد ثر حسین۔ بزم علماے اہل سنت سمستی پور

December 21, 2021 0 Comments

ارے عقائد کے امام کتنے ہیں؟ نیز ہمارے مسلک کے امام کتنے ہیں؟ مسلک کے سب امام حق پر ہیں تو  پیروی ایک کی کیوں؟ اس میں حضور اعلیٰ حضرت کس مقام پر ہیں؟ جواب دیکر شکریہ کا موقع عنایت فرمائیں

محمد مد ثر حسین۔ بزم علماے اہل سنت سمستی پور

جواب:۔ ہمارے عقائد کے دو امام ہیں ۔ (۱)امام ابو الحسن اشعری  (۳۲۴ ھ)(۲) امام ابو منصور ماتریدی (۳۳۳ھ )رحمہما اللہ۔ اور ہمارے مسلک فقہ کے چار مام ہیں (۱) امام اعظم ابو حنیفہ نعمان بن ثابت(۱۵۰ھ ) (۲) امام مالک بن انس  (۱۷۹ھ ) (۳)امام شافعی ابو عبد اللہ محمد بن ادیس شافعی (۲۰۴ھ )(۴) امام احمد بن حنبل(۲۴۱ھ) رحمہم اللہ ۔ مذکورہ عقائد و فقہ کے سارے امام بر حق اور مثیب  ہیں ۔

 ہاں ! وہ لوگ جو صاحب اجتہاد نہیں ہیں ، ان کے لیے ضروری ہے کہ ان میں سے کسی ایک  ہی کی پیروی کریں  تاکہ ہوای اور نفس پرستی میں گرفتار نہ ہوں ۔ اللہ تعالیٰ کا ارشاد ہے: 

وَاتَّبِعْ سَبِيلَ مَنْ أَنَابَ إِلَيَّ۔ (لقمان : ۱۵) 

اس شخص کی پیروی کرو جو میری طرف مائل ہو۔ 

اللہ نے بندوں کو  ہویٰ اور خواہش پرستی سے روکا ہے۔جیسا کہ اس کا ارشاد ہے: 

وَ لَا تُطِعۡ مَنۡ اَغۡفَلۡنَا قَلۡبَہٗ عَنۡ ذِکۡرِنَا وَ اتَّبَعَ ہَوٰىہُ وَ کَانَ اَمۡرُہٗ فُرُطًا (کہف: ۲۸)

جس کے قلب کو ہم نے اپنی یاد سے غافل کر دیا ،اور اس کی جس  نے اپنی خواہشات کی پیروی کی اور اس کی  جس کا کام حد شرع  سے گزر گیا ہو، ان کی  شخص کی پیروی نہ کرنا۔ 

اور دین چوں کہ ساری زندگی کو محیط ہے جس میں کبھی راحت ہوتی ہے تو کبھی تکلیف۔ اگر انسان کسی ایک ہی کی پیروی کو اپنے اوپر لازم نہ کرے تو وہ شریعت کی جگہ اپنی طبیعت اور خواہشات کا پیرو کار ہو جائےگا ، جس کی اجازت کسی نے نہیں دی ہے۔اسی لیے شرعی معاملات میں غیر مجتہد کو کسی ایک امام کی پیروی ہی لازم ہے۔  اعلیٰ حضرت مولانا احمد رضا خان فاضل بریوی (۱۳۴۰ھ) ایک بڑے عالم تھے، لیکن مقلد تھے۔ واللہ اعلم

کتبہ: آفتاب رشک مصباحی 

دار الافتا عارفیہ سید سراواں، کوشامبی، یو پی۔ 

۱۳/ اکتوبر ۲۰۲۱ء 

Sunday, December 19, 2021

Marajal Bahrain ( मरजल बहरैन ) किताब

December 19, 2021 0 Comments

किताब 

ये किताब , असहाबे शरीअत और अरबाबे तरीक़त को ऐने शरीअत कुबरा से मुस्तफिज़ होने में शरीक व सहिम बनाने वाली एक कोशिश है। चूँकि कोई भी आरिफ व सूफी जब तक साहिबे शरीअत व इस्तिकामत न हो, उस वक़्त तक उसका फ़ैज़ आम नही होता। इस तरह किसी भी आलिमे फ़िक़्हो फतावा का बातिन जब तक तस्फिया व तजलिया के मरहले से नही गुज़रता वह शख्स और बे ज़ोक ही रहता है। निसबते शैख़, सुहबते आरिफ और तवज्जय मर्द कामिल न हो तो तस्फिया ए बातिन मुकम्मल नही। इस लिए ये किताब दोनों जमाअतों के लिए अक्सीर है। यह एक तरफ दीवानो को होश में लाने वाली है तो दूसरी तरफ फ़र्ज़ानों को सलीक़ा ए जज़्बों शौक़ अता करने वाली है।

शैख़ अब्दुल हक़ मुहद्दिस दहलवी ग्यारहवी/ सत्रहवी सदी के हिंदुस्तान के माया नाज़ आलिमे दीन , फिकहो मुहद्दिस और सूफी व दरवेश है। इल्मे हदीस की इशाअत व अहया के हवाले से बतौर खास आप का नाम लिया जाता है। आप इन उलमाए रब्बानीन में से एक है हक़ तआला ने जिन्हें खुसूसी खलअत कुबूलियत से नवाजा है। आप मुहक़्क़ीक़ होने के साथ हद दर्जा मुअतदिल और मुस्लेह आलिम है। मुफीद और हसिरे तसानीफ़ के हवाले से पूरी दुनिया मे जाने जाते है। आ की किताबें मुख्तलिफ ज़बानों में तर्जुमा हो चुकी है और दुनिया के मुख्तलिफ खित्तों में रहने वाले मुसलमानों के लिए हिदायत और सआदत की बाइस है।

मुतर्जुम किताब

मौलाना हम्माद रज़ा मिस्बाही किशनगंज बिहार के रहने वाले है। 2013 में जामिया अशरफिया मुबारक पुर से फरागत के बाद जामिया आरीफिया के शोबए दावः में दाखिला लिया और यहां का एक सालह दावः कोर्स मुकम्मल किया। आप बा सलाहियत , मुतावाज़े , मेहनती , और जफाकश नोजवान आलिम है। मुलाना मौसूफ़ ने बड़ी उर्क़ रेज़ी से बा मुहराह और सलीस तर्जुमा किया है। खास बात ये है कि तर्जुमा करने से पहले उन्ही ने मरजल बहरैन की मुतअद्दिद फ़ारसी मख्तूतों को सामने रख कर उसको एडिट किया और उसका सही और मुहक़्क़ीक़ नुस्खा तैयार किया । तर्जुमा करते वक़्त उसी मुहक़्क़ीक़ नुस्खे को सामने रखा और हस्बे ज़रूरत असल मख्तूत भी देखते रहे।

Saturday, November 6, 2021

Ham pichhe kyun hai

November 06, 2021 0 Comments

Hubaira Mohammadi

हम अपनी ज़िंदगी की बीते पलों को जब गौर से देखेंगे तो हमे पता चलेगा कि हम और लोगों से पीछे क्यों है

अच्छा एक बात तो हम सब लोग जानते हैं कि हर इंसान में कोई न कोई खूबी ज़रूर होती है। और हर इंसान किसी न किसी काम मे माहिर ज़रूर होता है। बस हमे ज़रूरत है अपनी खूबियों को ढूंढने की, अपनी इच्छा शक्ति को पहचानने की, अपने आप को जानने की।

जब तक हम खुदको नही जान पाएंगे तब तक हम सब से पीछे ही रहेंगे, जब तक हम खुदको नही पहचान पाएंगे तब तक हम सबसे पीछे ही रहेंगे।

आप जब तक कोई ठोस कदम, इच्छा अनुसार नही उठाइयेगा तब तक आपका हमारा किसी का भी कुछ भी नही होने वाला है। हम सोचते है करते नही है, हमारे अंदर भय होता है गिरने का, हमे डर होता है विफल होने का तो आप एक बाद अच्छी तऱीके से समझ लें कि सफलता की पहली सड़क विफलता ही है। तो अगर आप किसी काम मे विफल होते है तो आपको मायूस नही होनी चाहिए, और पिछली बार से अधिक ताक़त जोश जुनुन के साथ फिर आप लग जाये इस काम मे और आप उस जगह नही गिरेंगे जहां आप विफल हुए थे। क्योंकि उस राह की जानकारी है आपको कि कहां पे किस तरह किस राह से जाना है। 

अगर बात विफलता की है तो आप बगैर विफल हुए सफल तो बिल्कुल भी नही हो सकते।

Tuesday, October 12, 2021

Ek insan ko jite ji mardena kaisa lagta hai

October 12, 2021 0 Comments


एक इंसान को जीते जी मार देना कैसा लगता है?
  जीते जी मार देने का मतलब उस इंसान से उनकी इच्छा शक्ति छीन लेना। हर इंसान को सोचने समझने की इजाज़त है हर इंसान की अपनी ख्वाहिशात होते है अब ऐसे में कोई उनकी ख्वाहिश, उसकी इच्छा शक्ति, उसकी समझ बुझ उस इंसान से छीन लिया जाय तो आपही बताइये वो इंसान जीते जी मरा हुआ कि नही। 

जिंदा वही है जो ज़िन्दगी खुदके हिसाब खुदके मक़सद खुदके उसूल से जीता हो। 

बड़े अफसोस कि बात है हमारे मुआशरे में ये बिल्कुल आम हो गया है कि इंसान से उसकी इच्छा नही पूछी जाती, उसके मन मे क्या है ये भी नही पूछा जाता, और अगर वह इंसान अपनी इच्छा बता भी दे तो लोग सारे मामले उन्ही पे छोड़ देते हैं। अब ऐसे में उस इंसान के पास या तो बहुत सोचने की शक्ति होनी चाहिए जो वो अच्छा फैसला ले सके। लेकिन हद तो तब होती है जब इंसान खुद फैसला लेले फिर भी लोग साथ नहीं देते उसे मजबूर किया जाता है अपनी इच्छा के विरुद्ध काम करने के लिए। 

हर इंसान के पास उतनी बड़ी शक्ति नही होती है कि पूरी दुनिया को अकेले झेल जाए कई तो अपनी मस्तिष्क से याद दाश्त खो बैठते हैं, और कोई मजनू बन जाता है।

हमे इंसान को समझना चाहिए उसके ही इच्छा नुसार उसकी जिंदगी गुज़रने की अनुमति होनी चाहिए इंसान पे कभी भी उसके इच्छा के विरुद्ध ज़ोर नही डालनी चाहिए। क्योंकि वो क्यों नही करना चाह रहा, या क्यों करते करते छोड़ दिया, ये बस वही व्यक्ति जनता है जिसके साथ ये सब हुआ है।

हम कैसे एक जीवित इंसान को जिंदा लाश बना रहे हैं अपने मुआशरे में।

अब तो रुक जाओ ऐ ज़िंदा लाशो के ठीकेदारों

अब तो उन लाशों को अपनी जगह पे रहने दो।

ऐसी हालत देख कर शायर ज़बान से निकल ही जाता है। आप लोग इस के बारे में क्या सोचते है हमे ज़रूर कॉमेंट करके बताना।

Monday, October 11, 2021

Wahi karo jo tumhe pasand ho

October 11, 2021 0 Comments


Hello doston mai aaj aap sabhi logon ko motivational post padhne ya dekhne ke liye majbur nahi karunga.

Ab mai apna post ya youtube videos kisi ke pass bhi n bhejna dekhne ke liye ya majbur nahi karunga. Bhai wo is liye ki mai nahi chahta ki aap apni life ki 5 minute ya 5 second bhi mere liye kharab mat karna. Mai samajh saka hun insanon ko kyu baar baar motivational speaker kahte hai wahi kro jo tumhe achha lagta hai.

Bhai jab ham apne dill ki baat nahi mante hai na to bahut takleef hoti hai kisi ke kahne, samajhana, sunne ya manne pe wo to khush ho jate hai but pata nahi apni baat nahi manne pe hamari halat jo aage hone wali hoti hai use koi nahi janta.

Ham lakhon 1,00000 monthly kama len phir bhi dili sukoon mayassar nahi hoti because ham majburi me kaam kar rahe hote hai.

Kabhi hame dill khol kar jine ka moqa mayassar nahi hota ham chah kar bhi dill khol kar apni ichha ke anusar nahi ji sakte hai. Kyunki ham us jal me phanste chale jate hai. Phir hame ek din apni ichha apni dukh sukh sab kuch bhulna padta hai. 

Doston bas mai ek ye salah dunga ki aap apne aap ko khudse juda karne se pahle wo kijiye jo khud aap ko pasand hai. Koi bhi kaam ho sakta hai, aaj kal to bahut sare field hamare samne khule pade aur hamara intizar kar rahe hai.

Videos banana agar aap ka pesha hai aap ko achha lagta hai to facebook, youtube, twitter, instagram aap ke liye bahut achhi platform hai

Agar aap ko likhna pasand hai to aap blogger, website, facebook, jaisi platform se bahut sare paise earn kar sakte hai.

Agar aap ko bolna pasnd hai to aap youtube, audio book, jaise platform se achhi khasi raqam hasil kar sakte hai,

Agar aap ko photography pasand hai to aap flippa website ke through kaam kar sakte hai.

Bahut sari aisi compny hai jo hamari rah dekhti rahti hai hame paise dene ko ichhuk hai.

Lekin ham hai jo logon ki sunte hai, khud ki sunne ki bajay, jisse ham apni life me koso pichhe hote chale jate hai.

Pahle achhi buri ki pahchan karo uske baad apne dill ki suno khud pe kisi ko hawi mat hone dena. Tabhi zindagi ki asli maza aayega n to zindagi ka koi maqsad nahi hoga

Mai ye baat aap logon ko is liye bata raha hun kyunki mai is time is galati se jhuj raha hun. Pata nahi kab niklunga is jaal se ya phir kabhi nahi.

Aap log aisi galati kabhi bhi bhul se bhi mat karna.

Saturday, August 28, 2021

Badi soch ka bada jadu

August 28, 2021 0 Comments

Hubaira Mohammadi

सफलता हर कोई चाहता है पर सफल सब नही हो पाते है। ऐसी कोनसी राज़ है जिनको अपनाने के बाद लोग सफल होते है तो चलिए आज हम ऐसे ही कुछ पिस्ट के साथ आप सबको बताने की कोशिश करते है। 

1. अपनी सोच की दायरा बढाइए :- आप क्या सोचते हैं, क्या समझते हैं, क्या करना चाहते हैं????? आप के दिमाग मे बहुत सारे सवाल के निशान लगे होंगे ???????? सफलता निर्भर करती है आपकी सोच पे, क्या आप की सोच छोटी है तो आप सफल नही हो सकते। सोच बड़ी हो और आप का कारोबार छोटा ही फिरभी आप अपनी जीवन मे सफल हो सकते है इसके 50% चांसेज होते है। और 30% आप के हौसले और 20% आपके काम करने का तरीका पे निर्भर करता है।

2. बड़ी सोच के साथ बड़ा हौसला भी होना चाहिए। आप बड़ी बड़ी बात सोच रहे है लेकिन क्या आप कर रहे है ? अगर नही कर रहे है तो आप सफलता को भूल जाइए। अगर आप सफल होना चाहते है तो अभी से अपनी बड़ी सोच को कैसे अपनी लाइफ लाये इसका प्लान बनाइये और लग जाये दिल ओ जान से अपनी बड़ी सोच का बड़ा जादू देखने के लिए।

3. असफलता सहने की छमता होनी चाहिए। याद रहे कि सफलता की पहली मंजिल असफलता है । असफलता सहने की छमता अगर है आपके अंडर तो ज़रूर आप कोई नई राह निकाल लेंगे जो सफलता की ओर जाती हो।

हर इंसान को अपनी लाइफ को सफल करने की इच्छा होती है। लेकिन इच्छा के साथ शक्ति शायद किसी मे होती है, त्यागने की शक्ति, अगर कोई वयक्ति त्यागने की शक्ति पालेता है तो जानलो वो व्यक्ति 100% सफल होता है अपनी जीवन में।

सफलता जीवन की अहम कड़ी है । जिसे हर व्यक्ति पाना चाहते है।