Monday, January 22, 2024

Reaching Unprecedented Heights: The Magnificent Tale of the Burj Khalifa

January 22, 2024 0 Comments


Introduction
: The tallest structure in the world, the Burj Khalifa, is a recognizable feature of Dubai's skyline. This architectural wonder is more than just a building; it's a monument to human creativity, inventiveness, and the unwavering quest to push boundaries.

Context: The Burj Khalifa was imagined during a time when Dubai was developing quickly. The emirate's ambitious leadership set out to make Dubai a worldwide center for luxury, business, and tourism in the early 2000s. An important part of this grand plan was the Burj Khalifa, which was intended to redefine what was possible in modern architecture in addition to breaking records.

Design and Architecture: The Burj Khalifa's architecture, which was created by famous architect Adrian Smith, combines modern and Islamic elements. The structure is both aesthetically pleasing and technologically sophisticated, thanks to the design's incorporation of cutting-edge technology with traditional Islamic patterns. In addition to optimizing vistas, the Y-shaped floor layout increases the stability of the building.

Construction Difficulties: Building a structure of this size brought with it previously unheard-of difficulties. Only the foundation needed to be carefully planned, with engineers working around the clock to guarantee a strong base that could support the imposing structure. The structural and logistical obstacles were overcome in large part by the use of a strong steel exoskeleton, high-strength concrete, and innovative building materials.

Record-Breaking Heights: When the Burj Khalifa officially opened for business on January 4, 2010, it quickly surpassed the Taipei 101 to become the highest structure in the world. With its amazing height of 828 meters (2,717 feet), the Burj Khalifa gained international recognition as a symbol of human achievement. 

A Vertical City: The Burj Khalifa, with its residential, commercial, and hospitality rooms, is more than just a skyscraper. Within this architectural marvel, luxurious apartments, business offices, and the world-famous Armani Hotel coexist, providing a singular combination of grandeur and lifestyle.

The Burj Khalifa has two observation decks, At The Top and At The Top SKY, which offer amazing panoramic views of Dubai and the surrounding area. The immense desert expanse, the Arabian Gulf, and the cityscape are all breathtaking sights for visitors, making this a must-visit location for both locals and tourists.

Legacy and Impact: The Burj Khalifa has had a profound effect on urban planning and architecture that extends beyond its physical presence. It has given other cities the motivation to aim high and push the envelope of what is conceivable in the world of skyscraper architecture.

In conclusion, the Burj Khalifa is a representation of human ambition, inventiveness, and tenacity, in addition to being a majestic building. Its narrative is one of surmounting obstacles, welcoming creativity, and reshaping the skyline of a metropolis that consistently defies predictions. The Burj Khalifa will go on as a symbol of the boundless potential of human accomplishment when faced with ambitious goals.

China National Football team में एक नए युग की शुरुआत हुई है।

January 22, 2024 0 Comments


चीन की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की प्रमुखता बढ़ने से एशियाई फुटबॉल में एक नए युग की शुरुआत हुई है।

चीन की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की प्रमुखता बढ़ने से एशियाई फुटबॉल में एक नए युग की शुरुआत हुई है।  चीन की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम, घटनाओं के एक अविश्वसनीय मोड़ में, एक उल्लेखनीय परिवर्तन का प्रदर्शन करते हुए एक ताकत बन गई है, जिसने दुनिया भर के फुटबॉल प्रशंसकों का ध्यान आकर्षित किया है।

पिछली बाधाओं पर काबू पाना

चीनी फ़ुटबॉल को वैश्विक परिदृश्य पर स्थायी प्रभाव बनाने में हमेशा कठिनाई होती रही है। हालाँकि, हाल की घटनाएँ इस प्रतिमान में एक नाटकीय बदलाव की ओर इशारा करती हैं, यह देखते हुए कि राष्ट्रीय टीम कितना अच्छा प्रदर्शन कर रही है।

वैश्विक स्तर पर उपलब्धियाँ

दृढ़ता का प्रदर्शन करने के अलावा, चीन की राष्ट्रीय टीम को कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में उल्लेखनीय सफलता मिली है। स्थानीय प्रतियोगिताओं और मैत्रीपूर्ण मुकाबलों में शानदार प्रदर्शन की बदौलत टीम ने फुटबॉल कमेंटेटरों और समर्थकों दोनों की रुचि आकर्षित की है।

फ़ुटबॉल के विकास में स्मार्ट निवेश

प्रदर्शन में इस वृद्धि का कारण फ़ुटबॉल के विकास में विभिन्न चरणों में किया गया जानबूझकर किया गया निवेश है। राष्ट्रीय टीम की बढ़ी हुई प्रतिस्पर्धात्मकता प्रतिभा विकसित करने के प्रति चीन के समर्पण का प्रमाण है, जो जमीनी स्तर की परियोजनाओं से लेकर शीर्ष प्रशिक्षण शिविरों तक फैली हुई है।

विशिष्ट एथलीट और उभरती हुई प्रतिभाएँ

चीनी फुटबॉल के पुनरुद्धार का श्रेय काफी हद तक टीम के शीर्ष खिलाड़ियों को दिया गया है। प्रतिभाशाली एथलीट राष्ट्रीय और विदेश दोनों ही स्तर पर प्रसिद्ध हो रहे हैं, जिनकी तुलना दुनिया भर के फुटबॉल आइकनों से की जा रही है। सक्षम युवाओं और अनुभवी दिग्गजों के संयोजन ने एक शक्तिशाली ताकत का निर्माण किया है जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत देता है।

कुशलतापूर्वक मार्गदर्शन करना

प्रतिबद्ध और जानकार कोचों का एक समूह, जिन्होंने खिलाड़ियों को ढालने और एक विजेता संस्कृति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इस सफलता की कहानी के पीछे प्रेरक शक्ति है। टीम की सफलताओं में निश्चित रूप से कोचिंग स्टाफ के रणनीतिक दृष्टिकोण और सामरिक जागरूकता पर जोर दिया गया है।

उत्साह और देशभक्ति

राष्ट्रीय टीम की वापसी के परिणामस्वरूप फुटबॉल में राष्ट्रव्यापी रुचि बढ़ी है। टीम को जनता से बेजोड़ समर्थन मिल रहा है, जिससे देश में गर्व की भावना जागृत हो रही है और स्टेडियमों में उत्साहजनक माहौल बन रहा है।

आगे की ओर देखना

चूँकि चीन अभी भी फ़ुटबॉल जगत में प्रगति कर रहा है, अब ध्यान आगामी लीगों और प्रतियोगिताओं पर केंद्रित है। विश्व स्तर पर फुटबॉल परिदृश्य को बदलने की क्षमता के साथ, देश में फुटबॉल का प्रक्षेप पथ और भी बड़ी सफलता के लिए तैयार है।

संक्षेप में, चीन की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम की हालिया सफलताओं ने देश में इस खेल के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ की शुरुआत की है। चीन ने रणनीतिक निवेश, विकासशील प्रतिभा और प्रतिबद्ध कोचिंग के संयोजन के साथ सुंदर खेल में एक बढ़ती शक्ति के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है। भविष्य के लिए काफी उम्मीदें हैं और दुनिया भर के फुटबॉल प्रशंसक चीन की फुटबॉल प्रगति को जारी देखने के लिए उत्साहित हैं।

Sunday, January 21, 2024

Ship of Education खुशहाली की ऊंचाइयों की ओर सफ़र

January 21, 2024 0 Comments

Ship of Education

तालीम खुशहाली का एक ज़रिया है जो इंसान को इल्म और सीखने की सलाहियत के जरिये खुशहाली की बुलंदियों की तरफ़ लेकर अंगिनत इमकानात की तरफ़ रहनुमाई करता है। इस पोस्ट में हम तालीम को एक उड़ते जहाज़ के तोर पर देखेंगे जो खुशहाली की सीढियाँ चढ़ने मे मदद करता है। 

कमियाबी कि बुलंदियों के तरफ़ सफर करने के लिए जहाज़ की तरह तालीम भी बहुत ज़रूरी है। एक शिक्षित व्यक्ति अलग अलग वर्गों में तनाज़ात का सामना करने की सलाहियत हासिल करता है, जिस से उसके सोचने का अंदाज़ तरक़्क़ी करता है और उसकी अक़्ल मे इज़फ़ा होता है। 

जहाज़ में एक अच्छे कप्तान का होना ज़रूरी है जो सही दिशा में रहनुमाई कर सके, सही फ़ैसले कर सके और समस्या का समाधान कर सके। इसी तरह उस्ताज़ तालीम के जहाज़ के कप्तान हैं जो छात्रों की अच्छी तालीम की तरफ़ रहनुमाई करते हैं। 

तालीम का जहाज़ जिंदगी की तश्किल में मदद करता है, सोचने समझने की सलाहियत को बढ़ाता है और खुशहाली की तरफ़ ले जाता है। इसलिए हम सब को तालीम के इस जहाज़ में सफर करने की तर्गिब् देते हैं, ताकि हम खुशहाली और कमियाबी की बुलंदियों को छु सकें। 

Saturday, January 20, 2024

islamic history of jerusalem येरूशलम की इस्लामी इतिहास

January 20, 2024 0 Comments

Ai generate Jerusalem 

इस्लाम में येरूशलम तरीखी और मज़हबी दोनों लिहाज़ से बहुत अहम है। इस्लाम की मुक़द्दस किताब, कुरान, इस शहर का हवाला देता है और इसे इस्लामी तारीख की बहुत सारे अहम वाक़ियात और शख्सियात से जोड़ता है। 

मेराज और रात का सफ़र (इसरा व मेराज):

इस्लामी रवायत के मुताबिक़, पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम ने मक्का से येरूशलम तक एक मुजज़ाती रात का सफर किया, जिसे असरा कहा जाता है, और मस्जिदे अक्सा से आसमान पर चढ़ गए। इस वाक़िया का तज़्किरा क़ुरान मजीद मे सुरतुल् असरा में आया है। 

मस्जिदे अक्सा की तामीर:

येरूशलम के पुराने शहर में मौजूद मस्जिदे अक्सा को मक्का और मदीना के बाद इस्लाम का तीसरा मुक़द्दस तरीन मक़ाम समझा जाता है। मुसलमानो का अक़ीदा है कि मस्जिद को हज़रते सुलेमान अलैहिस्सलाम ने बनाया था और बाद में हज़रते ज़ुल् करनैंन ने उसकी पुनर्निर्माण कि थी। ये इबादतगाह है और इस्लामी वास्तुकला में इसकी बड़ी अहमियत है। 

शुरवाती (प्रारम्भिक) इस्लामी खिलाफतें:

पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम की वफ़ात के बाद येरूशलम खिलफतें राशिदीन के क़ब्ज़े मे आगया। दूसरे खलीफा उमर बिन अल्ख़िताब ने 637 ईस्वी में पुर अमन तरीक़े से शहर का कंट्रोल संभाल लियालिया। चट्टान का गुम्बद्, एक मशहूर इस्लामी मज़ार, खलीफा अब्दुल मलिक के दौर में 691 ईस्वी में तामीर किया गया था। 

सलेबी जंगे और येरूशलम की फतह:

येरूशलम ने धार्मिक जंगों के दौरान संघर्सो का एक सिलसिला देखा। सलाहुद्दीन एक मुस्लिम फौजी रहनुमा ने 1187 में कमियाबी के साथ सलिबियों से शहर पर क़ब्ज़ा कर लिया। फतह के दौरान उसके अज़मत की अक्सर इतिहास में तारीफ़ की जाती है। 

उस्मानी दौर:

येरुशलम सदियों तक उस्मानी सलतनत के अधीन रहा। उसमानियों ने शहर की तामिराती और स्क़फ़ती वर्से में अपना हिस्सा डाला, शहर की दीवारों और मुख्तलिफ इमारतों जैसे क़ाबिले ज़िक्र निशानात को पीछे छोड़ दिया। 

ब्रिटिश जनआदेश और आधुनिक युग:

पहली जंगे अज़ीम के बाद येरुशलम ब्रिटिश कंट्रोल में आगया। शहर की हैसियत एक विवादित मुद्दा बन गई, जिसकी वजह से यहूदि और अरब कॉम्यूनिटिव के बीच तनाव पैदा हो गया, 1947 में अक़्वामे मुत्तहिदा ने तक़सीम का मंसूबा पेश किया, जिसके नतीजे में 1948 में रियासत इसराइल का क्याम अमल में आया और उसके नतीज़े मे तनाज़आत शुरू हुए। 

येरुशलम आज:

ये शहर खित्ते में मज़हबी और सियासी तनाव का मर्कज़ बना हुआ है। यह इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष में एक प्रमुख तत्व है, जिसमें इजरायली और फिलिस्तीनी दोनों पूर्वी यरुशलम को अपनी रियासत के रूप में दावा करते हैं।

येरुशलम की इस्लामी इतिहास उसकी मज़हबी अहमियत के साथ गहराई से जुड़ी हुई है, जिसकी वजह से ये इस्लामी दुनिया मे एक पसंदीदा और विवादित शहर है। 

how can i build a dream11 fantasy cricket team ड्रीम11 में शानदार टीम बनाने की पूरी जानकारी

January 20, 2024 0 Comments

Hubaira Mohammadi
एक विजेता को dream 11 fantacy team बनाने के लिए बहुत सोच समझ की ज़रूरत होती है। इस पोस्ट के माध्यम से आज हम आप को step by step बताने वाले हैं A Winning Dream11 Fantacy Cricket Team बनाने का तरीक़ा।

  • Format को समझें :
सबसे पहले तुर्णमेंट के सिस्टम को जाने, फिर उसके अंडर खेलने वाले player catagory को पहचाने। 
  • Research Teams और खिलाड़ी :
हाल के मैचों में टीम और खिलाड़ी के प्रदर्शन को analyze करें।
खास परिस्थितियों में Form, consistency and track record जैसे कार्य पर विचार करें। 
  • Check Playing XIs :
सबसे पहले ये देखें की चुने हुए खिलाड़ी आने वाले मैचों मे हिस्सा ले रहे है या नहीं। 
टीम के खबर और अंतिम समय हुए बदलाव पर update रहे। 
  • अपनी टीम को balance करें :
अपने बजट को बल्लेबाजों, गेंदबाजों, ऑलराउंडरों और विकेटकीपरों के बीच समझदारी से बांटे।
खेल के सभी पहलुओं को कवर करने वाली एक संतुलित टीम बनाने का लक्ष्य रखें।
  • Pitch and weather conditions :
खेल की स्थितियों पर विचार करें, जैसे कि पिच का प्रकार, मौसम और स्थान।
कुछ खिलाड़ी खास परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
  • कप्तान और उप-कप्तान का चयन :
Captain और vice-Captain को सोच समझ कर चुनें क्योंकि कप्तान दोगुने अंक earn करता है, और उप-कप्तान 1.5 गुना अंक earn करता है।
  • टीम में कैसे खिलाड़ीयों को शामिल करे? 
मैच में ऐसे विजेता खिलाड़ीयो को शामिल करें जो बल्ले और गेंद दोनों से खेलने में योगदान दे सकते हैं।
अपनी टीम में आक्रामक और फ़ुर्तिले खिलाड़ीयों को शामिल करें।
  • Injury Updates:
हमेशा update रहें खिलाड़ी को चोट लगने और player exchange पर। 
ऐसे खिलाड़ीयों का चयन करने से बचें जिनका मैच खेलना doubtful हो सकता है।
  • प्लेयर क्रेडिट Values की निगरानी करें:
खिलाड़ी के क्रेडिट values उनके recent performance के आधार पर बदल सकते हैं।
सोच-समझकर निर्णय लेने के लिए इन बदलाव पर नज़र रखें।
  • अपनी प्रकृति पर विश्वास रखें:
हालाँकि डेटा और आँकड़े महत्वपूर्ण हैं, पर अंतिम चयन करते समय अपनी अंतरात्मा पर भरोसा रखें।
खेल के बारे में अपने ज्ञान के आधार पर आंतरिक भावनाओं और अंतर्ज्ञान पर विचार करें।
  • Regular Updates:
अंतिम समय में होने वाले किसी भी बदलाव, टॉस के नतीजे और अंतिम एकादश की घोषणाओं के बारे में सूचित रहें।
यदि आवश्यक हो तो समय सीमा से पहले अपनी टीम को adjust करें।

याद रखें, Dream11 जैसे खेलों में भाग्य का तत्व शामिल होता है, और कोई भी टीम लगातार सफलता की गारंटी नहीं देती है।  अपने अनुभवों और खेल की बदलती गतिशीलता के आधार पर अपनी रणनीति को लगातार सीखें और अपनाएं।

Tuesday, January 16, 2024

دین کا مقصد تزکیہ ہے ۔

January 16, 2024 1 Comments

دین کا مقصد تزکیہ ہے ۔ اِس کے منتہاے کمال تک پہنچنے کا ذریعہ اللہ اور بندے کے درمیان عبد و معبود کے تعلق کا اُس کے صحیح طریقے سے قائم ہو جانا ہے۔ یہ تعلق جتنا محکم ہوتا ہے، انسان اپنے علم و عمل کی پاکیزگی میں اتنا ہی ترقی کرتا ہے۔ محبت، خوف، اخلاص و وفا اور اللہ تعالیٰ کی بے پایاں نعمتوں اور بے نہایت احسانات کے لیے احساس و اعتراف کے جذبات، یہ اِس تعلق کے باطنی مظاہر ہیں۔ انسان کے شب و روز میں اِس کا ظہور بالعموم تین ہی صورتوں میں ہوتا ہے: پرستش، اطاعت اور حمیت و حمایت۔ انبیا علیہم السلام کے دین میں عبادات اِسی تعلق کی یاددہانی کے لیے مقرر کی گئی ہیں۔ نماز اور زکوٰۃ پرستش ہے۔ قربانی اور عمرہ کی حقیقت بھی یہی ہے۔ روزہ و اعتکاف اطاعت اور حج اللہ تعالیٰ کے لیے حمیت و حمایت کا علامتی اظہار ہے ۔

Monday, January 15, 2024

مشن جن سیوا: بہار پولیس کی پہل، گاؤں اور علاقوں کو آن لائن جوڑنے کا مقصد

January 15, 2024 0 Comments

بہار پولیس ریاست میں پولیس اور عوام کے درمیان بہتر تال میل کے لیے پہل کر رہی ہے۔  اب واٹس ایپ گروپ بنایا جائے گا۔  اس کا مقصد یہ ہے کہ پولیس گاؤں یا محلے کے ہر فرد سے رابطہ کرے، اگر جسمانی طور پر نہیں، تو کم از کم آن لائن میڈیم کے ذریعے۔  اس گروپ کے ذریعے لوگ اپنے خیالات پولیس تک پہنچا سکیں گے۔  عام لوگوں کو بھی آگے آنا ہو گا اور گروپ میں شامل ہونا ہو گا۔  پولیس کو کوئی خاص اطلاع دینے والوں کی شناخت صیغہ راز میں رکھی جائے گی۔

اگر پولیس اپنے خیالات کا اظہار کرنا چاہتی ہے یا لوگوں کو آگاہ کرنا چاہتی ہے تو وہ واٹس ایپ پلیٹ فارم استعمال کر سکے گی۔  اس کے لیے بہار پولیس نے مشن جن سیوا کے تحت یہ فیصلہ لیا ہے۔  اس کے ساتھ ساتھ یہ ہدف بھی مقرر کیا گیا ہے کہ نئے سال میں ہر گاؤں اور علاقے کے لوگ اس میں شامل ہوں گے۔  ریاست کے گاؤں اور محلہ کی سطح پر شہریوں کو پولیس واٹس ایپ گروپ سے جوڑنے کے لیے جلد ہی تیاریاں شروع کی جائیں گی۔

کہا گیا ہے کہ کوئی بھی شہری اپنی خواہش کے مطابق اس گروپ میں شامل ہو سکتا ہے۔  اس کے لیے پولیس ہیڈ کوارٹر کی جانب سے جاری کردہ ہدایات میں کہا گیا ہے کہ کوئی بھی شہری رضاکارانہ طور پر پولیس خدمات تک آسان رسائی اور تعاون کے لیے گروپ میں شامل ہوسکتا ہے۔  اس گروپ میں پولیس کی طرف سے ضروری معلومات مسلسل دی جائیں گی۔  اس سے کسی بھی واقعے پر افواہوں کو روکنے میں مدد ملے گی۔  اس کے علاوہ سائبر سمیت دیگر چیزوں کے بارے میں بھی لوگوں کو آگاہ کیا جائے گا۔

سائبر فائٹر نے اپنا مقصد پورا نہیں کیا۔

بہار میں اگست 2018 کے مہینے میں لوگوں اور  پولیس کے درمیان تال میل کے لیے پولیس اسٹیشن، سب ڈویژن اور ضلع کی سطح پر سائبر سینانی گروپ تشکیل دیا گیا تھا۔ چند دنوں کے بعد یہ گروہ اہم معلومات فراہم کرنے کے بجائے لوگوں کے لیے پروپیگنڈے کا ذریعہ بن گیا۔ اس پر مبارکباد اور نیک خواہشات رہنماؤں کا پروموشنل مواد اور مختلف ایجنسیوں کے لیے اپنی مصنوعات کی تشہیر کا ذریعہ بن گیا۔ جس کی وجہ سے وہ پولیس کے ساتھ ہم آہنگی اور ضروری معلومات فراہم کرنے کا اپنا مقصد پورا نہیں کر سکا۔ ایسی صورت حال میں دوبارہ گروپ بنانا اور مقصد کو پورا کرنا ایک چیلنج ہوگا۔

 ماخذ: ہندوستان

معروف شاعر منور رانا دل کا دورہ پڑنے سے انتقال کر گئے، لکھنؤ میں آخری سانس لی

January 15, 2024 0 Comments

منور رانا
معروف شاعر منور رانا اتوار کو انتقال کر گئے۔  اطلاعات کے مطابق انہوں نے 71 سال کی عمر میں آخری سانس لی۔  وہ کچھ عرصے سے سنجے گاندھی پوسٹ گریجویٹ انسٹی ٹیوٹ آف میڈیکل سائنس، لکھنؤ میں زیر علاج تھے۔  منور رانا کو ساہتیہ اکادمی ایوارڈ سے بھی نوازا گیا۔  تاہم انہوں نے حکومت سے ناراضگی کا اظہار کرتے ہوئے اپنا ایوارڈ واپس کرنے کا اعلان کیا تھا۔  منور رانا کافی عرصے سے علیل تھے۔  اسے گلے کا کینسر تھا۔

ان کی بیٹی سومیا نے بتایا کہ رانا کو ان کی وصیت کے مطابق پیر کو لکھنؤ میں سپرد خاک کیا جائے گا۔ رانا نے پسماندگان میں اہلیہ، پانچ بیٹیاں اور ایک بیٹا چھوڑا ہے۔

رانا کے بیٹے تبریز رانا نے بتایا کہ وہ بیماری کی وجہ سے کئی دنوں سے ہسپتال میں داخل تھے۔ انہیں پہلے لکھنؤ کے میدانتا اور پھر ایس جی پی جی آئی میں داخل کرایا گیا، جہاں انہوں نے اتوار کی رات تقریباً 11 بجے آخری سانس لی۔

منور رانا 26 نومبر 1952 کو رائے بریلی، اتر پردیش میں پیدا ہوئے۔ وہ اردو ادب میں اپنی اہم خدمات کے لیے جانے جاتے ہیں۔ 2014 میں، انہیں 'شاہدابہ' نظم کے لیے ساہتیہ اکادمی ایوارڈ سے نوازا گیا۔ ان کی شاعری بہت سادہ الفاظ پر مبنی ہوتی تھی جس کی وجہ سے وہ عام لوگوں میں مقبول ہوئے۔

کئی معروف شخصیات نے منور رانا کے انتقال پر دکھ کا اظہار کیا ہے۔ اتر پردیش کے سابق وزیر اعلی اکھلیش یادو نے ٹویٹ کر کے غم کا اظہار کیا ہے۔

کئی اعزازات سے نوازا گیا۔

انہیں کئی اعزازات اور اعزازات سے نوازا گیا جن میں امیر خسرو ایوارڈ، میر تقی میر ایوارڈ، غالب ایوارڈ، ڈاکٹر ذاکر حسین ایوارڈ اور سرسوتی سماج ایوارڈ سمیت دیگر شامل ہیں۔

پوری دنیا میں اس کے مداح ہیں۔

منور رانا کی نظم ’’ما‘‘ جن کا شمار ہندوستان کے نامور شاعروں میں ہوتا ہے، اردو ادب کی دنیا میں ایک الگ مقام رکھتی ہے۔ دنیا بھر میں ایسے لوگ موجود ہیں جو اردو شاعری کی مشہور شخصیت رانا کی شاعری کو پسند کرتے ہیں۔ منور رانا کی سٹیجوں پر موجودگی بہت خاص تھی۔ کوئی شعری کانفرنس یا مشاعرہ سٹیج پروگراموں میں اپنی والدہ پر شاعری کے بغیر مکمل نہیں ہوتا تھا۔ اس کے ساتھ ساتھ بیٹیوں کی تکالیف اور مہاجر جیسے مضامین نے ان کی تخلیقات میں لوگوں کو بہت متاثر کیا۔

Source NDTV

Friday, January 12, 2024

بہار کے مدارس میں بھی ہو اسکولز کی طرح جلد اور صاف شفاف بحالی

January 12, 2024 0 Comments

مفتی آفتاب رشکِ مصباحی
تعلیم انسان کی بنیادی ضرورت ہے۔ تعلیم کے بغیر نہ کوئی سماج ترقی پذیر ہو سکتا ہے، نہ ترقی یافتہ ۔ اسی لیے پوری دنیا میں تعلیم پر خصوصی توجہ دی جاتی ہے۔ عوامی انفرادی اور اجتماعی کوششوں کے علاوہ حکومت و مملکت باضابطہ تعلیم کے لیے ہر سال اچھا خاصہ بجٹ پاس کرتی ہے۔ اسکولز اور کالجز میں تعلیم و تعلم پر موٹی رقمیں صرف ہوتی ہیں۔ سرکاری سطح پر اساتذہ کی بحالی ہوتی ہے، بعض ریاستوں اور ملکوں میں باضابطہ اسکولز اور کالجز کے قریب چند کیلو میٹر کے اندر ہی اساتذہ کالونیز بنائی جاتی ہیں تاکہ وہ دور دراز کی لمبی اور ٹائم ٹیکر مسافت سے بچ کر زیادہ سے زیادہ وقت بچوں کے بہتر مستقبل کے لیے درس و تدریس کو دے سکیں۔ ہمارا ملک بھارت جو قدیم زمانے سے تعلیم و تعلم کے میدان میں اپنی نمایاں اور منفرد پہچان رکھتا ہے، مختلف زاویوں سے ملک کو تعلیم یافتہ بنانے کی بھرپور کوشش کر رہا ہے۔ جس کے نتیجے میں بعض صوبوں کی شرح تعلیم میں کافی کچھ اضافہ ہوا ہے، جب کہ بعض ابھی ترقی پذیر ہیں۔ بھارت کے صوبوں میں تعلیمی اعتبار سے نہایت پچھڑا ہوا صوبہ بہار بھی نتیش کمار کی حکومت میں اپنا تعلیمی گراف بلند کرنے میں لگا ہوا ہے۔ ادھر تقریباً دس بارہ سالوں میں اسکولز اور کالجز میں اساتذہ کی بحالیاں ہوئی ہیں اور ابھی بھی مسلسل ہو رہی ہیں۔ جس کے لیے نتیش سرکار بجا طور پر مبارک باد کی مستحق ہے۔ 

یوں تو ہماری آنکھوں نے ان بحالیوں کو بھی دیکھا ہے، جو مکھیا اور سرپنچ کے زیر اثر ہوا کرتی تھیں ۔ اف ! کس قدر کرپٹ بحالیاں تھیں۔ ہزاروں نہیں لاکھوں گھونس لیے جاتے تھے۔ جس میں بسا اوقات ہی نہیں، اکثر ایسے لوگ جو تعلیمی اعتبار سے ان عہدوں کے لائق ہوا کرتے تھے ، بحال نہیں ہو پاتے تھے۔ کیوں کہ ان کے پاس گھونس دینے کے لیے لاکھوں روپیے نہیں ہوا کرتے تھے۔ اور سفید پوش مکھیا، سرپنچ، ودھایک اور نیتا لوگوں کی  جیب بھرنے والے "پیسہ پھینکو، تماشہ دیکھو" کے تحت کم خواندہ قسم کے لوگ بآسانی بحال ہو جایا کرتے تھے۔ یہ حال صرف اسکولز اور کالجز ہی میں نہیں تھا، بلکہ اسکولز اور کالجز  کی طرح بہار سرکار کے تحت چلنے والے دو اور سرکاری بورڈز کا بھی تھا۔ ایک تعلیمی مرکز جس کے تحت اسکولز میں بحالی ہوتی ہے اور دوسرا مدارس جس کے تحت سرکاری مدرسوں میں اساتذہ بحال ہوتے ہیں۔  یہ حال " تھا"  نہیں،  بلکہ  یہ حال اب بھی " ہے" ۔ تعلیمی مرکز اور مدارس میں بحال کرنے  کے لیے مکھیا ،سرپنچ اور ودھایک لوگ  نیز مدارس میں بحال  کرنے کے لیے مدرسوں کے صدور و سکریٹیز اور انتظامیہ کمیٹی موٹی رقمیں گھونس میں مانگتے ہیں۔ اور بات ہزاروں میں نہیں ، لاکھوں میں کرتے ہیں۔ ایسے میں اعلی تعلیم یافتہ باصلاحیت اساتذہ ، جن کے پاس علم و ہنر تو ہے، لیکن گھونس دینے کے لیے پیسے نہیں ہیں، بحال نہیں ہو پاتے ہیں۔ 

بھلا ہو نتیش سرکار ، بہار کے وزیر تعلیم اور بہار اسکول تعلیمی بورڈ کے ممبران کا  کہ انھوں نے اسکولز اور کالجز کی بحالی بی پی ایس سی کے تحت کر دی ہے، جہاں آن لائن امتحان پاس کیجیے اور مفت میں بحالی پاییے۔ بی پی ایس سی کے تحت امتحان پاس کرنے کے بعد بحالی کے طریقے سے سب سے بڑا فائدہ یہ ہوا ہے  کہ اب جو اساتذہ بحال ہو رہے ہیں وہ اپنی قابلیت کی وجہ سے بحال ہو رہے ہیں۔ تعلیمی ڈگری کے ساتھ ٹیچر ٹریننگ ڈگری اور سی ٹیٹ پھر بی پی ایس سی پاس کرنے کی وجہ سے کم سے کم وہ پڑھتے لکھتے تو ہیں۔ ان کا علم کسی حد تک مستحضر تو ہے۔ کتابوں سے ایک گونہ تعلق تو ہے۔ مزید جس محنت سے انھوں نے تعلیم حاصل کی اور جس جاں فشانیوں سے بی پی ایس سی نکال کر وہ تدریس کے میدان میں اترے ہیں ان سے نہ صرف حکومت ، بلکہ سماجی سطح پر عوام میں بھی ایک جوش دیکھنے کو مل رہا ہے۔ انھیں بھی اب لگ رہا ہے کہ واقعی سرکاری اسکولز میں اب تعلیم اچھی ہو سکتی ہے۔ ان تمام پر مستزاد جناب کے کے پاٹھک صاحب کی کڑی نگرانی تعلیمی ماحول کو سازگار بنانے میں معاون و مددگار ثابت ہو رہی ہے۔ انھوں نے جس جرات و ہمت کے ساتھ تعلیمی نظام کو مضبوط کرنے میں  عملا اساتذہ کو لگایا ہے"دیر آید درست آید " کے تحت قابل ستائش کوشش ہے۔ اور یہ نگرانی سرد نہیں پڑنی چاہیے۔کل تک جن اسکولز اور کالجز میں دو چند  طلبہ اور دو چند اساتذہ وقت گزاری کر رہے تھے، آج انھیں اسکولز اور کالجز میں سارے اساتذہ اور زیادہ سے زیادہ طلبہ و طالبات تعلیم و تعلم میں مصروف نظر آتے ہیں۔ پورا اسکول بچوں  اور اساتذہ سے بھرا رہتا ہے۔ کلاسز فل رہتی ہیں۔ وقت پر اساتذہ اور بچوں کا اسکول آنا اور وقت پر ہی جانا ایک خوش آئند  تعلیمی مستقبل کا پیش خیمہ ہے۔

لیکن، بہار سرکار اگر ہر پہلو سے بہار کو تعلیم یافتہ صوبہ بنانا چاہتی ہے اور بہار کی شرح تعلیم میں خاطر خواہ اضافہ کرنا چاہتی ہے تو اسے اسلوکز کی طرح مدارس  کی بحالی میں بھی تیزی اور شفافیت لانی ہوگی۔ بی پی ایس سی کے طرز پر مدارس میں بھی مختلف امتحانات سے ہو کر ہی بحالی کا نظام بنانا ہوگا تاکہ مدارس کے صدرو و سکریٹریز کی من مانی رشوت خوری کا بازار سرد ہو اور قابل ، باصلاحیت اساتذہ بحال ہوں تاکہ وہاں کی تعلیمی و تدریسی صورت حال بھی بہتر ہو سکے۔ کتنے ایسے سرکاری  مدارس ہیں ، جہاں سالوں کوئی کلاس نہیں ہوتی، صرف وسطانیہ ، فوقانیہ اور مولوی کے فارم بھرے جاتے ہیں۔ بعض سرکاری مدرسے تو ایسےہیں کہ ان کے پاس صحیح ڈھنگ کی کوئی بلڈنگ بھی نہیں ہے جہاں اگر طلبہ پہنچ جائیں تو ان کی کلاس  بھی ہو سکے۔ نہ مدرسین کے رہنے  کے قابل رہائشی کمرے ہیں ، نہ کلاس روم، نہ کوئی لائبریری ۔ بس ایک ڈھانچہ بنا دیا گیا ہے ۔ سرکاری مدرسے کا بورڈ لگا دیا گیا ہے۔ اساتذہ ہیں ،نہیں ہیں۔ بچے آتے ہیں ،نہیں آتے ہیں۔ پڑھائی ہو رہی ہے، نہیں ہو رہی ہے۔ اس سے کسی کو کوئی مطلب نہیں۔ نہ وہاں بحال مدرسین کو، نہ مدارس چلانے والے صدرو وسکریٹریز اور انتظامیہ کو اور نہ ہی بہار سرکار کو۔ بس ہر سال کوٹے کے حساب سے وسطانیہ ، فوقانیہ اور مولوی کے فارم بھرے جانے چاہیے ۔ ہو گیا کام ختم۔ یہ صورت حال کس قدر افسوس ناک ہے یہ کسی بھی ہوش مند ، باشعور انسان سے پوشیدہ نہیں۔ لیکن" کون سنتا ہے فغان درویش"۔ کس کو پڑی ہے مدارس کے حالات کو بہتر کرنے کی۔ جب خود مسلم سماج ، سرکاری مدارس کے ذمہ داران اور وہاں بحال اساتذہ کو اس کی فکر نہیں ہے تو بھلا کسی کو کیا پڑی ہے سر دردی مول لینے کی۔ مگر، اتنا یاد رکھنا چاہیے کہ اگر کسی سماج کا ایک حصہ ترقی یافتہ ہونے سے، تعلیم یافتہ ہونے سے پیچھے رہ گیا تو لاکھ کوششوں کے باوجود وہ سماج ترقی یافتہ اور تعلیم یافتہ نہیں ہو سکتا۔ اگر صوبہ بہار کو تعلیم یافتہ اور ترقی یافتہ بنانا ہے تو اس کے تمام تر تعلیمی ڈھانچے اور نظام کو بہتر کرنا ہوگا۔ 

زمینی سچائی تو یہ بھی ہے کہ کتبے ایسے سرکاری مدارس آپ کو ملیں گے جہاں کئی کئی سالوں سے رٹائڑڈ ہونے والے استذہ کی جگہیں خالی پڑی ہیں۔ لیکن ، کئی سال گزر جانے کے باوجود اب تک وہاں کسی کو بحال نہیں کیا گیا ہے۔ بعض دکھ درد کے مارے ایسے حضرات بھی آپ کو مل جائیں گے جنھوں نے سرکاری نوکری کے لیے مدارس کے صدرو و سکریٹریز حضرات کو لاکھوں روپیے گھونس دیے ہیں ، مگر وہ بھی اب مایوس سے ہو رہے ہیں۔بہار سرکار کو اس حوالے سے نئی پالیسی بنانی چاہیے اور بی پی ایس سی کے تحت یا کم از کم اسی سطح سے اور اسی طرز پر بہار سرکاری مدارس میں بحالیاں لانی چاہیے۔ تاکہ بہار سرکار کے تحت چل رہے اس تعلیمی نظام میں بھی شفافیت آئے اور یہاں کا بھی تعلیمی و تدریسی ماحول بہتر سے بہتر ہو سکے۔ کس قدر مضحکہ خیز بات ہے کہ جن مدارس میں قرآن و حدیث کی روشنی میں رشوت کے حرام ہونے کا سبق پڑھایا جا رہا ہے،وہاں  رشوت کے حرام ہونے کا نظریہ رکھنے والے مسلمان عوام کم، علما اور مشائخ (چوں کہ مدارس اکثر یہی کھولتے  اور چلاتے ہیں) بحالی کے نام پر لاکھوں لاکھ رشوت کا ماحول بنائے ہوئے ہیں۔  کچھ لوگوں نے تو ایسے ایسے طریقے اپنا رکھے ہیں جسے محاورے میں "چور چور موسیرا بھائی" کہا جانا چاہیے۔ بحالی اپنے ہی خاص رشتہ داروں کی کرتے ہیں اگرچہ دور کا رشتہ دار ہو تاکہ رشوت یا گھوٹالے کا کوئی معاملہ ہو تو آپس ہی میں رہے اور رشتہ داری کی لاج رکھی جائے۔ بعض لوگ رشوت لے کر پہلے ہی فائنل کیے ہوتے ہیں کہ کسے بحال کرنا ہے۔ جھوٹ موٹ کا ایک اشتہار اخبار میں دیں گے اور چند لوگوں کو بلائیں گے ۔ ان کا زبانی انٹرویو لیں گے ، واپس جانے کے چند دنوں بعد میل کر دیں گے کہ جناب ! آپ کا نہیں ہو سکا۔ اور جسے کرنا ہوتا ہے چوں کہ وہ تو پہلے سے طے ہوتا ہے بلاکر رکھ لیا جاتا ہے۔ "سانپ بھی مر گیا اور لاٹھی بھی نہیں ٹؤٹی"۔ بحالی بھی ہو گئی، رشوت بھی مل گئی۔  واہ! بہت خوب ۔  مگر ، تعلیم و تعلم اور صلاحیت و قابلیت کا تو  جنازہ نکل گیا۔ لیکن، اس کی کون پروا کرتا ہے۔صلاحیت و قابلیت دیکھیں گے ، پڑھنے لکھنے والے اساتذہ بحال کریں گے تو رشوت کہاں سے ملےگی۔ ہے نا۔  اس لیے بہار سرکار کو اسکولز اور کالجز کی طرح سرکاری مدارس میں بھی بی پی ایس سی کے طرز پر جلد اور صاف و شفاف بحالی لانی چاہیے تاکہ یہاں بھی باصلاحیت اساتذہ بحال ہوں، کلاسز کا نظام بہتر ہو اور بہار ایجوکیشن مدرسہ بورڈ کے ذریعہ صحیح معنوں میں وہاں داخلہ لینے والے طلبہ و طالبات کو بہتر تعلیم مل سکے۔بہار مدرسہ ایجوکیشن بورڈ پٹنہ میں اس وقت نئے چیرمین، نئے سکریٹری بحال ہوئے ہیں۔ اس وقت بہار سرکار خصوصی طور پر تعلیمی بحالی اور تعلیمی سطح کو بلند کرنے پر زور دے رہی ہے۔ کاش! ایک کوشش سرکاری مدارس کے حق میں بھی ہو جائے۔ کے کے پاٹھک کی طرح یہاں بھی کوئی دنبگ اور اصول کا پکا

شخص آگے آئے اور مدراس کے نظام کو بہتر بنائے۔ بہار سرکار سے امید تو ہے کہ وہ ادھر بھی پہل کرےگی۔ مگر، دیکھیے! رشوت خوری کا کوہرا کب چھٹتا ہے اور  بی پی ایس سی کے طرز پر صاف شفاف بحالی کا آسمان کب  صاف ہوتا ہے۔ مزید ہمارے مسلم سماج کے لوگ، علما اور مشائخ حضرات کب اپنی پرانی روش ، سستی ، کاہلی، جیسا چل رہا ہے ویسا ہی چلنے دو ، کی لپٹی ہوئی چادر سے کب باہر آتے ہیں۔عوام اور نئی نسل کو بیدار ہونے کی ضرورت ہے اور صرف بیدار نہیں اس مطالبے کو ایک تحریک کے طور پر آگے بڑھانے کی ضرورت ہے۔ 

اگرچہ بت ہیں جماعت کی آستینوں میں

  ہمیں ہے حکم اذاں لا الہ الا اللہ

Wednesday, January 10, 2024

بہار میں اب الگ کھیلوں کا شعبہ ہوگا، کیبنٹ کی منظوری

January 10, 2024 0 Comments

جنوری بہار میں اب آرٹ، کلچر اور یوتھ ڈپارٹمنٹ سے الگ کھیل کا محکمہ ہوگا۔ پیر کو ہوئی بہار کابینہ کی میٹنگ میں اس تجویز کو منظوری دی گئی۔ بہار کابینہ سکریٹریٹ کے ایڈیشنل چیف سکریٹری ڈاکٹر ایس سدھارتھ نے بتایا کہ وزیر اعلیٰ نتیش کمار کی صدارت میں ہوئی اس میٹنگ میں کل 19 تجاویز کو منظوری دی گئی۔

انہوں نے کہا کہ آرٹ، کلچر اور یوتھ ڈیپارٹمنٹ سے الگ 'اسپورٹس ڈیپارٹمنٹ' کے قیام کی منظوری دی گئی۔ کھیلوں کی ترقی اور کھلاڑیوں کی فلاح و بہبود کا کام محکمہ کھیل کرے گا۔ آرٹ کلچر ڈیپارٹمنٹ کے تحت کام کرنے والی بہار اسٹیٹ اسپورٹس اتھارٹی کو بھی اس میں شامل کیا جائے گا اور تمام کھیلوں کی سرگرمیوں کو تیار کیا جائے گا۔

اس کے علاوہ آنگن واڑی میں خادماؤں اور معاونین کے اعزازیہ میں اضافے کی تجویز کو بھی ہری جھنڈی دے دی گئی ہے۔ اب ریاست میں آنگن واڑی ورکر کو 7 ہزار روپے اور ہیلپر کو 4 ہزار روپے ملیں گے۔ پنچایتی راج اداروں کے نمائندوں کے الاؤنس میں بھی اضافہ کیا گیا ہے۔

دھند کی وجہ سے پٹنہ کی چار پروازیں منسوخ، 32 طیارے تاخیر کا شکار

January 10, 2024 0 Comments

پٹنہ ایئرپورٹ پر پیر کو بھی پروازوں میں تاخیر کی وجہ سے مسافروں کو پریشانی کا سامنا کرنا پڑا۔  دھند کی وجہ سے پٹنہ سے آٹھ پروازیں منسوخ کر دی گئیں، جبکہ 32 پروازیں تاخیر کا شکار ہوئیں۔  طیاروں کی تاخیر سے ایئرپورٹ پر صبح سے مسافروں کا رش رہا۔  تاہم، دن گزرنے کے ساتھ ساتھ نمائش میں بہتری آئی جس کے بعد ہوائی جہاز کی نقل و حرکت دوبارہ شروع ہوئی۔

پیر کو پہلا طیارہ دوپہر 12.45 پر اترا۔ دوسرے شہروں سے پروازوں میں تاخیر کی وجہ سے کئی طیارے پٹنہ ہوائی اڈے پر تاخیر سے پہنچے۔ یہاں پروازوں کی منسوخی کی وجہ سے مسافروں کو ضروری سفر کرنے میں دشواری کا سامنا کرنا پڑا۔ ایئرلائن نے دعویٰ کیا ہے کہ انہوں نے پروازوں کی منسوخی کے بارے میں مسافروں کو مطلع کیا ہے، جب کہ کئی مسافر پٹنہ ایئرپورٹ پہنچے جس کے بعد انہیں پرواز کی منسوخی کی اطلاع ملی۔

چار جوڑی پروازیں منسوخ کر دی گئیں۔

 6E 6719/432 – حیدرآباد – پٹنہ – حیدرآباد

 6E 2769/2134 – دہلی – پٹنہ – دہلی

 6E 925/6902 – رانچی- پٹنہ-رانچی

 6E 7944/7945 – دیوگھر-پٹنہ-دیوگھر

یہ پروازیں تاخیر کا شکار ہوئیں

 یوکے 717 دہلی پٹنہ 1 گھنٹہ 44 منٹ

 ایس جی 8721 دہلی- پٹنہ 2 گھنٹے 20 منٹ

 6E 6902 لکھنؤ - پٹنہ 2 گھنٹے 8 منٹ

 6E 2373 دہلی – پٹنہ 2 گھنٹے 22 منٹ

 6E 255 بنگلورو- پٹنہ 1 گھنٹہ 22 منٹ

 AI 673 ممبئی – پٹنہ 1 گھنٹہ 23 منٹ

 ایس جی 322 حیدرآباد - پٹنہ 2 گھنٹے 4 منٹ

 6E 2043 ممبئی – پٹنہ 1 گھنٹہ 26 منٹ

 AI 415 دہلی پٹنہ 22 منٹ

 6E 6451 بنگلورو پٹنہ 1 گھنٹہ 15 منٹ

 6E 6917-کولکتہ-پٹنہ-کولکتہ-23 منٹ

 6E 6277- بنگلورو - پٹنہ - بنگلورو - 48 منٹ

 6E 632- کولکتہ – پٹنہ – کولکتہ – 1 گھنٹہ 13 منٹ

 6E 2214- دہلی – پٹنہ – دہلی – 1 گھنٹہ 15 منٹ

 6E 2695- دہلی – پٹنہ – دہلی – 25 منٹ

 6E 5173- ممبئی – پٹنہ – ممبئی – 45 منٹ

 اس کے ساتھ ہی دہلی اور مغل سرائے کے درمیان ٹرینوں میں تاخیر سب سے زیادہ ہے۔ تیجس راجدھانی پیر کو دہلی سے پٹنہ آ رہے ہیں، ایک گھنٹہ، شرم جیوی سابق۔ 30 منٹ، سمپورنکرانتی 20 منٹ، برہمپترا میل 5 بجکر 15 منٹ، مگدھ ایکسپریس۔ 5 گھنٹے، اسلام پور ہٹیا 1 گھنٹہ 13 منٹ، وکرم شیلا سابق۔ 2گھنٹے کی تاخیر سے پٹنہ پہنچا۔

 لمبی دوری کی ٹرینوں کے علاوہ مسافر ٹرینوں کو بھی تاخیر کا سامنا ہے۔ پٹنہ-گیا ریلوے لائن، پٹنہ-بکسر ریلوے سیکشن اور پٹنہ-موکاما ریلوے سیکشن کی مسافر ٹرینوں میں تاخیر کی وجہ سے روزانہ مسافروں کو پریشانی کا سامنا کرنا پڑ رہا ہے۔

 ماخذ: ہندوستان

دنیائے کرکٹ میں مظفر پور کا وقار بڑھا رہا ہے سوارنمول رتن، کریک ہیروز کے لیے نامزد

January 10, 2024 0 Comments

مظفر پور شہر سے باہر نکل کر انٹرنیشنل کرکٹ کی دنیا میں اپنا نام بنانے والے شہباز ندیم کی کامیابی کے بعد شہر کی انٹرنیشنل کرکٹ کی امیدیں ایک بار پھر روشن ہو گئی ہیں۔کرکٹ کی دنیا میں صرف 12 سال کے سنہری دور، مظفر پور سمیت پورے بہار کا فخر ہے۔  شہر کے گوبرساہی محلہ کے رہائشی امول رتنا کے بیٹے سوارنمول رتنا نے کم عمری میں ہی کرکٹ کی دنیا میں ایک مضبوط بلے باز کے طور پر اپنی ساکھ قائم کر لی ہے۔

ویب سائٹ "کرک ہیروز"، جو ہندوستان میں تقریباً تمام کرکٹ کھلاڑیوں کا ریکارڈ رکھتی ہے، نے ملک بھر میں موجود تقریباً چار کروڑ کرکٹرز میں سے سوارنمول رتن کو ایمرجنگ بیٹر کیٹیگری کے لیے نامزد کیا ہے۔ ویب سائٹ کے ذریعہ اس زمرے میں کل دس کھلاڑی شامل کیے گئے ہیں جن میں سوارنمول رتنا بھی شامل ہے۔ آپ کو بتاتے چلیں کہ کرک ہیروز نے ان کھلاڑیوں کا انتخاب 2023 کے میچوں میں ملک بھر سے ابھرتے ہوئے کرکٹرز کی کارکردگی کی بنیاد پر کیا ہے۔

گزشتہ سال 2023 میں کھیلے گئے میچوں میں سوارنمول رتن کی کارکردگی کے بارے میں بات کریں تو انہوں نے مجموعی طور پر 117 اننگز میں 5009 رنز بنائے جس میں اس طرح کے کئی اہم میچ بھی شامل ہیں جب 276 رنز کا تعاقب کرتے ہوئے سوارنمول رتنا نے اکیلے 99 گیندوں پر 11 چھکے لگائے۔بین الاقوامی کرکٹر شیوم ماوی نے بھی اس کارکردگی کے لیے سوارنمول رتن کی تعریف کی۔بیٹنگ میں ان کی بہترین کارکردگی کی وجہ سے سورنمول رتنا کا نام آج ملک کے ابھرتے ہوئے بلے بازوں میں شامل ہے۔

سوارنمول کا کہنا ہے کہ انہوں نے اپنے اسکول سے ہی کرکٹ کھیلنا شروع کی جہاں اسکول کے استاد طالب علی نے ان کی صلاحیتوں کو پہچانا اور ان کی حوصلہ افزائی کی۔ابتدائی دنوں میں کھیلنے کے بعد سوارنمول نے فیصلہ کیا کہ اب انہیں کرکٹ کو اپنی زندگی بنانا ہے اور سوارنمول کے سرپرستوں میں شرندیپ سنگھ بھی شامل تھے۔ مشہور بین الاقوامی کرکٹر اور بی سی سی آئی کے سابق سلیکٹر، بہار کرکٹ ٹیم کے کپتان، اور طارق الرحمان، جو ایئر انڈیا اور سعودی عرب ٹیم کے کوچ تھے اور بین الاقوامی کرکٹ میں۔ہندوستانی کھلاڑی اور پنکج سنگھ، جو راجستھان کرکٹ کے لیے رنجی کھیل چکے ہیں۔ ٹیم بھی شامل ہے۔

سوارنمول نے بتایا کہ آج انہوں نے کرکٹ میں جو بھی مقام حاصل کیا ہے، اس میں ان کے کوچ کا بڑا کردار رہا ہے۔ سوارنمول اس وقت ہندوستانی بلے باز شیکھر دھون کی سرپرستی میں چلنے والی تنظیم پش اسپورٹس میں تربیت لے رہے ہیں، اس کے ساتھ ساتھ دیگر کئی معروف اداروں میں بھی تربیت حاصل کر رہے ہیں۔ وہ اتر پردیش کرکٹ ایسوسی ایشن کے زونل ٹرائل سلیکشن اور دہلی گورنمنٹ کے دہلی اسٹیٹ اسکول زونل جیسے بڑے ایونٹس میں بھی کرکٹ کھیل چکے ہیں۔

 سوارنمول رتنا کے والد امول رتنا کا کہنا ہے کہ سوارنمول کرکٹ کا بہت شوقین ہیں، وہ روزانہ 4 سے 6 گھنٹے میدان میں پریکٹس کرتے ہیں، ان کا مزید کہنا ہے کہ سوارنمول کی والدہ نکی گپتا کا کورونا کے دور میں انتقال ہوگیا، ان کی والدہ نے ہمیشہ اپنی والدہ کا خواب پورا کیا کہ سوارنمول انٹرنیشنل کرکٹ میں بھارت کے لیے کھیلنا چاہیے، سوارنمول کھیل کے میدان میں دن رات پسینہ بہا رہے ہیں۔

مظفر پور کے اس ابھرتے ہوئے کھلاڑی کو اس وقت آپ کے تعاون کی ضرورت ہے، سوارنمول رتن کو اپنی ویب سائٹ پر ایمرجنگ بیٹر کے لیے "کرک ہیروز" نے نامزد کیا ہے، ویب سائٹ پر کھلاڑی کی کارکردگی کو مدنظر رکھتے ہوئے ووٹنگ لائن عوام کے لیے دستیاب کرائی جائے گی۔ کھول دیا گیا.

عوام اس مقابلے میں مظفر پور کے سوارنمول رتن کو ووٹ دینے کے لیے اپنے انٹرنیٹ براؤزر کا استعمال کر سکتے ہیں۔

https://awards.cricheroes.in/popularity-awards/emerging-batter-2023

آپ مظفر پور کی ویب سائٹ پر جا کر سوارنمول کو ووٹ دے سکتے ہیں، عوام کا ایک ایک ووٹ مظفر پور کے اس کھلاڑی کو قومی شناخت دلانے میں ایک قدم ثابت ہوگا۔

26 کھلاڑیوں کو ارجن ایوارڈ.. محمد شمی کو ارجن ایوارڈ دیا گیا۔

January 10, 2024 0 Comments

ہندوستان کے بہترین کارکردگی کا مظاہرہ کرنے والے کھلاڑیوں کو منگل کے روز ایک شاندار تقریب میں صدر دروپدی مرمو نے قومی کھیل ایوارڈز سے نوازا، جہاں کرکٹر محمد شمی تالیوں کی گرج کے درمیان راشٹرپتی بھون پہنچے۔  اس میں سب سے بڑا اعزاز کھیل رتن ایوارڈ بیڈمنٹن اسٹار جوڑی چراگ شیٹی اور ستوک سائراج رینکیریڈی کو دیا گیا ہے، جب کہ اسٹار کرکٹر محمد شمی کو ارجن ایوارڈ سے نوازا گیا ہے۔  اس بار محمد شمی سمیت 26 کھلاڑیوں کو ارجن ایوارڈ سے نوازا گیا ہے۔

بیڈمنٹن کھلاڑی چراگ شیٹی اور ستوک سائراج رینکیریڈی کو 2023 میں ان کی شاندار کارکردگی کے لیے باوقار میجر دھیان چند کھیل رتن ایوارڈ کے لیے منتخب کیا گیا۔ اس نے 2023 میں ایشین گیمز میں بیڈمنٹن میں اپنا اور ملک کا پہلا Gold Medal 🏅جیتا تھا۔ اس کے علاوہ ایشین چیمپئن شپ اور انڈونیشیا اوپن سپر 1000 کا ٹائٹل بھی جیتا۔ مردوں کی جوڑی اس وقت ملائیشیا اوپن سپر 1000 میں کھیل رہی ہے اور اس لیے تقریب میں شریک نہیں ہوئے۔

ہاکی کے عظیم میجر دھیان چند کے یوم پیدائش کی یاد میں عام طور پر 29 اگست کو منعقد ہونے والی اسپورٹس ایوارڈز کی تقریب گزشتہ سال 23 ستمبر سے 8 اکتوبر تک ہانگژو ایشین گیمز کی وجہ سے ملتوی کردی گئی تھی۔

 راشٹرپتی بھون میں ایک تقریب میں 26 کھلاڑیوں اور پیرا ایتھلیٹس کو ارجن ایوارڈ سے نوازا گیا۔

شمی ورلڈ کپ میں ٹیم کے ہیرو تھے۔

 ہندوستانی فاسٹ بولر محمد شمی نے گزشتہ سال ون ڈے ورلڈ کپ 2023 میں زبردست کارکردگی کا مظاہرہ کیا تھا۔ انہوں نے ٹورنامنٹ میں سب سے زیادہ 24 وکٹیں حاصل کیں۔ 33 سالہ تجربہ کار تیز گیند باز شمی اس وقت ٹخنے کی انجری کا شکار ہیں۔ اس وجہ سے وہ دورہ جنوبی افریقہ پر ٹیسٹ سیریز نہیں کھیل سکے۔ لیکن اب ان کے انگلینڈ کے خلاف 5 میچوں کی ہوم ٹیسٹ سیریز میں کھیلنے کی امید ہے۔

 کھیل رتن جیتنے والوں کو 25 لاکھ روپے کا نقد انعام دیا جاتا ہے، جب کہ ارجن اور ڈروناچاریہ ایوارڈز میں 15 لاکھ روپے کا نقد انعام ہوتا ہے۔

حال ہی میں شطرنج کے گرینڈ ماسٹر بننے والی آر ویشالی کو بھی ارجن ایوارڈ سے نوازا گیا۔ وہ سٹار گرینڈ ماسٹر آر پرگنانندا کی بڑی بہن ہیں۔

ویشالی ملک کی تیسری خاتون کھلاڑی ہیں جو کونیرو ہمپی اور ڈروناولی ہریکا کے بعد گرینڈ ماسٹر بننے والی ہیں۔

 نوجوان اسٹار پسٹل شوٹر 19 سالہ ایشا سنگھ بھی جکارتہ میں ایشین اولمپک کوالیفائرز میں شرکت کے باعث تقریب میں شرکت نہیں کر سکیں۔ انہوں نے پیر کو 10 میٹر ایئر پسٹل مقابلے میں انفرادی اور ٹیم گولڈ جیت کر پیرس اولمپکس کے لیے کوالیفائی کیا۔

 اس سال ارجن ایوارڈ کے لیے منتخب کیے گئے دیگر تجربہ کار کھلاڑیوں میں سابق جونیئر عالمی چیمپئن اور گزشتہ سال کے سینئر چیمپئن شپ کے ٹیم گولڈ جیتنے والے پہلوان اننت پنگھل، گزشتہ سال کی عالمی چیمپئن شپ کے ٹیم گولڈ جیتنے والے باکسر محمد حسام الدین اور پیرا آرچر شیتل دیوی شامل ہیں۔

شیتل، جس نے ہانگژو ایشین گیمز میں دو گولڈ میڈل جیتے تھے، فوکومیلیا نامی ایک نایاب بیماری کی وجہ سے اپنے دونوں ہاتھ کھو رہے ہیں اور وہ پہلی بین الاقوامی پیرا آرچر ہیں جنہوں نے اپنے دونوں ہاتھوں کے بغیر تیر اندازی کی۔

2023 کے لیے نیشنل اسپورٹس ایوارڈ یافتگان مندرجہ ذیل ہیں۔

 میجر دھیان چند کھیل رتن ایوارڈ برائے 2023: چراغ شیٹی اور ستوک سائراج رینکیریڈی (بیڈمنٹن)۔

 ارجن ایوارڈز: اوجس پروین دیوتلے (تیر اندازی)، ادیتی گوپی چند سوامی (تیر اندازی)، مرلی سری شنکر (ایتھلیٹکس)، پارول چودھری (ایتھلیٹکس)، محمد حسام الدین (باکسنگ)، آر ویشالی (شطرنج)، محمد شامی (کرکٹ)، انوش اگروال ( گھڑ سواری، دیویاکرتی سنگھ (گھڑ سواری)، دیکشا ڈگر (گالف)، کرشنا بہادر پاٹھک (ہاکی)، سشیلا چانو (ہاکی)، پون کمار (کبڈی)، ریتو نیگی (کبڈی)، نسرین (کھو کھو)، پنکی (لان بالز)، ایشوریہ پرتاپ سنگھ تومر (شوٹنگ)، ایشا سنگھ (شوٹنگ)، ہریندر پال سنگھ سندھو (اسکواش)، ایہیکا مکھرجی (ٹیبل ٹینس)، سنیل کمار (کشتی)، آنند پنگھل (کشتی)، نورم روشیبینا دیوی ( ووشو)، شیتل دیوی (پارا تیر اندازی)، الوری اجے کمار ریڈی (بصارت سے محروم کرکٹ)، پراچی یادو (پارا کینوئنگ)۔

درونچاریہ ایوارڈ برائے بہترین کوچز (باقاعدہ زمرہ): للت کمار (ریسلنگ)، آر بی رمیش (شطرنج)، مہاویر پرساد سینی (پیرا ایتھلیٹکس)، شیویندر سنگھ (ہاکی)، گنیش پربھاکر دیوروکھکر (ملکھمب)۔

 بہترین کوچز (لائف ٹائم زمرہ): جسکرت سنگھ گریوال (گالف)، بھاسکرن ای (کبڈی)، جینت کمار پشیلال (ٹیبل ٹینس) کے لیے ڈروناچاریہ ایوارڈ۔

 لائف ٹائم اچیومنٹ کے لیے دھیان چند ایوارڈ: منجوشا کنور (بیڈمنٹن)، ونیت کمار شرما (ہاکی)، کویتا سلوراج (کبڈی)۔

 مولانا ابوالکلام آزاد (MAKA) ٹرافی 2023: گرو نانک دیو یونیورسٹی، امرتسر (مجموعی طور پر فاتح یونیورسٹی)، لولی پروفیشنل یونیورسٹی، پنجاب (پہلا رنر اپ)، کروکشیتر یونیورسٹی، کروکشیتر (دوسرا رنر اپ)۔

ماخذ: آج تک

بہار میں پرائمری سپیشل اساتذہ کے 7279 عہدوں پر بہالی کا روسٹر تیار ہو گا۔

January 10, 2024 0 Comments

بہار میں پرائمری خصوصی اساتذہ کے 7279 عہدوں پر بہالی کے لیے ایک روسٹر تیار کیا جائے گا۔  اس سے پہلے خصوصی اساتذہ کے عہدوں پر بہالی بہار ایجوکیشن پروجیکٹ کے ذریعہ کی جاتی تھیں، لیکن اب بہالی بی پی ایس سی کے ذریعہ کی جائیں گی۔

اس کے لیے بہار حکومت نے روسٹر کلیئرنس کے لیے رہنما خطوط جاری کیے ہیں۔ اس میں مختلف طبقات کے لیے ریزرویشن کے اصولوں پر عمل کرنے کی ہدایات دی گئی ہیں۔

Roster Clearence کے بعد، بہار کے تمام جیلوں میں خصوصی اساتذہ کی تعیناتی کے لیے درخواست عمل شروع کریں۔

یہ ایک بہت اہم قدم ہے، کیونکہ اس سے بہار کے سرکاری اسکولوں میں خصوصی بچوں کو تعلیم کی بہتر سہولیات میسر آئیں گی۔

 اس سلسلے میں بہار کے وزیر تعلیم وجے کمار چودھری نے کہا کہ یہ حکومت کا عزم ہے کہ تمام بچوں کو معیاری تعلیم ملے۔ اس میں خصوصی بچوں کو بھی شامل کیا گیا ہے۔

 انہوں نے کہا کہ روسٹر کلیئرنس کے عمل کے بعد خصوصی اساتذہ کی بہالی کے لیے جلد ہی درخواستیں طلب کی جائیں گی۔

Tuesday, January 9, 2024

علم تاریخ اور عمرانیات (‏Historiography & Sociology‏)

January 09, 2024 0 Comments

ان علوم میں بھی اسلام کی ابتدائی صدیوں میں گرانقدر سرمایہ جمع کیا گیا، جس کے ذریعے نہ صرف سیرت نبوی ﷺ بلکہ دس ہزار سے زائد صحابہ کرام کے حالات و سوانح بھی پوری تحقیق کے بعد مرتب ہوئے۔ تاریخ اسلام میں اس علم کو أسماء الرجال کے نام سے پکارا جاتا ہے، جس کے تحت محققین نے 5 لاکھ سے زیادہ صحابہ، تابعین، تبع تابعین اور دیگر رواۃ حدیث کے احوال حیات مرتب کئے۔ یہ فن اپنی نوعیت میں منفرد ہے جو دُنیا کی کسی قوم اور مذہب میں تھا اور نہ ہے۔ ابنِ اسحاق ، جنہوں نے عہد حضرت آدم العلیم سے عہد رسالت مآب علی انسانی تاریخ مرتب کی ، اسلام کے عظیم اولیں مورخین میں سے ہیں ۔ اسی طرح ابنِ صلى الله علی تک - پوری ہشام ، طبری ، مسعودی، مسکو یہ حلبی، اندلسی، ابن خلدون، دیار بکری، یعقوبی، بلاذری، ابن الاثیر، ابن کثیر، سہیلی ، ابن سید الناس وغیرہ کے کام بھی تاریخی اہمیت کے حامل ہیں ، جبکہ political thought اور sociology میں غزائی، فارابی، ماوردی، ابن خلدون، ابن رشد، ابن تیمیہ، ابن القیم اور شاہ ولی اللہ محدث دہلوی کی تألیفات نہایت اہم ہیں۔

Monday, January 8, 2024

بگہا حادثہ نیوز: امتحان کے بعد گھر جانے والا طالب علم ٹرک کی زد میں آکر جاں بحق، موٹر سائیکل ڈرائیور کی حالت تشویشناک

January 08, 2024 0 Comments

 بگہا حادثہ نیوز: امتحان کے بعد گھر جانے والا طالب علم ٹرک کی زد میں آکر ہلاک ہوگیا، موٹر سائیکل ڈرائیور کی حالت تشویشناک

روزنامہ بہار اردو

ایک 20 سالہ طالب علم پیر کو بگاہا ایک خوفناک سڑک حادثے میں ہلاک ہوگیا۔ طالبہ امتحان دینے کے بعد اپنے رشتہ دار کے ساتھ بائک پر خواتین کالج سے واپس آرہی تھی۔ شہر کے ریلوے ٹرمینل کے قریب ٹرک کی ٹکر ہوئی۔ طالب علم کو تشویشناک حالت میں سب ڈویژنل اسپتال میں داخل کرایا گیا۔ جہاں ڈاکٹروں نے اسے مردہ قرار دے دیا۔

مکالمہ پارٹنر، بگاہا۔ پیر کی دوپہر، ایک لڑکی جو ویمنس کالج سے فرسٹ ایئر گریجویشن کا امتحان دے کر اپنے رشتہ دار کے ساتھ موٹر سائیکل پر واپس آرہی تھی، ریلوے اسٹیشن کے قریب ٹرک کی زد میں آکر ہلاک ہوگئی۔ اطلاع ملنے پر پولیس نے موقع پر پہنچ کر لاش کو قبضے میں لے کر پوسٹ مارٹم کے لیے بھیج دیا۔

20 سالہ گایتری کماری جو کہ لکریا تھانہ علاقہ کے بیریا گاؤں کے رہنے والے راجہ مہتو کی بیٹی تھی، بنکٹوا ویمنس کالج سے فرسٹ سیکشن کا امتحان مکمل کرنے کے بعد اپنے بڑے بھائی کی بائک پر گھر لوٹ رہی تھی۔ سٹی ریلوے ڈھلہ پہنچی ہی تھی کہ سامنے سے آنے والے ٹرک نے اسے ٹکر مار دی۔ جس کی وجہ سے وہ موٹر سائیکل سے نیچے گر کر ٹرک کے پہیوں کے نیچے آ گئی۔

پولس نےاسے اسپتال میں داخل کرایا، علاج کے دوران اس کی موت ہوگئی

حادثے کے دوران وہ شدید زخمی ہو گیا۔ بھائی کو بھی معمولی چوٹیں آئیں۔ پولیس کی مدد سے گایتری کو علاج کے لیے سب ڈویژنل اسپتال میں داخل کرایا گیا۔ جہاں علاج کے دوران اس کی موت ہو گئی۔

یہاں پتھکھولی پولیس نے واقعہ کی اطلاع ملتے ہی موقع پر پہنچ کر ٹرک کو قبضے میں لے لیا۔ سب ڈویژنل ہسپتال کے انچارج ڈپٹی سپرنٹنڈنٹ ڈاکٹر کے بی این سنگھ نے طالب علم کی موت کی تصدیق کی ہے۔

Sunday, January 7, 2024

مسجد مندر کے تنازعات عدلیہ کے ذریعہ گھیرے میں لینےکی کوشش جاری

January 07, 2024 0 Comments

جاوید کمال الدین

حال میں مہاراشٹر کے وزیر اعلی ایکنا تھ شندے نے اپنے عہدے کی پاسداری کو در کنار کرتے ہوئے اپنے اس فرقہ وارانہ عزم کو دو ہرایا ہے کہ مبئی کے قریبی شہر کلیان میں واقع حاجی عبد الرحمن شاہ عرف حاجی ملنگ بابا کی درگاہ کوشکستی دلائیں گے، انہوں نے ایک دبے ہوئے حساس موضوع اٹھاتے ہوئے صدیوں مزار کو ملنگ گڑھ بتایا ہے، جبکہ حاجی عبد الرحمن شاہ کاسالانہ عرس ۲۴ فروری سے شروع ہوگا اور ہر سال شیوسینا اشتعال انگیزی کرتے ہیں اور اس بار زیادہ اندیشہ ہے، اس درمیاں، ٹرسٹ نے انتظامیہ اور پولیس کو ایک پہاڑ پر واقع درگاہ کی سیکورٹی مزید بڑھانے کا مطالبہ کیا ہے۔ 

حال میں مہاراشٹر کے وزیر اعلی کی جانب سے گیان والی مسجد کے سروے کی سائنسی رپورٹ کو عام ایکنا تھ شندے نے اپنے کرنے یا اس کی کا پیاں دونوں فریقین کے حوالے کرنے کے تعلق سے پاسداری کو در کنار فیصلہ کرنے کیلئے ۲۴ جنوری کا وقت طے کیا ہے۔ اس حوالے سےرپورٹ وارانسی عدالت میں پیش کی تھی۔ اے ایس آئی کے مکمل کرنے کے بعد عدالت نے متعدد مرتبہ سروے کی رپورٹ پیش کرنے کیلئے وقت طلب کیا تھا۔ خیال رہے کہ یہ اس لئے کیا جا رہا ہے تا کہ یہ معلوم کیا جا سکے کہ گیان والی مسجد بنائی گئی ہے یا نہیں جیسا کہ ہندو فریقین کا عملی ہے۔

 سروے نے کہا کہ اس معاملے سے متعلق کیس الہ آباد ہائی کورٹ میں زیر التوا سائنسی ہیں۔ بینچ نے کہا کہ قانونی چارہ جوئی کی زیادتی نہیں ہونی چاہئے ۔ آپ سروے نے اسے مفاد عامہ کی عرضی کے طور پر دائر کیا، اس لیے ہم اسے مسترد سی مندر کرتے ہیں۔ اگر کسی اور طریقے سے دائر کیا گیا تو عدالت اس پر غور کرے کا حکم گی۔ اس طرح عدالت نے کچھ اشارہ دینے کی کوشش کی ہے۔ بنچ نے کہا کہ اس میں دیے گئے متنازعہ حقائق پر مبنی سوالات کے پیش نظر، عدالت کے لیے اس معاملے میں مداخلت کرنا مناسب ہوگا۔ درخواست گزار کی طرف سے پیش وکیل نے کہا کہ پی آئی ایل کو الہ آباد ہائی کورٹ نے گزشتہ اکتوبر میں نے کہا کہ کیس کی خوبیوں پر غور کیے بغیر پی آئی ایں خارج کر دیا کی سماعت سے انکار کر دیا گیا ہے۔ 

درخواست گزار مہک مہیشوری کی نمائندگی کرنے والے وکیل نے کہا کہ پی آئی ایل 1991 کے عبادت گاہوں کے قانون کی درستگی کو بھی چیلنج کرتی ہے۔ اس قانون کے مطابق 15 اگست 1947 سے پہلے وجود میں آنے والے کسی بھی مذہب کی عبادت گاہ کو کسی دوسرے مذہب کی عبادت گاہ میں تبدیل نہیں کیا جا سکتا۔ اگر کوئی ایسا کرنے کی کوشش کرتا ہے تو اسے ایک سے تین سال قید اور جرمانہ ہو سکتا ہے۔ میشوری کی درخواست میں دلیل دی گئی کہ مختلف متن میں اس جگہ کو شری کرشن کی جائے پیدائش بتایا گیا ہے۔ اس نے کہا کہ یہ مناسب مسجد نہیں ہے کیونکہ اسلامی فقہ زبردستی قبضے کی زمین پر مسجد کو مقدس نہیں مانتی ، جب کہ ہند و فقہ مندر کا احترام کرتی ہے، چاہے وہ کورٹ کھنڈر ہی کیوں نہ ہو۔

مہیشوری نے کہا مسجد اسلام کالازمی حصہ نہیں ہے۔ سے اس لیے شاہی عید گاہ مسجد کو منہدم کر کےز مین ہندوؤں کے حوالے کی جائے۔ انہوں نے کہا کہ مذکورہ زمین پرمندر کی تعمیر کے لیے کرشنا جنم عید گاہ بھومی جائے پیدائش کے لیے ایک مناسب ٹرسٹ تشکیل دیا جانا چاہیے۔ دوسری طرف مسجد کمیٹی نے الہ آباد ہائی کورٹ کے حالیہ حکم کو کرشنا سپریم کورٹ میں چیلنج کیا ہے۔ ہائی کورٹ نے متھرا میں کرشنا جنم بھومی نے مندر سے متصل شاہی عید گاہ کے عدالت کی نگرانی میں سروے کرنے کی اثناء اجازت دی تھی۔ گزشتہ سال 14 دسمبر کو ہائی کورٹ نے مسجد کمپلیکس کے سروے کی نگرانی کے لیے ایک ایڈوکیٹ کمشنر کی تقرری پر رضامندی ظاہر کی تھی۔ کیس میں ہندو فریق کا دعوی ہے کہ ایسی نشانیاں ہیں جو ظاہر قرار کرتی ہیں کہ یہ بھی ہندو مندر تھا۔ لیکن کوئی ثبوت پیش کرنے سے فریق عہدے کی کرتے ہوئے اپنے اس فرقہ عدالت کا کہنا ہے کہ سول بیچ سینٹر ڈیویژن فاسٹ ٹریک عدالت کے دارانہ عزم کو دو ہرایا ہے کہ ممبئی کے قریبی شہر کلیان میں واقع حاجی عبد الرحمن شاہ عرف حاجی ملنگ بابا کی درگاہ کو مکتی دلائیں گے، انہوں نے ایک دیے ہوئے حساس موضوع اٹھاتے ہوئے صدیوں مزار کو ملنگ گڑھ بتایا ہے، جبکہ حاجی عبد الرحمن شاہ کا سالانہ عرس 24 فروری سے شروع ہو گا اور ہر سال شیوسینا اشتعال انگیزی کرتے ہیں اور اس بار زیادہ اندیشہ ہے، اس درمیاں ، ٹرسٹ نے انتظامیہ اور پولیس کو ایک پہاڑ پر واقع درگاہ کی سیکورٹی مزید بڑھانے کا مطالبہ کیا ہے۔ واضح رہے کہ بھگوا تنظیمیں حاجی ملنگ درگاہ کو مچھندر ناتھ کی سمادھی قرار دیتی ہیں اور یہاں اکثر شر انگیزی جاری رہتی ہے۔

ایکنا تھ شندے نے گزشتہ روز کلیان کی حاجی ملنگ درگاہ پر ایک دیر بینہ تنازعہ کو جنم دیا، جو کہ ان کے گرو آنجہانی آئند دیکھنے کا اٹھایا ہوا تنازع ہے۔ مذکورہ مزار گلیان شہر سے جنوب میں واقع ایک پہاڑی پر واقع ہے۔ واضح رہے کہ ملک بھر میں کوئی بھی معمولی تنازع ہو، ان تنظیموں اور اداروں کی کوشش ہے کہ مسجد مندر کے کسی بھی تنازعات عدلیہ کے ذریعہ گھیرے میں لے لیے جائیں۔ خصوصی طور پر اتر پردیش میں پنار کھول دیا گیا ہے، الہ آباد وارانسی متھرا کی مقامی عدالت تو بھی لکھنو بینچ کا دروازہ کھٹکھٹایا جاتا ہے۔ بابری مسجد کی اراضی کے حق ملکیت کے معاملے کے بجائے 2019 میں ایک ایسا فیصلہ سامنے آیا، کس میں یہ تسلیم بھی کیا گیا کہ اجودھیا میں بابری مسجد کی کھدائی میں قدیم مندر کے کوئی آثار نہیں ملے اور نہ کوئی ثبوت پیش کیا گیا لیکن پھر بھی اکثریتی فرقے کی جھولی میں متنازع جگہ ڈال دی گئی اور مسجد کو کوسوں دور پھینک دیا گیا۔ ملک بھر میں خصوصی طور پر اتر پردیش میں جگہ جگہ عدالتوں میں زیر سماعت ہیں لیکن وارانسی کی گیان والی مسجد اور متھرا شاہی عید گاہ مسجد کے مقدمات موضوع بحث ہیں۔ ابھی وار اسی کی ایک عدالت نے محکمہ آثار قدیمہ (اے ایس آئی) ۱۸ دسمبر کو اے ایس آئی نے گیان والی مسجد کے سروے کی سائنسی دینے کی درخواست کو مسترد کر دیا ہے۔

جسٹس سنجیو کھنہ اور بیانگر دیہ کی پیچ فیصلے کے آنے کے بعد اس معاملے پر فیصلہ سنایا جاسکے گا۔ یعنی وارانسی کی پرجاوید جمال الدین عدالت نے اے ایس آئی کی جانب سے گیان واپی سروے کی داخل کی گئی سائنسی رپورٹ کو عوام میں عام کرنے یا فریقین کو اس کی کاپیاں فراہم کرنے کے تعلق سے فیصلہ کرنے کیلے ۲۴ جنوری کا وقت طے کیا ہے۔ جو کہ 22 جنوری کو اجودھیا میں رام مندر میں مورتی نصب کیے جانے کے دو روز بعد مقرر کی گئی ہے۔ اس ضمن میں ہندو فریقین کے وکیل بدن موہن یادو کا کہنا ہے کہ ضلعی عدالت کے بیج اے کے وشولیس نے فیصلے کیلئے یہ تاریخ طے کی ہے۔ سماعت کے دوران اے ایس آئی کی ٹیم اور مسلم اور ہندو فریقین عدالت میں موجود تھے۔ اس حوالے سے عدالت کا کہنا ہے کہ سیول بج سینئر ڈیویژن تیز رفتار عدالت کے فیصلے کے آنے کے بعد ہم اس معاملے میں فیصلہ سنائیں گے جبکہ فاسٹ ٹریک عدالت ۱۹ جنوری کو اس معاملے میں فیصلہ سنائے گی۔ جبکہ الہ آباد ہائی کورٹ نے دیا تھا، جبکہ مسجد کمیٹی کی مخالفت اور سپریم سے رجوع کرنے کے بعد کورٹ نے سروے پر روک لگانے سے انکار کر دیا تھا۔ اب 24 جنوری کو رپورٹ پیش کی جائے گی پردیش میں ہی ایک اور مسجد ۔ مندر تنازع میں متھرا کی شاہی مسجد اور کرشن جنم بھومی تنازعہ سر فرست ہے، سپریم کورٹ نے شاہی عید گاہ مسجد کے آثار قدیمہ کے سروے اور اس جگہ کو شری کی جائے پیدائش قرار دینے کی درخواست کو مستر د کر دیا، عدالت کہا کہ اس معاملہ میں پہلے ہی عدالت میں زیر التوا ہے۔ دریں مسجد کمیٹی نے ہائی کورٹ کے اس فیصلے کے خلاف سپریم کورٹ رجوع کیا ہے، جس میں مسجد کے سروے کی اجازت دی ہے۔ لیکن اس جگہ کو شری کرشنا کی جنم بھومی ( جائے پیدائش ) قاصر ہے جبکہ عید گا اور مسجد کئی صدی سے یہاں برقرار ہے۔

ایک ملک ایک انتخاب پر عوام سے مشورے و تجاویز طلب

January 07, 2024 0 Comments

رامناتھ کووند کمیٹی نے عوامی نوٹس جاری کر کہا ہے کہ 15 جنوری تک حاصل مشوروں پر غور کیا جائیگا

روز نامہ اردو ٹایمز، ممبئی
نئی دہلی (ایجنسی ) ایک ملک، ایک انتخاب سے متعلق ایک بڑی خبر بھیجے گئے تھے۔ کمیٹی نے ایک ساتھ انتخاب کرانے پر لا کمیشن کے سامنے آ رہی ہے۔ سابق صدر جمہوریہ رامناتھ کووند کی قیادت میں ایک ملک، ایک انتخاب سے متعلق بنائی گئی کمیٹی نے ملک میں ایک ساتھ انتخاب کرانے کے لیے موجودہ قانونی و انتظامی ڈھانچے میں مناسب تبدیلی سے متعلق عوام سے خیالات بھی سنے۔ اس معاملے میں لاء کمیشن کے افسران کو مشورہ کے لیے دوبارہ بھی مدعو کیا جا سکتا ہے۔ قابل ذکر ہے کہ اس کمیٹی میں سابق صدر را منا تھ کووند کے علاوہ مرکزی وزیر داخلہ امت شاہ، راجیہ سبھا میں اپوزیشن کے سابق لیڈر غلام نبی مشورہ طلب کیا ہے۔ اس اعلیٰ سطحی کمیٹی نے ایک پبلک نوٹس جاری آزاد، 15 ویں مالیاتی کمیشن کے صدر این کے سنگھ، سابق لوک سبھا کیا ہے جس میں کہا ہے کہ 15 جنوری تک موصول مشوروں پر غور کیا جنرل سکریٹری سبھاش کی کشیپ اور سابق چیف جلنس کمشنر سنجے جائے گا۔ اس عوامی نوٹس میں یہ بھی کہا گیا ہے کہ کبھی مشورے کمیٹی کو بھاری شامل ہیں۔ وزیر قانون ارجن رام میکھو ال اس کمیٹی کے کی ویب سائٹ پر دیے جا سکتے ہیں یا پھر ای میل کے ذریعہ بھیجے جا خصوصی مدعور کن اور لاء کے لاء سکریٹری نتن چندر اسکریٹری ہیں۔ بتایا جاتا سکتے ہیں۔ واضح رہے کہ ایک ملک ، ایک انتخاب سے متعلق رامناتھ ہے کہ عوامی رائے لینے کے بعد اگر ضرورت پڑی تو اسے دوبارہ لاء کووند کی صدارت میں اعلی سطحی کمیٹی گزشتہ سال ستمبر میں تشکیل دی گئی کمیشن کے پاس بھیجا جائے گا اور اگر اس پر عوامی اعتراضات زیادہ تھی۔ اس وقت سے اب تک کمیٹی کی دومیا ادو میٹنگیں ہو چکی ہیں۔ حال نہیں آئے اور معاملہ پیچیدہ نہیں ہوا تو اسے مزید آگے بڑھا دیا جائے میں ہی کمیٹی نے سیاسی پارٹیوں کو خط لکھ کر ملک میں ایک ساتھ گ ایعنی حکومت کو رپورٹ پیش کر دی جائے گی اس کے بع انتخاب کرانے پر ان کے مشورے طلب کیے تھے۔ یہ خط 6 قومی دحکومت اس معاملے میں حتمی فیصلہ لے گی۔ یہ بھی بتایا جاتا ہے کہ پارٹیوں، 22 علاقائی پارٹیوں اور 7 رجسٹرڈ غیر منظور شدہ پارٹیوں کو اس عمل سے اپوزیشن بری طرح سے برہم ہے۔

Saturday, January 6, 2024

شرد پوار کے پوتے روہت پوار کی ملکیت پر ای ڈی کا چھاپہ

January 06, 2024 0 Comments

۲۵ ہزار کروڑ روپیئے کے مہاراشٹر اسٹیٹ کو آپریٹیو بنک گھوٹالے کی تحقیقات کا حصہ بتایا گیا

روز نامہ اردو ٹایمز، ممبئی

نئی دہلی (ایجنسی): انفورسمنٹ ڈائریکٹوریٹ نے جمعہ کو شرد پوار کے کو آپریٹیو بینک گھوٹالے سے اعلیٰ مالیت کے قرضے لیے تھے، جو یا او پوتے اور ایم ایل اے روہت پوار کی ملکیت والی فرم کے احاطے پر 2000,25 کروڑ روپے کے مہاراشٹر اسٹیٹ کو آپریٹو بینک گھوٹالے کی تحقیقات کے حصے کے طور پر چھاپہ مارا۔ نیشنلسٹ کانگریس پارٹی کے سربراہ شرد پوار اور ان کے بھتیجے اجیت پوار کا بھی اس اسکام میں پہلے نام آیا تھا۔ اجیت پوار اب ریاست میں حکمران اتحاد کا حصہ ہیں۔ ایم ایل اے روہت پوار با رامتی ایگر و کمپنی کے مالک ہیں۔ ذرائع کے مطابق بار امتی، پونے، اورنگ خلاف ایف آئی آر درج کی تھی لیکن ثبوت کی کمی کا حوالہ دیتے آباد اور امراوتی میں کم از کم چھ مقامات پر چھاپے مارے گئے۔ ہوئے اس سال کے آخر میں کلوزر رپورٹ درج با رامتی قصبہ میں بار امتی ایگرو کے دفتر پر بھی چھاپہ مارا گیا۔ ممبئی کرائی۔ انفورسمنٹ ڈائریکٹوریٹ نے کلوز ررپورٹ کی مخالفت کی پولیس کے اقتصادی جرائم (EOW) ونگ نے اگست 2019 ہے۔ جولائی 2021 میں، اس نے اس گھوٹالے کے سلسلے میں میں ایک ایف آئی آر درج کی تھی، جس کے بعد منی لانڈرنگ کا یہ جڑندیشور شوگرمل کے اثاثوں کو بھی منسلک کیا، جس میں اجیت پوار معاملہ سامنے آیا ۔ 22 اگست 2019 کو بمبئی ہائی کورٹ نے بھی ڈائر یکٹر تھے۔ انفورسمنٹ ڈائریکٹوریٹ کا تازہ چھا پہ ایسے مہاراشٹر کو آپریٹو سیکٹر میں شوگرملوں کی مبینہ دھوکہ دہی سے فروخت وقت میں آیا ہے جب اس نے دہلی کے وزیر اعلی اروند کیجریوال ہونے کے الزامات کی تحقیقات کا حکم جاری کیا تھا اور کہا تھا کہ یہ کم جھارکھنڈ کے وزیر اعلی ہیمنت سورین اور بہار کے نائب وزیر اعلی قیمتوں پر فروخت کیے گئے ، جس کے بعد پولیس نے شکایت درج تیجسوی یادو کو مختلف معاملات میں طلب کیا ہے۔ تینوں اور ان کی کی۔ ٹیکس کا مقدمہ شروع کر دیا گیا۔ بار امتی ایگر و پر انفورسمنٹ جماعتیں حزب اختلاف کی قیادت والے انڈیا الائنس کے رکن ڈائریکٹوریٹ کے الزاما تذرائع نے بتایا کہ انفورسمنٹ ہیں۔ ان کا الزام ہے کہ بی جے پی لوک سبھا انتخابات سے قبل ڈائریکٹوریٹ کا الزام ہے کہ بار امتی ایگرو نے مہاراشٹر اسٹیٹ مرکزی ایجنسیوں کا غلط استعمال کر رہی ہے۔ 

غزہ سے جبری اغواء کی گئی 51 خواتین بد نام زمانہ جیل میں قید

January 06, 2024 0 Comments
دامون نامی عقوبت خانے میں قید خواتین کو بدسلوکی اور تذلیل کا سامنا کرنا پڑتا ہے
روز نامہ اردو ٹایمز، ممبئی

رملہ: (ایجنسی) فلسطینی محکمہ امور اسیران اور کلب برائے اسیران نے جانب سے ان کے حالات کے بارے میں کچھ ڈیٹا فراہم کیا گیا ہے، غزہ سے تعلق رکھنے والی 51 خواتین قیدیوں کے نام ظاہر کیے جنہیں جبری اغواء کرنے کے بعد اسرائیل کی بدنام زمانہ دامون نامی عقوبت خانے میں ڈالا گیا ہے۔ دونوں اداروں نے جمعرات کو ایک مشتر که بیان میں کہا کہ گذشتہ ہفتے کے آخر تک دستیاب ان ناموں میں بزرگ خواتین کیونکہ انہیں وقت کے ساتھ بدسلوکی اور تذلیل کا سامنا کرنا پڑتا ہے، اور انہیں اذیت ناک حالات میں حراست میں رکھا گیا ہے۔ انہوں نے مزید کہا کہ غزہ کے تمام اسیران کی طرح، ادارے ان کی تعداد، ان کے حراستی مقامات، یا ان کی صحت کے حالات کے بارے میں کوئی درست اعداد و اور بچے شامل ہیں اور انہوں نے تصدیق کی کہ غزہ میں خواتین قیدیوں شمار جاننے کے قابل نہیں تھے، کیونکہ قابض فوج ان کے خلاف جبری کی تعداد اس تعداد سے زیادہ ہے، لیکن واضح اعداد و شمار ہم صرف گمشدگی کے جرم کو جاری رکھے ہوئے ہے۔ انہوں نے نشاندہی کی کہ دامون جیل میں خواتین قیدیوں کے بارے میں ہے۔ اسیران میشن قابض جیل انتظامیہ کی طرف سے اعلان کردہ واحد اعداد و شمار غزہ کے اور کلب برائے اسیران نے وضاحت کی کہ خواتین قیدیوں کے 661 قیدیوں کے بارے میں کہا گیا ہے جنہیں اس نے " غیر قانونی بارے میں صرف ان کے نام دستیاب ہیں، اور خواتین قیدیوں کی جنگجو کے طور پر درجہ بندی کیا تھا۔

Thursday, January 4, 2024

روبہ زوال۔ مفتی آفتاب رشکِ مصباحی

January 04, 2024 0 Comments

رو بہ زوال 

مفتی آفتاب رشکِ مصباحی

علامہ اقبال لاہوری کا مشہور مصرعے ہے:

مذہب نہیں سکھاتا آپس میں بیر رکھنا۔

لیکن، یہ مصرعہ براے وزن شعری خوب ہے، پریکٹیکل دنیا اس سے بہت مختلف ہے۔ آئے دن ایسی چیزیں دیکھنے سننے کو ملتی رہتی ہیں کہ نظریاتی اختلاف کی بنیاد پر فلاں علاقے میں فلاں شخص کو غیر مسلک کا بتا کر اپنے قبرستان میں دفن نہیں ہونے دیا، جنازہ پڑھانے سے منع کر دیا، یہ کر دیا، وہ کر دیا۔ جس پر بسا اوقات ہندوستانی موجودہ فضا میں حددرجہ افسوس ہوتا ہے کہ دشمن ہمارا سر جسم سے غائب کرنے اور زمین ہم پر تنگ کرنے میں دن رات قانونی داؤ پیچ کا استعمال کر رہا ہے اور ہم ہیں کہ کبھی ہاتھ اوپر نیچے باندھنے تو کبھی دفن و جنازہ کو لے کر آپس ہی میں سرپھٹول کر رہے ہیں۔ لیکن، سچائی یہ نہیں ہے جو موجودہ زمانے کا تشدد ہے۔ بلکہ سچائی یہ ہے کہ اس تشدد کی جڑیں بہت قدیم اور گہری ہیں۔ خلافت راشدہ کے زمانے میں اس طرح کا اولین تشدد داماد رسول خلیفۃ المسلمین سیدنا عثمان بن عفان رضی الله عنہ کے ساتھ کیا گیا۔ بعد کے ادوار میں عہد غزنوی کے مشہور ترین شاعر جس نے شاہنامہ کی شکل میں قدیم ایرانی تاریخ مرتب کی، حکیم ابو القاسم حسن بن منصور فردوسی طوسی کی وفات پر اثنا عشری ہونے کی وجہ سے مسلمانوں کے عام قبرستان میں جو سنیوں کے قبضے میں تھا، دفن نہیں ہونے دیا۔ نتیجہ کار فردوسی کے ذاتی باغ میں اسے دفن کیا گیا۔ 

وہ ملت، وہ امت جسے کلمہ کی بنیاد پر پیغمبر دوعالم ﷺ نے جسد واحد کی طرح بتایا تھا، اس قدر ٹکڑوں میں بٹی کہ جسم واحد کا ہر حصہ دوسرے کو کاٹ کھائے جا رہا ہے۔ یہی وہ انتشار و فساد کلی ہے جس نے ملت کو رو بہ زوال کر رکھا ہے۔ جس سے باہر نکلنے کا واحد راستہ تعالوا الی کلمۃ سواء ہے۔ جب تک مدعیان اسلام اپنی ضد، انا اور خود پسندی کو چھوڑ کر اس کلمہ سواء پر جمع نہیں ہوتے ہیں قعر ذلت سے باہر نہیں آ سکتے ہیں۔