Thursday, November 10, 2022

पढ़ाई के साथ कमाई समाज की अहम जरूरत

November 10, 2022 0 Comments

आज की इस भागती दौड़ती दुनियां में पढ़ाई के साथ साथ कमाई (पैसों) की भी अहम जरूरत है। नए नए innovation हो रहे है नई नई technology आरही है। इस technoogy के मदद से कम एम्प्लॉय में अच्छा काम निकाल ले रहे है। और महंगाई भी पढ़ रही है। बड़ी बड़ी कंपनी भी अपने यहां काम करने वाले वर्कर्स को कम्पनी से बाहर कर रहे है।

हम ऐसे दौर से गुजर रहे है जहां हमसे ज्यादा वैल्यू टेक्नोलॉजी का है। हम अगर अभी अच्छी पढ़ाई और उसके साथ अच्छा job या खुद का कोई अच्छा काम नही किया तो फिर हम अपनी लाइफ को खुल कर नही जी सकते है। 

हमे कुछ न कुछ तो करना ही होगा ताकि पढ़ाई पुरी होने के बाद हमे भटकना न पड़े या कम से कम अच्छी जोब लगने तक हम अपने घर को तो सही से चला सके।

 हमारा माहोल तो ऐसा हो गया है जैसे पढ़ाई और किताबें ही सब कुछ है। ये किताबें किस काम के अगर आपने इस किताब में लिखे अल्फाज को अपनी डेली लाइफ में यूज नहीं कर पाते। और ये भी याद रखे बगैर पढ़ाई के कुछ कर भी नही सकते है। अगर पैसा कमा भी लेते है तो उसका सही से उपयोग नही कर पाएंगे। तो पढ़ाई के साथ साथ कमाई बहुत जरूरी है।

बगैर पढ़ाई की कमाई अंधी र बगैर कमाई की पढ़ाई लंगड़ी ही है।

Tuesday, November 8, 2022

Online teaching एक बहुत बड़ी मार्केट

November 08, 2022 0 Comments

मेरे दिमाग में ये बात कल ही से चल रही थी के ऑफलाइन स्कूल मदरसे कोचिंग इतने सारे खुल रहे है लेकीन अक्सर लोग आनलाइन स्कूल, आनलाइन, अकादमी, ऑनलाइन इंस्टिट्यूट, आनलाइन मदरसे क्यों नही खोल रहे है। जबकि ज्यादा पॉपुलेशन आनलाइन ही रहती है। 

आज फिजिक्स वाला ने ऑनलाइन बनाया यूनिकॉर्न कम्पनी।
फिजिक्स वाला को तो आप लोग जानते ही होंगे उन्हों ने ऑनलाइन कोचिंग स्टार्ट करके ऑनलाइन स्टूडेंट्स को प्रिपरेशन करा कर बनाडली एक यूनिकॉर्न कम्पनी। फिजिक्स वाला कहते है मैं ऑफलाइन पढ़ाता तो 10 साल में सिर्फ 6,000 7,000 लोगों को ही पढ़ा पता जबकि ऑनलाइन में लाखो पढ़ रहे है एक साथ हर साल। तो ऑनलाइन बहुत बड़ी मार्केट प्लेस है। 

यूनिकॉन किसे कहा जाता है?
जब कोई प्राइवेट या निजी कम्पनी अपना रेवेन्यू 1 billion dollar से जायदा कर लेता है तो उसे यूनिकॉर्न कहा जाता है। अब 1 billion dollar कितना होता है इंडियन रूपये में तो आप खुद जोड़ सकते है 81,86,50,50,000.00 एक आनलाइन आए कोचिंग इतना पैसा बना सकता है फिर भी लोग आनलाइन आने से हिचकिचाते क्यों है? 

अगर आप चाहे तो मेरे सथ आनलाइन का सफर शुरू कर सकते है जहां मिलती है पहचान, इज्जत, लोगो से मिलने और बात करनी का तरीका, अपनी बात दुनियां के सामने रखने का मोका और अपनी बात अपना हुनर को दुनिया से मनवाने की ताकत। तो कितने लोग तैयार है मेरे साथ ऑनलाइन सफर शुरू करने के लिए। वो मेरा व्हाट्सएप नंबर 9097779020 पे कॉन्टैक करें या कॉमेंट में अपनी ओपिनियन दें सकते है।

Monday, November 7, 2022

The System of Natur प्रकृति का सिस्टम

November 07, 2022 0 Comments


What is the system of Nature ?

 बर्दाश्त (Tolerate)

धरती सूर्य का चक्कर लगाती है

The System of Nature

इश्वर ने अलग अलग प्रकार की चीजें क्यों बनाई 

प्रकृति के विरुद्ध कार्य करना

प्रकृति का जो सिस्टम है वह बर्दाश्त के साथ सब को मैनेज कर के चलना है. यदि संसार के अंदर मौजूद चीज़ों में बर्दाश्त करने की छमता नहीं होती तो यह संसार कब का टूट फुट गया होता. 

धरती सूर्य का चक्कर लगाती है

हम और आप सभी वह जानते हैं कि धरती सूर्य का चक्कर लगाती है , सूर्य दिन में निकलता है, चाँद रात में अपनी रौशनी बिखेरता है. यदि इन सब में बर्दाश्त करने और एक दुसरे के साथ मैनेज करने की छमता नहीं होती तो हम प्रकृति की वस्तुओं का लाभ कभी नहीं उठा पाते. 

The System of Nature

प्रकृति का यही सिस्टम मानव रहन सहन, खान पान और कार्य काज में भी लागु है. यही कारण है कि मानव समाज में हर आदमी की पसंद एक दुसरे से अलग होती है. कोई लाल कपड़ा पसंद करता है तो कोई सफ़ेद, कोई शर्ट पैंट पसंद करता है तो कोई कुरता पजामा. इसी तरह किसी को रोटी अच्छी लगती है तो किसी को चावल, कोई मांस मछली पसंद करता है तो कोई शाकाहारी रहना पसंद करता है. किसी को लहसन प्याज़ अच्छा लगता है तो किसी को यह भी पसंद नहीं आता . 

अब अगर हर आदमी एक दुसरे को अपनी पसंद का पाबंद करने लगे तो संसार में लोगों का जिंदा रहना ही मुश्किल हो जायेगा. 

इश्वर ने अलग अलग प्रकार की चीजें क्यों बनाई 

आप खुद ही सोचिये यदि इश्वर को किसी एक आदमी की पसंद ही पर सब को लाना होता तो अलग अलग प्रकार की चीज़ें और अलग अलग पसंद के लोग ही क्यों पैदा करता. वह तो हर आदमी की पसंद का ख्याल रखता है, उस की पसंद के हिसाब से चीज़ें पैदा करता है और हम हैं की सब को अक पसंद का पाबंद बनाना चाहते हैं. 

प्रकृति के विरुद्ध कार्य करना

ऐसा करना ना सिर्फ मानव समाज को नस्ट करेगा बल्कि यह प्रकृति के विरुद्ध कार्य करना होगा जिस में कभी भी किसी को भी सफलता नहीं मिल सकती है. 

ऐसे में बस एक ही रास्ता है बर्दाश्त और मैनेज करना . जो चीज़ें आप को पसंद है वह आप कीजिये और जो चीज़ें दूसरों को पसंद है वह उसे करने दीजिये . दुसरों के साथ बर्दाश्त करने और मैनेज करने का तरीका अपनाइए , खुद भी खुश रहिये और दूसरों को भी खुश रहने दीजिये . यही प्रकृति का सिस्टम है.

Sunday, November 6, 2022

दुनिया की शुरुआत beginning of the world

November 06, 2022 0 Comments

Contents

दुनिया की मौजूदा उम्र तकरीबन 14 अरब साल हो चुकी है

दुनिया बनने के तुरंत बाद

दुनिया निर्माण होने के 1 सेकंड बाद

दुनिया निर्माण होने के 14 सेकंड बाद

ख्याल किया जाता है की
दुनिया की मौजूदा उम्र तकरीबन 14 अरब साल हो चुकी है (मोहतत अंदाजा 11 से 20 अरब साल के दरमियान है।) अब ये नजरिया आम तौर पर कबूल किया जा चुका है की कायनात का आगाज़ एक ऐसे वाक्य से हुआ जिसे बिग बैंग (Big Bang) कहा जाता है। इस नजरिए से ये बात मालूम होती है की कायनात की इब्तिदाई (Start) तारीख में बहुत सारे वाकियात इंतिहाई तेज रफ्तारी के साथ रुनुमा हुए।


दुनिया बनने के तुरंत बाद

अपनी पैदाइश के तुरंत बाद कायनात मुख्तलिफ किस्म के subatomic particles बन गई जिसमे electron, proton, Newtrons, and antinewtrons के इलावा radiation, futon भी शामिल थे। उस वक्त दुनियां का Temperature एक खरब सेंटीग्रेड (1 खरब 80 अरब फारनहाइट) था और उसकी density पानी के मुकाबले 4 अरब गुणा ज्यादा थी।

दुनिया निर्माण होने के 1 सेकंड बाद

1 सेकंड बाद Temperature कम हो कर 10 अरब सेंटीग्रेड (18 अरब फरनफाइट) रह गया । इसके साथ ही रसायण chemical इस तरह फैला की उनकी densiti तेजी से गिरते हुए पानी की निस्बत महज़ 4 लाख गुणा ज्यादा रह गई। जिसके बाद proton aur Newtrons जैसे भारी subatomic particles वजूद में आने लगी ।

दुनिया निर्माण होने के 14 सेकंड बाद

Temorature 3 अरब सेंटीग्रेड (5 अरब 40 करोड़ फरनहाइट ) तक गिर गया । जबकि उसके साथ ही साथ चार्ज शुदा proton और इलेक्ट्रॉन ने एक दूसरे को फना करते हुए तवानाई खारिज करना शुरू करदी। इसी बिच 2 प्रोटोन और 2 न्यूट्रॉन पर मुश्तमील हीलियम की मर्कजे तश्कील पाने लगी।

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Friday, November 4, 2022

मजहब और साइंस में तअल्लुक

November 04, 2022 0 Comments


आज का दौर साइंसी उलूम की मेराज का दौर है। साइंस का बजातौर पर असरी इल्म ( contemporary knowledge ) से ताबीर किया जाता है।  लिहाज़ा दौरे हाजिर में दीन की सही और नतीजा खेज़ इशाअत का काम जदीद साइन्सी बुन्यादों पर ही बेहतर तौर पर सर अंजाम दिया जा सकता है। 

इस दौर में इसकी जरूरत पिछले सदियों से कहीं ज्यादा बढ़ कर है। मुस्लिम मुआश्रे में नई साइंसी तालीम को ज्यादा फरोग दिया जाए बढ़ावा दिया जाए। और दीनी तालीम को साइंसि तालीम से दलील पेश करके इस्लाम की हकीकत का बोल बाला किया जाय।  आज के मुस्लिम स्टूडेंट के लिए मजहब और साइंस के बीच के तअल्लुक को कुरआन की रोशनी में समझाना बहुत जरूरी है। 

मजहब खालिक (Creator) से बहस करता है और साइंस अल्लाह तआला की पैदा करदह खल्क (Creation) से । दूसरी लफ्जों में साइंस का मोजुअ Creation और मजहब का creator से है। ये एक हकीकत है कि अगर मखलूक पर सही तरीके से सोच विचार किया जाएगा तो उसके सामने ये हकीकत खुल कर आएगी।

कुरान में है ( ऐ हमारे रब तूने ये सब बे हिक्मत और बे तदबीर नही बनाया।)

बंदा मोमिन को साइनसी उलूम की तरगीब के जमन में अल्लाह रब्बुल इज्जत ने कुरआन करीम में एक जगह और यू इरशाद फरमाया है।

कुरआन (हम अनकरीब उन्हें कायनात में और उनके अपने (वजूद के) अंदर अपनी निशानिया दिखाएंगे यहां तक कि वो जान लेंगे कि वही हक़ है। 

इस आयते करीमा में अल्लाह तआला फरमाता है कि हम इंसान को उसके वजूद के अंदर मौजूद दाखली निशानिया (Internal signs) भी दिखाएंगे और  कायनात में जा बजा बिखरी खारजी निशानिया (external signs) भी दिखाएंगे जिन्हे देख लेने के बाद बंदा खुद ब खुद बेताब हो कर पुकार उठेगा कि हक़ सिर्फ अल्लाह ही है।

Muzaffarpur News : खराब मशीन से कर रहे थे जांच बिना शराब पिए सबको बता रहे थे शराबी

November 04, 2022 0 Comments


Muzaffarpur
: खराब मशीन से कर रहे थे शराब पिए लोगों की जांच बिना पिए सब को बता रहे थे शराबी। लोग घबरा सा गए थे और उन्हें आश्चर्य भी हो रहा था की कभी शराब को हांथ तक नहीं लगाए आज हमे शराबी बताया जा रहा है। पकड़े गए लोगों ने हंगामा मचा दीया तो मशीन की जांच हुई और मशीन निकली खराब

कहते हैं मशीन झूठ नहीं बोलती, लेकिन शराब पीने की जांच करने वाली मैन्युफैक्चरिंग विभाग की खराब ब्रेथ एनालाइजर ने इसे झूठा साबित कर दिया। बुधबार की देर रात उत्पाद विभाग की टीम यही खराब ब्रेथ एनालाइजर लेकर शराबियों की जांच करने स्टेशन रोड पहुंची थी। पहले वहां से गुजर रहे 15 लोगों की जांच की गई। मशीन ने सभी के शराब पीने की पुष्टि कर दी। फिर क्या था, टीम ने आनन-फानन में सभी को हिरासत में लेते हुए गाड़ियों पर बैठा लिया।

इधर, सभी को आश्चर्य wonder 🤔 हो रहा था कि कभी शराब को हाथ तक लगाया नहीं, फिर मशीन कैसे इसकी पुष्टि कर रही है। धराए लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा होते सुनकर उधर से गुजर रहे कुछ लोग रुक गए। उनलोगों ने भी विरोध करना शुरू किया। फिर उनलोगों की ही सलाह पर रेलवे के एक कर्मचारी व एक रिक्शा चालक की भी जांच की गई तो उन दोनों के भी शराब पीने की पुष्टि हुई। इसके बाद उत्पाद विभाग की टीम में शामिल अधिकारियों व जवानों को भी शंका हुई।

उन्होंने सभी का मुंह सूंघा। किसी के मुंह से शराब की दुर्गंध नहीं आ रही थी। वहीं, हिरासत में लिए गए लोगों की मांग पर दूसरी ब्रेथ एनालाइजर मंगाई गई। जब इस मशीन से जांच हुई तो पता चला कि किसी ने भी शराब नहीं पी है। इसके बाद सभी को छोड़ा गया। खराब ब्रेथ एनालाइजर की जांच की रिपोर्ट पर अड़े थे उत्पाद विभाग के अधिकारी शुरू में ब्रेथ एनालाइजर की जांच से मिलने वाली रिपोर्ट पर ही उत्पाद विभाग के अधिकारी अड़े थे। उनका कहना था कि मशीन जो बता रही है, वही सही है। वे यह मानने को तैयार ही नहीं थे कि खराब ब्रेथ एनालाइजर से सभी की जांच की जा रही है। उधर से गुजर रहे अन्य लोगों की जांच में जब शराब पीने की पुष्टि होने लगी तब उन्हें भी शक हुआ।

इधर, वहां मौजूद कुछ लोगों ने बताया कि मंगलवार की रात भी इसी स्थान से दस लोगों को शराब पीने के आरोप में उत्पाद विभाग की टीम ने दबोच लिया था। आशंका व्यक्त की जा रही है कि इसी खराब ब्रेथ एनालाइजर से सभी की जांच की गई हो। बताया गया है कि उत्पाद विभाग के पास शराब पीने वालों को पकड़ने के लिए 30 ब्रेथ एनालाइजर हैं। खराब मशीन से जांच का मामला सामने आने पर इनकी ऊपर सवाल उठने लगे हैं।

उत्पाद अधीक्षक संजय कुमार राय ने बताया कि विभाग के पास जो ब्रेथ एनालाइजर हैं, उनकी जांच काफी विश्वसनीय है। ये अल्प से अल्प मात्रा में शराब के सेवन को पकड़ लेती हैं। बुधवार की रात उन्होंने कई जांच टीमों को रवाना किया था। खराब ब्रेथ एनालाइजर से जांच की जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी ली जाएगी। सभी मशीन की जांच कराई जाएगी। 

Thursday, November 3, 2022

रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते है Rasayanik Abhikirya kise kahte hai

November 03, 2022 0 Comments

 रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते है Rasayanik Abhikirya kise kahte hai


Hello everyone आज हम आपको इस पोस्ट की मदद से रासायनिक अभिक्रिया को समझानेकी कोशिश कर रहे है। ताकि आप अपने आसपास होते रासायनिक अभिक्रिया को feel महसूस कर सकें। और इस बोरिंग लाइफ को मजेदार तरीके से जी सके। 

रासायनिक अभिक्रिया किसे कहते है? What is the chemical reaction?

जब भी कभी भी दो या दो से ज्यादा याद रहे हमेशा दो का होना जरुरी है। तो जब भी दो या 2 से ज्यादा पदार्थ (Substance) आपस में मिल कर किर्या (Action) करते हो और अपने रासायनिक ( Chemical) गुणों में परिवर्तन (Change) कर के एक नया उत्पाद ( Product) बनाता हो उसे ही रासायनिक अभिक्रिया (Chemical reaction) कहते है।

इसे अगर हम अपने जबान में समझना चाहे तो इस तरह समझ सकते है की किसी भी 2 या 2 से ज्यादा chemical को मिला कर या जोड़ कर या mix करके एक नया सामान बनाते है उस के बीच होने वाले action क्रिया को ही रासायनिक अभिक्रिया (Chemical Reaction) कहते है। 

अब इससे आपको अपनी लाइफ मजेदार कैसे होने वाली है? सोचिए

आसपास होने वाले रिएक्शन पे आप ध्यान दीजिए और आपने ध्यान दिया ही होगा लेकिन समझ नही आने के कारण आप नजर अंदाज करदेते है। जैसे आप ने कभी सोचा ही होगा की ये लोहे पे जंग क्यू लग जाता है? जंग इसलिए लगता है क्युकी लोगो का धातु जब oxigen ऑक्सीजन के साथ (Action) क्रिया करते है तो लोहे पे मैग्निशियम की परत बन जाती है जिसे हम अपनी आम जबान में लोहे पे जंग लगना कहते है।

चलिए हम आपको एक और उदाहरण Example देते है। आप खाना बनते देखा तो होगा जैसे चावल दाल इत्यादि, चावल में हम किन चीजों का प्रयोग करते है 1 चावल 2 पानी 3 आग या कोई भी गरम करने वाली चीज चावल और पानी को एक समान हिट पे रखा जाता है तो उनके बीच रिएक्शन होने लगते है भाप निकलता है आप थोड़ी देर बाद देखते है तो चावल खाने के लिए तैयार हो जाता है। तो पानी , चावल, और की मदद से हमने उन्हें आपस में किर्या कराया और chemical reaction रसायनीक अभिक्रिया की मदद से चावल खाने लायक बन चुका है। ऐसे अगर अपने आस पास डेली की जिंदगी में ध्यान दीजिएगा तो पायेगा की हम तो chemical reaction रसायनीक अभिक्रिया से घिरे हुए है हजारों रसनिक अभिक्रिया हमारे सामने होते राहत है।

आगे बहुत सारी चीज़ें समझनी हो तो आप हमारे टेलीग्राम चैनल और व्हाट्सएप ग्रुप में ज्वाइन , शामिल हो सकते है नीचे लिंक दिया गया है उसपे क्लिक कीजिए

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नोट: आपको किसी भी प्रकार का कोई डाउट रह गया हो मन में तो आप हमे कॉमेंट करके जरूर पूछ सकते है हम आपकी हेल्प करने को तैयार है।

Wednesday, November 2, 2022

BSEB Bihar Board ne matric and inter का exam date जारी कर दीया है.......

November 02, 2022 0 Comments


BSEB, Bihar State Examination Board Patna
ने 10th and 12th परीक्षा का डेट और टाइम जारी कर दिया है। 

2023 मैट्रिक इंटर परीक्षा का time table हुआ जारी

बड़ी खुशखबरी है उन सभी छात्रों के लिए जो इसबर 2023 में 10th और 12th की प्रीक्षा में शामिल होने वाले है, क्युकी बिहार बोर्ड ( BSEB ) ने exam date जारी कर दीया है। और जल्द ही मॉडल पेपर जारी करने वाला है।

What is BSEB Model Paper बिहार बोर्ड मॉडल पेपर क्या है?

जब ऊपर मॉडल पेपर की बात सही गई है तो मैं आप लोगों को इसके बारे में बता देना मुनासिब समझता हूं। BSEB Model Paper एक पैटर्न होता है उसमे Question, booklet, answer होते है। BSEB ये मॉडल पेपर इस लिए जारी करती है ताकि सारे स्टूडेंट्स exam pattern को आसानी से समझ सके कि किस तरह एग्जाम होगा कितना time मिलेगा और किस तरह का questions पूछे जायेंगे। और बड़ी मजे की बात तो ये है की मॉडल पेपर से ही लग भाग 80% questions bord के एग्जाम पेपर में पूछे जाते है तो अगर आपको सिर्फ पास होना है तो आप मॉडल 🗞️ पेपर पढ़ सकते है और अगर टॉप या फर्स्ट होना चाहते है तो आप मॉडल पेपर की पैटर्न को समझिए पढ़िए और किताबों के सारे क्वेश्चन को हल कीजिए।

Bihar Board Model Paper 2023 : बिहार बोर्ड ने जारी किया मैट्रिक तथा इंटर का मॉडल पेपर, यहां से करें डाउनलोड सबसे पहले ये भी पढ़े........

Bihar board 10th exam time table

Bihar State Examination Board Patna 10th 2023 की परीक्षा 17 फ़रवरी 2023 से शुरू होने वाली है। आप अभी से एग्जाम की तैयारी शुरू कर दीजिए। क्योंकि आगे हर जगह आपके 10th का रिज़ल्ट काम आने वाला है, passport, aadhaar, job, admission, लगभग अक्सर जगह आपको 10th के हिसाब से ही जज किया जाएगा परखा जाएगा। 

Bihar board 12th exam time table

Bihar State Education Board Patna 12th 2023 की एग्जाम 1 फरवरी 2023 से शुरू होने जा रही है तो आप अच्छे से एग्जाम की तैयारी कीजिए क्योंकि ये आपका भविष्य में सुधार लाने वाला है।

Tuesday, November 1, 2022

Muzaffarpur: सकरा के युवक को हैदराबाद पुलिस ने हिरासत में लिया

November 01, 2022 0 Comments

Muzaffarpur: सकरा के युवक को हैदराबाद पुलिस ने हिरासत में लिया


Muzaffarpur : सकरा। हैदराबाद रेल पुलिस और सकरा थाना पुलिस ने मंगलवार को संयुक्त रूप से सकरा फरीदपुर में एक होमियोपैथिक डॉक्टर के घर छापेमारी की। संदिग्ध युवक नहीं मिलने पर डॉक्टर को हिरासत में लेकर पुलिस सकरा थाना लौट गई। करीब तीन घंटे बाद कुछ लोगों के प्रयास से युवक अजनिष कुमार मेहता को सकरा पुलिस के सामने हाजिर किया गया। तब डॉक्टर को छोड़ दिया गया। युवक से हैदराबाद रेलवे पुलिस ने लंबी पूछताछ की। रेल पुलिस ने युवक को एक नोटिस भी रिसीव कराया। युवक ने बताया कि वह दिल्ली में कोचिंग चला रहा है। हैदराबाद एक काम के लिए गया था। वहीं से गलत ढंग से फंसाने की साजिश की गई है। प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष मो. अबु शैफी मुर्तुजा ने बताया कि हैदराबाद रेलवे में फर्जी नौकरी रैकेट का पुलिस ने खुलासा किया था, जिस गिरोह में सकरा के युवक के शामिल होने की जानकारी मिली थी।

Muzaffarpur: प्रेम-प्रसंग में चाकू गोदकर युवक की हत्या

November 01, 2022 0 Comments


मुजफ्फरपुर प्रखंड के रामपुर जयपाल मिल्की पोखर
के समीप रविवार रात ननिहाल में रह रहे रूपेश कुमार (18) की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। उसके शरीर पर दर्जनों जगह चाकू से गोदने के निशान थे। उसका शव सोमवार दोपहर घर से करीब दो सौ मीटर दूर बसौली चौर स्थित एक बंद फैक्ट्री परिसर में झाड़ियों से ढका मिला। मृतक की पहचान सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर प्रखंड के बगाही गौसनगर निवासी राजू राम के पुत्र रूपेश कुमार के रूप में हुई है।

सूचना पर घटनास्थल पहुंचे थानाअध्यक्ष अरविंद प्रसाद ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेज दिया। पोस्टमार्टम के बाद शव को रामपुर जयपाल मिल्की स्थित नाना के घर लाया गया है। दिल्ली से पिता, मां व भाई के आने पर मंगलवार को दाह संस्कार होगा। थानेदार ने बताया कि मृतक के ननिहाल के लोगों के अनुसार बगल की ही एक लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था जिसके घरवालों ने एक दिन पूर्व ही हत्या की धमकी दी थी। इस बिंदु पर जांच की जा रही है। लड़की समेत लगभग आधा दर्जन लोगों को थाने पर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

मृतक के मामा डीलर लखिंदर राम ने बताया कि रूपेश पिछले वर्ष मैट्रिक की परीक्षा में फेल हो गया था। कुछ दिन पहले यहीं एक कार शोरूम में काम पकड़ा था। उसके पिता राजू राम दिल्ली स्थित एक जर्दा फैक्ट्री में काम करते हैं जिसकी शाखा मुजफ्फरपुर में भी थी। उसकी मां निर्मला देवी बच्चों के साथ वहीं है। इस बार वे लोग छठ पर घर नहीं आ सके थे। नाना वैद्यनाथ राम भी दिल्ली में ही काम करते हैं। वह छठ में घर पर आ हुए थे

डाला उठाने के समय खोज हुई तो नहीं मिला रूपेश :

रूपेश की नानी सुधा देवी व मामा विक्रम कुमार का रो-रोकर बुरा हाल है। चित्कार मार कर रो रही नानी ने बताया कि घाट से डाला लेकर घर पर रखा और फिर मिल्की पोखर पर चला गया। रात में लोगों ने सोचा कि घाट पर डीजे बज रहा है वहीं रूपेश रह गया होगा। सुबह अर्घ्य के लिए डाला उठाने के समय उसकी खोज हुई। कॉल किया तो मोबाइल बंद बता रहा था। इस बार लोगों को लगा कि अपनी मौसेरी नानी के यहां सो गया होगा, लेकिन घाट से लौटने के बाद भी जब उसका पता नहीं चला तो लोग खोजबीन करने लगे। इसी दौरान एस्बेस्टस बनाने वाली बंद पड़ी फैक्ट्री परिसर में उसका शव मिला। आशंका है कि सड़क पर हत्या के बाद उसके शव को घसीट कर झाड़ियों में ले जाकर छुपा दिया गया है।

हिंदुस्तान

Muzaffarpur: महरथा गांव में छट घाट पर प्रेमिका से मिलने गया प्रेमी को पीट पीट कर किया हत्या 4 साल से था प्रेम

November 01, 2022 0 Comments


Contents 
1. महरथा गांवों में छट घाट पर प्रेमी को पीट कर किया हत्या
2. मो. फैजान गंभीर रूप से जख्मी हो गया। पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया।
3. बख्श देने की गुहार करता रहा पिता
4. वहां पर मौजूद पुलिसकर्मी भीड़ से युवकों को नहीं बचा सकी।
5. हथियार संग गिरफ्तार हुआ था आयान
6. चार साल से था प्रेम प्रसंग

महरथा गांवों में छट घाट पर प्रेमी को पीट कर किया हत्या 

कांटी के महरथा गांव में रविवार को शाम में छठ घाट पर प्रेमिका से मिलने पहुंचे ब्रह्मपुरा हजमटोली निवासी मो. नेहाल उर्फ आयान की भीड़ ने छेड़खानी का आरोप लगा पीट-पीट कर मार डाला। प्रेमिका के परिजन और लोगों की भीड़ ने आयान को ईंट-पत्थरों से कूच डाला। मॉब लिंचिंग की इस घटना में भीड़ की पिटाई से आयान का साथी मो. फैजान गंभीर रूप से जख्मी हो गया। भीड़ ने उसे मरा समझकर छोड़ दिया।

मो. फैजान गंभीर रूप से जख्मी हो गया। पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया।

बाद में पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया। घटना में हत्या और मॉब लिंचिंग की धारा में छह नामजद समेत सौ अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। घटना के बाद लड़की पक्ष के लोग घर छोड़कर फरार हैं। घटना से आक्रोशित आयान के परिवार वाले और मोहल्ले के लोगों ने सोमवार को पोस्टमार्टम से शव आने के बाद मेहदीहसन चौक पर शव रखकर सड़क जाम कर दिया और तीन घंटे तक हंगामा किया। परिजन लड़की पक्ष के लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। आयान की मां शमीमा खातून के अनुसार,आयान को उसकी प्रेमिका ने कॉल कर छठ पर मिलने के लिए बुलाया था। वह दोस्त फैजान के साथ गया था। वहां प्रेमिका के परिवार वालों ने उसे देख लिया। इसके बाद छेड़खानी के आरोप में भीड़ दोनों की पिटाई करने लगी। लड़की वाले आयान को घसीटते हुए घाट से दूर ले गए और पीटकर मार डाला। थानेदार संजय कुमार सिंह ने बताया कि कांटी थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

Monday, October 31, 2022

कायनात माज़ी और मुस्तकबिल के आईने में

October 31, 2022 0 Comments

Bigbang theory 

What is the Cosmology

कायनात (दुनियां) और इसके पूरे ढांचे और इसके origin का इल्म कोनियत (Cosmology) कहलाता है। नई cosmology की शुरुआत 1920 में उस वक्त हुआ जब एक अमरीकी वैज्ञानिक ( Edwin Habble ) ने ये बताया कि कहकाशाओं के बीच पाया जाने वाला फासला वक्त के साथ साथ मुसलसल पढ़ रहा है। जिसके वजह से ये दुनिया और बड़ी होती जा रही है। 

कायनात के आगाज़ और अंजाम के बारे में बहुत सारे नज़रियात पाए जाते है। उस में से एक अहम नजरिया जो ज्यादा देर तक मकबुले आम नही रह सका मुस्तहकाम हालत का नजरिया (Steady -State Theory) था जिसके मुताबिक कायनात हमेशा से है और हमेशा रहेगी। मुजुदा ज़माने में तकरीबन तमाम विज्ञानिक इस बात पर मुत्तफिक है की दुनिया एक अज़ीम धमाके (Big bang Theory) से वजूद में आई है। मगर हम कायनात के अंजाम के बारे में अभी विज्ञानिकों में अलग अलग नजरिया पाए जाते है और किसी एक नजरिए पर उनका इतिफाक नही हो सका। 

Sunday, October 30, 2022

छट का प्रसाद बनाते समय लगी गैस चूल्हे में आग 30 लोग झुलसे...

October 30, 2022 0 Comments


ये हादसा बिहार के औरंगाबाद ज़िले का है। बिहार के औरंगाबाद जिले में शनिवार की सुबह छ्ट पर्व के लिए प्रसाद बनाते समय एक घर के रसोई घर में पाइप रिसाव के कारण हुई गैस सिलेंडर विस्फोट उससे लगी आग के कारण 30 लोग सिलेंडर विस्फोट हुई आग में झुलस गए। नगर थाना के निरक्षक विनय कुमार सिंह ने बताया कि हादसा शाहगंज मुहल्ले की वार्ड संख्या 24 निवासी अनिल गोस्वामी के घर में हुआ।

विनय कुमार सिंह ने बताया की आग में झुलसे लोगों में गोस्वामी और उनके परिवार के परिजन साथ में पुलिस कर्मी और दमकल कर्मी भी शामिल है। इससे पता चलता है की कितनी बड़ी हादसा हुई है। 

सात पुलिस जवान घायल

इस हादसे में सात ( 7 ) पुलिस जवान घायल हो गए है। हादसे में घायल पुलिस जवान मोहम्मद मुआज्जम ने बताया कि हम रात को अपनी ड्यूटी के तहत गश्त करने निकले हुए थे तभी हमे ये खबर मिली के वार्ड नंबर 24 में आग लग गई है। हम फौरन मुहल्ले वार्ड नंबर 24 के तरफ निकल पड़े पहुंच कर देखा तो आग लग चुकी थी। 

समुंद्र में हजारों फिट नीचे मिली रहस्यमयी दुनिया हैरान कर देने वाली खोज

October 30, 2022 0 Comments


Contans

1 समुंद्र में हजारों फिट नीचे मिली रहस्यमयी दुनिया हैरान कर देने वाली खोज 

2 मालदीव हिंद महासागर में सतह से 1640 फिट गहरे समुद्र में एक बेहद अनुखे इकोसिस्टम की खोज हुई है।

3 आइए जानते है इस अनोखी दुनिया के बारे में.

4 सर्वे होगा रहस्यमयी इलाको का 

5 शार्क की कई परजतियां मौजूद है वहां।

समुंद्र में हजारों फिट नीचे मिली रहस्यमयी दुनिया हैरान कर देने वाली खोज 

दुनियां भर में आए दिन नई नई खोज होती रहती है कभी ऐसी खोज भी हो जाती है की लोग हो जाते है हैरान, इसबार हैरान करने वाली खोज है की गोता खोरों ने खोज डाली समुंद्र के हजारों फिट नीचे हैरान कुन और रहस्यमयी दुनियां।

حضور نبی کریم صلی اللہ علیہ وآلہ واصحابہ وسلم کی بارگاہ میں حاضری کے آداب کی بات کی جائے

October 30, 2022 0 Comments


حضور نبی کریم صلی اللہ علیہ وآلہ واصحابہ وسلم کی بارگاہ میں حاضری کے آداب کی بات کی جائے
تو یہ بارگاہ اتنی حساس اور اتنی نازک بارگاہ ہے کہ یہاں لہجوں کو سنبھال کر بات کرنے کی تلقین کی گئی ہے یہاں حضور صلی اللہ علیہ والہ واصحابہ وسلم کی بارگاہ میں حاضر ہونے کے لیئے بے حد  اداب سکھائے گئے ہیں یہاں لفظوں کے چناؤ کرنے کی تاقید کی گئی ہے 

حضرت صائب بن یزید رضی اللہ عنہ کہتے ہیں کہ میں مسجد نبوی کے ایک گوشے میں بیٹھا تھا تو کسی نے مجھے کنکر مارا میں نے پلٹ کر دیکھا تو وہ حضرت عمر رضی اللہ عنہ تھے تو میں اٹھ کے ان کے پاس چلا گیا اور کہا اے امیر المومنین آپ رضی اللہ عنہ نے مجھے کنکر کیوں مارا تو آپ رضی اللہ عنہ نے فرمایا وہ دو آدمی بیٹھے ہیں اور بلند آواز سے بات کر رہے ہیں ان کو بلا کے لاؤ تو میں ان دونوں کو بلا کر امیرالمومنین  حضرت عمر رضی اللہ عنہ کے پاس لے آیا تو حضرت عمر رضی اللہ عنہ نے ان دونوں سے مخاطب ہوکر کہا کہ تم کہاں کے رہنے والے ہو انہوں نے جواب دیا ہم طائف کے رہنے والے ہیں آپ رضی اللہ عنہ نے  فرمایا اگر تم اہل مدینہ سے ہوتے تو میں تمہیں سزا دیتا تم بلند آواز سے بول رہے ہو جانتےنہیں یہ مسجد رسول اللہ صلی اللہ علیہ وآلہ واصحابہ وسلم کی ہے یہاں اونچی آواز میں بات کرنے سے ساری عمر کے اعمال جاتے رہتے ہیں 

ایک دوسرا واقعہ بھی تحریر کر رہا ہوں امام مالک رضی اللہ جیسا عاشق رسول صلی اللہ علیہ وآلہ واصحابہ وسلم بھی کوئی نہیں آپ رضی اللہ عنہ نے چالیس سال تک روضہ انور کے پاس بیٹھ کر درس حدیث دیا ہے اور چالیس سال میں ایک بار بھی ایسا نہیں ہوا کہ حدیث کی کتاب کے ورق کے پلٹنے کے بھی آوازپیدا ہونے دی ہو یہ محبتوں کا عالم ہے یہ عقیدتوں کا عالم ہے یہاں دل بدلے جاتے ہیں دلوں کے سودے ہوتے ہیں۔۔۔۔۔

Saturday, October 29, 2022

Amazon instant water geyser मिल रहा है सस्ते दामों में हो जायेगा कम मिनटों में खूब भा रहा है लोगों को

October 29, 2022 0 Comments


Amazon instant water geyser mil raha hai kafi sasti Damon men 

चुटकी में होगा गरम पानी का समाधान

अब ठंडी बढ़ती ही जरही है इससे की लोग गरम पानी पीना पसंद करते है और स्नान में भी गरम पानी लेना पसंद करते है ऐसे में लोग पानी को गर्म करने के लिए कई तरीके इस्तेमाल में लाते है जैसे, पानी गरम करने के लिए आग का इस्तेमाल करना, iron rods का इस्तेमाल करना, गीजर का इस्तेमाल करना लेकिन अभी के ज़माने में लोग जियादतर iron roads से पानी को गर्म करते है, लेकिन सब चाहते है गीजर से गरम करना लेकिन गीजर के दाम बहुत है तो सब लोगों का पॉकेट गीजर को अलाउ नहीं करता। 

अमेजन पे आया एक नया प्रोडक्ट जो मचा रहा है धमाल

अमेजन पे एक प्रोडक्ट्स आया इंस्टेंट वाटर गीजर के नाम से को लोगों को बहुत पसंद आरहा है क्योंकि ये बिलकुल किफायती दामों में मिल रहा है, इसकी की कैपिसिटी 1 लीटर पानी गरम करने की है। इसका आकार बहुत ही छोटा होता है दूसरे गीजर के मुकाबले, और ये amazon पे अभी 1500 के आस पास मिल जायेगा।

ये इंस्टेंट वाटर गीजर काफी कम दामों में मिल रहा है

कम दाम होने की वजह से ये नया प्रोडक्ट लोगों को भा गया है लोग इसे बहुत पसंद कर रहे है क्युकी अब ठंडी की शुरुआत हो चुकी है तो गर्म पानी चाहिए ही चाहिए।

What is Science साइंस क्या है

October 29, 2022 0 Comments


Science is the systematic attempt to understand natural phenomena in as much details and depth as possible, and use the knowledge so gained to predict. Modify and cantrol phenomena.

Science is a systematic endeavour that builds and organizes knowledge on the form of testable explanation and predictions about the universe.

Science may be as old as human science. And som of the earliest archeological evidence for scientific reasoning is tens of thousands of years old.

विज्ञान प्राकृतिक घटनाओं को यथासंभव अधिक से अधिक विवरण और गहराई में समझने का व्यवस्थित प्रयास है, और इस प्रकार प्राप्त ज्ञान का उपयोग भविष्यवाणी करने के लिए करता है। परिघटनाओं को संशोधित और नियंत्रित करना।

 विज्ञान एक व्यवस्थित प्रयास है जो परीक्षण योग्य स्पष्टीकरण और ब्रह्मांड के बारे में भविष्यवाणियों के रूप में ज्ञान का निर्माण और आयोजन करता है।

 विज्ञान मानव विज्ञान जितना पुराना हो सकता है। और वैज्ञानिक तर्क के लिए कुछ प्रारंभिक पुरातात्विक साक्ष्य हजारों वर्ष पुराने हैं

Friday, October 28, 2022

شیخ المشائخ حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری مجیبی علیہ الرحمہ اور سماع بالمزامیر

October 28, 2022 0 Comments

شیخ المشائخ حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری مجیبی علیہ الرحمہ اور سماع بالمزامیر 

ترتیب: آفتاب رشک مصباحی، داراپٹی، مظفرپور، بہار

شیخ المشائخ حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری رحمہ اللہ کے پہلے خلیفہ حضرت مولانا شاہ محمد حنیف تیغی رحمہ اللہ اپنی کتاب " انتباہ الطالبین" میں علامہ عبد الغنی نابلسی کی کتاب سے نقل کرتے ہیں :

" سماع ،محققین کے نزدیک لفظ عام ہے جس کو غنا کہتے ہیں، خواہ زہد کے مضامین یا نغمہ کے ساتھ ہو یا بغیر نغمہ کے، یا ساز یا بے ساز کے ہو کوئی فرق نہیں، دف ہو یا مزامیر سب برابر ہے، مجمع ہو یا بے مجمع کے اور سمع(سماع) جب بولا جاتا ہے تو یہی معنی ہوتے ہیں ، سب کا حکم ، شرع میں ایک ہے"۔ (ص: 91) 

اسی میں چند سطر کے بعد لکھتے ہیں: 

"رد المحتار میں ہے کہ آلات لہو و بالذات حرام نہیں ہے، بلکہ قصد لہو سے خواہ سننے والے ، خواہ بجانے والے کے ہو، حرام ہو جاتا ہے۔ اسی وجہ سے قول اسلم اس بارہ میں ہے کہ کُل کے کُل آلات سماع حرام نہیں ہیں اور کُل کے کُل باجے حلال نہیں ہیں۔ کیا تم نہیں دیکھتے؟ کہ یہ آلات بالذات کبھی حلال ہو جاتے ہیں اور کبھی حرام، نیت کے اختلاف کی وجہ سے۔ اس میں دلیل ہے ہمارے پیشوایان طریقت صوفیائے کرام کے لیے کیوں کہ ان کا قصد سننے میں خدا کے عشق و محبت کا ہوتا ہے ، پس معترضین کو جرات نہیں ہونی چاہیے کہ اس کا انکار کریں اور ان کی برکت سے محروم رہیں ، اس لیے کہ وہ ہمارے سردار ہیں ، ان کی وجہ سے ہم پر اچھی دعائیں اور برکتیں نازل ہوتی ہیں"۔ (ص: 91/92) 

اسی میں ہے: 

"ملا علی قاری کے قول سے ہمارے امام اعظم ابو حنیفہ رضی اللہ عنہ کا سماع سننا ثابت ہے اور تینوں اماموں نے بھی سنا ہے"۔ (ص: 92) 

مزید لکھتے ہیں: 

" بعض اکابر طبقہ اولیا نے سماع سنا ہے، جیسے: حضرت خواجہ معین الدین چشتی اجمیری و حضرت خواجہ نظام الدین اولیا محبوب الٰہی و حضرت عبد القدوس گنگوہی وغیرہ اور رقص و وجد بھی کیا ہے"۔ (ص: 92) 

چند سطر کے بعد لکھتے ہیں: 

" ملا علی قاری فرماتے ہیں کہ صوفیوں کے لیے سماع ، ایسا ہی ہے جیسا کہ زمزم کا پانی، پینے والوں کے لیے ہے اور اس میں فوائد کثیر ہیں۔ حضرت خواجہ معین الدین چشتی اجمیری رحمۃ اللہ تعالیٰ علیہ فرماتے ہیں: 

جائیکہ زاہداں بہ ہزار اربعین رسند مست شراب عشق بیک آہ می رسند" (ص: 93) 

حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری رحمہ اللہ کو جن دو مرکزی سلسلوں : سلسلہ آبادانیہ فریدیہ اور سلسلہ قادریہ مجیبیہ سے اجازت و خلافت حاصل تھی ، ان دونوں سلسلوں کے مشائخ سماع بالمزامیر کے نہ صرف جواز کے قائل رہے ہیں ، بلکہ اپنی خانقاہوں میں اس کا اہتمام بھی کرتے رہے ہیں۔ سلسلہ آبادانیہ فریدیہ میں سماع کی ابتدا، یوں تو حضرت شاہ آبادانی سے ہی ہو جاتی ہے کہ آپ حضور فخر جہاں خواجہ فخر الدین دہلوی قدس سرہ کے یہاں سماع میں شریک ہوتے رہے ۔ لیکن ، باضابطہ انعقاد کا سلسلہ حضرت حافظ شاہ احسان علی پاک پٹنی رحمہ اللہ سے ہوتا ہے۔ چنانچہ صاحب انوار قادری لکھتے ہیں: 

"آپ (حضرت شاہ آبادانی) کے بعد آپ کے خلیفہ و مجاز حضرت حافظ شاہ احسان علی صاحب پاک پٹنی رحمۃ اللہ علیہ اپنے وقت میں ان صوفیائے متقدمین کے اصول پر جو اہل سماع گزرے ہیں ، مخصوص آداب و شرائط کے ساتھ اپنے یہاں محفل سماع منعقد کرتے تھے ۔ چنانچہ اسی وقت سے بزرگان سلسلہ آبادانیہ میں سماع ( سماع کی تعریف اور اس کا حکم اوپر گزراہے اسے ذہن میں رکھیں ) کا آغاز ہوا ، جو اب تک رائج اور معمول ہے"۔ (ص:62) 

راقم کو ایک مرتبہ حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری رحمہ اللہ کے پیر خلافت حضرت شاہ مولیٰ علی لال گنجوی کے عرس میں شرکت کا موقع ملا ، وہاں بھی سماع بالمزامیر ( ہارمونیم، ڈھولک، طبلہ / دف کے ساتھ قوالی) ہوتے دیکھا ۔ اسی طرح سلسلہ فریدیہ کی ایک شاخ خانقاہ فریدیہ محمودیہ جو گیا شریف، ضلع کھگڑیا ، بہار میں اپنے دوست مولانا صفت الرحمن علیمی فریدی زید مجدہ کی دعوت پر حاضری کا شرف ملا ، وہاں بھی سماع بالمزامیر کا انعقاد ہوتا ہے، اور خود حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری کے پیر بیعت حضرت مولانا سمیع احمد مونگیری رحمہ اللہ کے یہاں بھی سماع بالمزامیر کا انعقاد ہوتے آ رہا ہے۔ 

بانی خانقاہ مجیبیہ تاج العارفین حضرت مولانا شاہ مجیب اللہ قادری قدس سرہ کو خواجگان چشت خواجہ معین الدین چشتی اور خواجہ نطام الدین اولیا نے منامی طور پر سماع منعقد کرنے کا حکم دیا ، جس کی تائید و ترغیب بارگاہ رسالت پناہی سے بھی بطور بشارت ملی ، اسی کے بعد سے آپ نے سماع ( یہاں کی محفل میں صرف ڈھولک اور ستار ہوتا ہے) منعقد کرنا شروع کر دیا ، جو آج تک منعقد ہوتا آ رہا ہے۔تفصیل کے لیے دیکھیے ( سیرت پیر مجیب، ص: 285 تا 288) 

راقم کو یہاں بھی ایک بار اپنے خواجہ تاش مولانا ڈاکٹر مجیب الرحمن علیمی صاحب کے ساتھ مجلس سماع میں شرکت کا موقع مل چکا ہے ۔ بڑی بابرکت اور وجد و کیف والی محفل تھی۔


حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری رحمہ اللہ بھی اپنے جملہ مشائخ طریقت کی روش کے مطابق ابتداءاً محفل سماع میں شریک ہوتے رہے۔ جیسا کہ انوار قادری میں ہے: 

" ہمارے سرکار قبلہ رضی اللہ تعالیٰ عنہ کو بھی ابتداء میں سماع سے ذوق تھا اور اپنے آقایان نعمت بزرگان سلسلہ آبادانیہ کے مسلک پر انہیں آداب و شرائط کے ساتھ محفل سماع(سماع بالمزامیر) میں شرکت فرماتے رہے"۔ (ص: 62) 

اسی طرح آپ کے متوسلین و مسترشدین بھی محفل سماع میں شریک ہوتے رہے ، بلکہ ان میں کے بعض تو انعقاد بھی کرتے رہے ۔ لیکن ، بعد کے زمانوں میں آپ نے محفل سماع کی شرکت بالکلیہ بند کر دی اور اپنے مریدین کو بھی شرکت و انعقاد سے منع کر دیا۔ جیسا کہ انوار قادری ہی میں ہے: 

" لیکن، انقلاب زمانہ نے جب لوگوں کے ہاتھوں سے احتیاط کی باگ ڈور چھین لی اور متقدمین صوفیا کی نظروں میں سماع و غنا کے جو منافع تھے ، ان کے حاصل ہونے کے بجائے مضرات زیادہ پیدا ہونے لگے تو آپ نے حزم و احتیاط کی بنا پر مجلس سماع کی شرکت یک قلم ترک کر دیا اور اپنے متوسلین و مسترشدین کو بھی محفل سماع کے انعقاد اور اس میں شرکت کی ممانعت فرما دی اور واضح طور پر فرما دیا کہ خواجہ عالیشان حضرت خواجہ بہاء الدین نقشبندی رحمۃ اللہ تعالیٰ علیہ کا مسلک اس بارے میں یہ تھا " نہ ایں کار میکنم نہ انکار میکنم" میرا بھی اس باب میں یہی مسلک ہے"۔ (ص:62) 

سلسلہ آبادانیہ فریدیہ اور سلسلہ قادریہ مجیبیہ کی واحد یہ شاخ ہے جہاں لوگوں کے بگڑتے حالات اور مضرات کے پیش نظر سماع بالمزامیر کا انعقاد بطور حزم و احتیاط بند کر دیا گیا ، لیکن کمال تقوی یہ رہا کہ اسے ناجائز و حرام بھی نہیں کہا گیا، کیوں کہ یہ بانی خانقاہ آبادانیہ ، سرکانہی شریف کے جملہ مشائخ کا معمول بہ رہا ہے ۔ بلکہ حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری رحمہ اللہ کے منع فرمانے کے باوجود آپ کے دوسرے خلیفہ حضرت شاہ عبد الرحیم تیغی رحمہ اللہ ، بریار پور، کانٹی ، مظفرپور اپنی خانقاہ میں سماع بالمزامیر منعقد کرتے رہے اور ان کے وصال کے بعد آج تک وہاں محفل سماع کا انعقاد ہوتا آ رہا ہے۔

ہاں! اب بعض تیغی حضرات حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری رحمہ اللہ کی محفل سماع بالمزامیر میں ابتدائی شرکت کے بھی انکاری ہو نے لگے ہیں اور اسے حرام بتانے لگے ہیں ، بلکہ جو حضرات صوفیائے متقدمین کے اصول پر محفل سماع بالمزامیر کا انعقاد کرتے ہیں ، ان سے بیعت ہونے کو بھی حرام بتانے لگے ہیں ۔ یہ لوگ یا تو خود اپنے مشائخ آبادانیہ اور مشائخ مجیبیہ کے طریق سے واقف نہیں ہیں ، یا واقفیت کے بعد ان کی روش سے ہٹے ہوئے ہیں، یا جان بوجھ کر محرومی کو گلے لگا رہے ہیں ۔ کاش! یہ لوگ خود سلسلہ تیغیہ کی کتابیں " انوار قادری اور انتباہ الطالبین " کا گہرائی سے مطالعہ کرتے تو مشائخ صوفیہ کی اِس روش کے خلاف زبان درازی نہ کرتے ۔ در اصل ایسے حضرات معذور ہوتے ہیں ، کیوں کہ وہ مسائل تصوف کو بھی کتب فقہ سے پڑھ کر سمجھنے کی کوشش کرتے ہیں ، اور یہ بات تو اظہر من الشمس ہے کہ کسی بھی فن کا کتاب خواں جب تک کسی صاحب کتاب کی صحبت میں رہ کر اس فن کی باریکیوں سے واقفیت حاصل نہیں کرےگا ، وہ اسی طرح ٹھوکریں کھائےگا۔  

در اصل ان سے تسامح ہو گیا ہے ، ان حضرات نے حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری رحمہ اللہ کی ابتدائی مجالس پر غور نہیں کیا ، اِ ن کے پیش نظر صرف اُن کی اواخر عمر کی محفلیں ( سماع بالمزامیر سے منع کرنے کے بعد کی محفلیں ) ر ہیں ۔ جس کے تعلق سے انوار قادری میں ہے: 

"مگر، عشق الٰہی و محبت جناب رسالت پناہی جل و علا و ﷺ میں جب کبھی بے چین ہو جاتے تو خود ہی گنگنانے لگتے اور نعتیہ اشعار بے ساختہ آپ کی زبان پر جاری ہو جاتے ۔ بعض اوقات کسی خوش گلو پرہیز گار نعت خواں کو نعت خوانی کا حکم فرماتے ، اس وقت آپ کا عالم دیکھنے کے قابل ہوتا جب کہ محفل نعت سرور کائنات علیہ التحیۃ و الصلوٰۃ کے اندر آپ وجد و کیف میں ڈوبے ہوئے بادہ حب نبوی سے سرشار نظر آتے اور فراق محبوب میں روتے روتے ہچکیاں بندھ جاتی تھیں، بعض اوقات ایسا بھی ہوتا کہ وجد و کیف کا جب زیادہ غلبہ ہوتا تو اپنی جگہ سے اٹھ کر گھومنے ( رقص کرنے) لگتے اور متوسلین میں جس طرف توجہ فرماتے ، وہ بے خود ہو جاتا"۔ (ص: 63) 

اسی میں ہے: 

" آپ کی محفل نعت بھی تمام آلات لہو دف، عود، مزامیر وغیرہ سے پاک اور خالی ہوتی تھی اور آج بھی آپ کی خانقاہ عالم پناہ میں موقع بہ موقع آداب و شرائط کے ساتھ نعت خوانی ہوا کرتی ہے"۔ (ص: 64)  

آج کل اس کی ترقی یافتہ شکل محفل نعتیہ مشاعرہ ہے، جو عرس براہیمی کے موقع پر منعقد ہوتی ہے۔


بعض تیغی حضرات کے بقول حضور الحاج الشاہ محمد تیغ علی قادری رحمہ اللہ سماع کی جو محفل منعقد کرتے تھے وہ در اصل نعت کی ہی محفل تھی۔ اگر ، معاملہ ایسا ہی تھا تو محفل نعت سے لوگوں کو منع کرنا اور بعد میں خود محفل نعت ہی کو منعقد کرنا، یہ بات قابل قبول نہیں لگتی۔ جب کہ آپ کے جملہ مشائخ خواہ مشائخ آبادانیہ فریدیہ ہوں یا مشائخ قادریہ مجیبیہ ، سب کے یہاں محفل سماع بالمزامیر ہوتی آ رہی ہے اور آج بھی ہو رہی ہے۔ ایک بار پھر سماع کی جو تعریف اور حکم صاحب انتباہ الطالبین نے نقل کی ہے، اس پر نظر ڈال لیں کہ مزامیر ہو یا نہ ہو ، مجمع ہو یا نہ ہو، زہد کے مضامین ہوں یا نہ ہوں، سب کا حکم ایک ہے، نیت اور مقصد صالح ہے تو سب جائز اور نیت گربڑ ہو تو سب ناجائز ، خواہ محفل سماع ہو یا محفل نعت و میلاد۔ اس لیے اتنا تو ضرور ماننا پڑےگا کہ آپ ابتداءً محفل سماع بالمزامیر میں شریک ہوتے رہے اور بعد کے زمانوں میں صرف حزم و احتیاط کے طور پر اپنے متوسلین و مسترشدین کو اس سے منع فرمایا۔ ورنہ، اگر آپ کا منع فرمانا بطور حرام مان لیا جائےکہ حرام ہونے کی وجہ سے آپ نے منع فرمایا، جیسا کہ بعض افراد سے اس طرح کی باتیں بھی مسموع ہوتی رہتی ہیں، حالاں کہ یہ باتیں خود آپ کے مشائخ کے طریق اور حضرت مولانا حافظ شاہ محمد حنیف تیغی کی تشریحات کے خلاف ہیں، تو یہ بڑی سخت اور بڑی محرومی کی بات ہوگی، جب کہ سماع بالمزامیر کے باضابطہ جواز و انعقاد پر ایک نفیس اور علمی گفتگو آپ کے اول خلیفہ حضرت مولانا حافظ شاہ محمد حنیف تیغی رحمہ اللہ کی دونوں کتابوں " انتباہ الطالبین اور انوار قادری " میں موجود ہے ۔

پیش کش:القدس اکیڈمی داراپٹی مظفرپور بہار۔

निरंकुशवाद को प्रीभासित कीजिए

October 28, 2022 0 Comments
निरंकुशवाद शब्द का मतलब यहां वैसे सरकार या शासक से है जिसपर किसी का जोड़ नहीं चलता हो,
निरंकुशवाद का अर्थ
निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं?

निरंकुशवाद शब्द का मतलब यहां वैसे सरकार या शासक से है जिसपर किसी का जोड़ नहीं चलता हो, राजा की हम के आगे किसी जनता की बात नही सुनता हो वो खुद अपने सिपाही ही की बदौलत मनमानी हुक्मरानी करता हो।
जैसे हिटलर मुसोलनी जैसे शासक को दुनिया महान तानाशाह के रूप में जानती है जिन्हें ने अपनी सैन्य बल पर जनता पर तरह तरह के दामनकरी कानून और नीतियां चलाई। बाद में अलग अलग आंदोलन के माध्यम से इनका साम्राज्य और शासन का अंत किया गया।

निरंकुशवाद का अर्थ
निरंकुशवाद शब्द का मूल शब्द है निरंकुश ( निर+अंकुश) मतलब जिस पर कोई अंकुश या नियंत्रण ना हो। यहाँ निरंकुशवाद शब्द का अर्थ है वैसा शासन राजा जिस पर कोई नियंत्रण ना है।

निरंकुशवाद से आप क्या समझते हैं?
निरंकुशवाद एक बहुत ही कठोर शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ है, जिसपर किसी का नियंत्रण ना हो। निरंकुशवाद शब्द का इस्तेमाल बिना नियंत्रण वाली सरकार का बोध करवाने के लिए किया जाता है।

Thursday, October 27, 2022

लाइब्रेरी विकसित समाज की पहचान है।

October 27, 2022 0 Comments


Contents 

लाइब्रेरी विकसित समाज की पहचान है। 

शिक्षा और सीख के सर्वांगीक और विशाल ज्ञान

यदि किसी समाज मे सब कुछ हो और एक लाइब्रेरी नहो 

समाज को नई विचार धार से जोड़ने के लिए

लाइब्रेरी विकसित समाज की पहचान है। 

पुस्तकप्रेमी, विद्यार्थी एवं विद्वान यह सब समाज के वह अंग हैं जो उसे हर समय, हर दिन एक नई दिशा, नया विचार और नई उड़ान देने का प्रयास करते रहते हैं। 

समाज को नई विचार धार से जोड़ने के लिए विद्वानों ने उसे गरुकुल, पाठशाला, विद्यालय, महा विद्यालय एवं विश्व विद्यालय की अस्थापना का मार्ग दिखाया। अर्थात गाँव, शहर, राज्य, देश विदेश हर जगह शिक्षा के केंद्र बनने लगे और आज बहुत काम ऐसी जगहें बच गई होंगी जहां शिक्षा का कोई माध्यम न हो। परंतु यह सब विधिबद्ध शिक्षा के केंद्र हैं। 

शिक्षा और सीख के सर्वांगीक और विशाल ज्ञान से समाज को जोड़ने के लिए एक बार फिर विचार किया गया। अंततः लोगों के मस्तिसक में क ऐसे केंद्र का ख्याल आया जिसे आज हम पुस्तकालय/ लाइब्रेरी कहते हैं। यहाँ विभिन्न प्रकार की, विभिन्न भाषाओं की, विभिन्न विषयों की हज़ारों लाखों पुस्तकें उपस्थित होती हैं जिन्हे पढ़ कर लोग समाज को नई दिशा देते हैं। 

यदि किसी समाज मे सब कुछ हो और एक लाइब्रेरी न हो तो वो समाज उन्नति की नई दुनिया से वंचित रह जाता है। और उन्नति एवं खुशहाली के रेस मे पीछे रह जाता है। हाँ, यदि इतना समय गुजरने के बाद भी कोई चाहता है कि वह अपने समाज को अपने लोगों को उन्नति की रेस मे आगे ले जाए तो उसे अपना समाज मे लाइब्रेरी कल्चर को बढ़ावा देना होगा। क्योंकि लाइब्रेरी विकसित समाज की पहचान है। 

हुबैरा मुहम्मदी, दारापट्टी

Wednesday, October 26, 2022

इंसानी समाज की उन्नती

October 26, 2022 2 Comments


 Contant 

मानव एक सामाजिक जीव है।

एक रोटी खाने मे कितने लोगों पर निर्भर होता है ?

इसी तरह कपड़ा

यही हाल मकान का है।

एक दूसरे के सहायता के बिना कुछ नहीं

एक दूसरे की मदद करने वाला कल्चर देवलॉप करें

मानव एक सामाजिक जीव है। 

उसे अपने हर काम के लिए किसी न किसी की मदद की जरूरत होती है। चाहे वह रोटी हो, कपड़ा हो या मकान। 

एक रोटी खाने मे कितने लोगों पर निर्भर होता है ?

खुद  देखें, यदि कोई व्यक्ति यह चाहता हो की वो रोटी खाए तो वह एक रोटी खाने मे कितने लोगों पर निर्भर होता है ? पहले किसान जो गेहूँ उगाये, फिर मजदूर जो फसल काटे, फिर खेत से उठा कर किसान के घर ले जाने वाले लोग, फिर मार्केट मे बेचने वाले लोग, फिर मार्केट से खरीद कर चक्की मे ले जाने वाले लोग, फिर चक्की मे आटा पीसने वाले लोग, फिर दुकान दार , फिर पकाने वाली औरत या बावर्ची तब जा कर कहीं आदमी एक रोटी खा पाएगा । 

इसी तरह कपड़ा

पहले कपड़ा बुनने वाले लोग, फिर उस की फिनिशिंग करने वाले लोग, फिर थान बना कर मार्केट मे लाने वाले लोग, फिर दुकानदार, फिर सूट काटने वाले लोग, फिर दर्जी, फिर धुलाई करने वाले लोग, फिर प्रेस करने वाले लोग। 

यही हाल मकान का है।

पहले ईंट बनाने वाले लोग, फिर ईंट पकाने वाले लोग, फिर ईंट मार्केट मे लाने वाले लोग, फिर मकान मिस्त्री, फिर सीमेंट, सरिया , बालू और दूसरे सामान । 

एक दूसरे के सहायता के बिना कुछ नहीं

अर्थात आदमी एक एक इंच पर एक दूसरे के सहायता के बिना कुछ नहीं कर सकता । फिर यह कि मानव जाती की उन्नती के लिए जरूरी है कि समाज मे अमन, शांति, प्रेम और एक दूसरे के प्रति आदर और सम्मान का भाव हो। इस के लिए सारे मानव जाती को मिल जुल कर और एक दूसरे का सहारा बन कर जीवन व्यतित करना होगा। 

एक दूसरे की मदद करने वाला कल्चर देवलॉप करें 

यदि हम सब जाती धर्म और एलाका से उपेर उठ कर समस्त मानव जाती के बीच सद्भावना, प्रेम और एक दूसरे की मदद करने वाला कल्चर देवलॉप करते हैं तो आप यकीन करें की हमारा मानव समाज बहुत जल्द उन्नती की ओर बढ़ता दिखाई देगा। और जब हमारा समाज उन्नती करेगा तो इससे हमारा देश उन्नती करेगा।

Saturday, October 22, 2022

واجب کی دو قسمیں ہیں the two types of reasonabl

October 22, 2022 0 Comments

واجب کی دو قسمیں ہیں :

1- واجب شرعی, جسے واجب اجماعی بھی کہا جاتا ہے: یہ وہ واجب ہےجس کے وجوب میں صحابہ و تابعین اور فقہائے مذاہب میں سے کسی کا کوئی اختلاف نہ ہو. جیسے: نماز جمعہ وعیدین.   

2- واجب اجتہادی, جسے واجب اختلافی بھی کہا جاتا ہے: یہ وہ واجب ہے جس کے وجوب میں صحابہ و تابعین اور فقہائے مذاہب کا اختلاف پایا جاتا ہو. جیسے: قرأت خلف الامام.

واجب شرعی کا مخالف خاص احوال و کیفیات کے استثنا کے ساتھ فاسق معلن ہوگا. جب کہ واجب اجتہادی کا مخالف عند الشرع فاسق معلن تو دور سرے سے معتوب بھی نہیں ہوگا. 

فقہ اسلامی کا متفقہ قاعدہ ہے: "لا ينكر المختلف فيه و انما ينكر المجمع عليه".( الاشباه و النظائر للسيوطى، ص:158) -

مختلف فیہ پر عمل کرنے پر کوئی مواخذہ نہیں ہے, مواخذہ تو صرف اجماعی مسائل کے خلاف کرنے والے پر ہو سکتا ہے.

علامہ عبد الغنی نابلسی کے حوالے سے فتاوی رضویہ میں ہے: "متى امكن تخريجها على قول من اقوال فى مذهبنا او مذهب غيرنا فليست بمنكر يجب انكاره و النهى عنه ، و انما المنكر ما وقع الاجماع على حرمته و النهى عنه خصوصا". (فتاوی رضویہ, 9/ 532- الحدیقة الندية شرح الطريقة الندية، 2/204) - 

جب کسی مسئلے کے جواز کی تخریج ہمارے مذہب یا ہمارے غیر کے مذہب کے اقوال میں سے کسی قول پر ممکن ہو تو یہ وہ منکر نہیں ہوگا جس پر نکیر کرنا یا جس سے روکنا واجب ہو, بلکہ منکر تو صرف وہی ہے جس کی حرمت پر اور اس سے نہی پر اجماع واقع ہو.  

حضرت سفیان ثوری فرماتے ہیں:

إِذَا رَأَيْتَ الرَّجُلَ يَعْمَلُ الْعَمَلَ الَّذِي قَدِ اخْتُلِفَ فِيهِ وَأَنْتَ تَرَى غَيْرَهُ فَلَا تَنْهَهُ(حلیۃ الاولیا لابی نعیم338/6)

اگر تم کسی کو ایسا عمل کرتے دیکھو جس میں علما کا اختلاف ہو اور تمہاری رائے اس کے برعکس ہو تو تم اس عمل سے اس کو منع نہ کرو. 

یہی وجہ ہے کہ اختلافی مسائل میں علما و مشائخ نے ہمیشہ توسع کی راہ اپنائی ہے اور عاملین و غیر عاملین میں سے کسی کی تفسیق و تضلیل کی, نہ ہی کسی کو برا بھلا کہا.  

چنانچہ اختلافی مسئلہ, مسئلہ سماع بالمزامیر اور سجدہ تعظیمی پر گفتگو کرتے ہوئے مفتی اعظم ہند مولانا مصطفی رضا خان بریلوی اپنے فتاوی میں لکھتے ہیں: 

"قوالی مع مزامیر ہمارے نزدیک ضرور حرام و ناجائز و گناہ ہے اور سجدہ تعظیمی بھی ایسا ہی(ہے). ان دونوں مسئلوں میں بعض صاحبوں نے اختلاف کیا ہے, اگرچہ وہ لائق التفات نہیں. مگر, اس نے ان مبتلاؤں کو حکم فسق سے بچا دیا ہے جو ان مخالفین کے قول پر اعتماد کرتے اور جائز سمجھ کر مرتکب ہوتے ہیں". (فتاوی مصطفویہ, ص: 456- مطبوعہ: شبیر برادرز, اردو بازار, لاہور)  

لہذا, جو مسائل وجوب عدم وجوب میں, جواز عدم جواز میں مختلف فیہ ہیں, ان میں سے کسی بھی جہت کو اختیار کرنے والے پر نہ حکم فسق عائد ہوگا, نہ ان کو برا بھلا کہا جائےگا, اور نہ ان پر طعن و تشنیع کی زبان کھولی جائےگی. مثلا: پینٹ شرٹ, ٹائی, مائک پر نماز, چلتی ٹرین پر نماز, سماع بالمزامیر, ابتدائے اقامت پر کھڑا ہونا, داخل مسجد اذان ثانی, قرأت خلف الامام, اقتداے فاجر، سجدہ تعظیمی, تصویر کشی, ویڈیو گرافی, بالوں کا خضاب, مجمع عام میں عورتوں سے مصافحہ, یک مشت سے کم داڑھی, قدم بوسی, طواف قبور, اذان قبر، تعزیہ داری وغیرہ مسائل مختلف فیہ. 

کیوں کہ اصل چیز امت میں توسع اور برداشت ہے، نہ کہ انکار اور فتنہ و فساد۔ امت کو جوڑنا اصل کام ہے، جب کہ کسی بھی نام پر امت کو توڑنا اور ان کو آپس میں ایک دوسرے سے جدا اور متنفر کرنا ملت اسلامیہ میں تفرقہ بازی کرنا ہے۔ 


آفتاب رشک مصباحی 

हार तो वो सबक है जो आपको बेहतर होने की मोका देती है

October 22, 2022 0 Comments
क्या आप कभी अपने हारने की वजह से डिप्रेशन में गए है?
क्या आपको हारने से दर लगता है?
क्या हारे हुए लोग कभी सफल नहीं होते?
क्या हारने में हमेशा घाटा का सौदा ही होता है?
क्या हार इंसान को खोखला बना देती है?
क्या हार इंसान को सक्सेज होने से रोकती है?

ये कुछ अहम सवाल थे जो हजारों बार पूछे जाते है, मन में सोचे जाते है, ये सवालात मन में आते ही मन घबराने लगता है, लोग दिल थाम कर बैठ जाते है, पता नही और क्या क्या करते है।

क्या आप कभी अपने हारने की वजह से डिप्रेशन में गए है? 
ये डिप्रेशन शब्द से दर भय लगने लगता है, डिप्रेशन आने की एक मुख्य कारण ये भी है की हम खुद को छोड़ कर लोगों के बारे में सोचने लगते है कि लोग क्या कहेंगे, मेरे मकान के बार लोग मेरे बाहर में क्या क्या बातें बना रहे होंगे, अरे यार ये सब बस यूंही होता है, हारे आप हो तो आप खुद पे रहम क्यों नहीं खाते, खुदकी प्रॉब्लम्स सॉल्व क्यों नहीं करते, खुदकी और ज्यादा ट्रेंड क्यों नही करते हम डिप्रेशन में चले जाते है क्योंकि हम खुद पे काम नहीं करते। डिप्रेशन में जाने का तो कोई सवाल ही नहीं बनता है। तो आप खुद को डिप्रेशन में डालने की बजाय खुद को डिवेलप कीजिए।

क्या आपको हारने से दर लगता है?
हार से डरना ये एक स्वाभाविक सी बात है , हमारा कल्चर हमे यही सिखाता है लेकिन लेकिन एक कहावत है न अपने ही कल्चर में कि "जो डर गया सो मर गया" ये कहावत वाकई मे आपने अंदर बहुत जोश जुनून समेटे हुए है, इस कहावत की मानो तो आप हार से मत डरना तभी कुछ बड़े और अहम फैसले ले पाओगे। तभी हम अपनी जिंदगी के कुछ ऐसे बड़े फैसले ले पाएंगे जिन्हे लेते वक्त हमारी दिमाग पे बहुत जोर पड़ता हो, और जब तक अहम फैसले नही करेंगे हम खुदमे उलझ कर रह जायेंगे। 

मैं  एक लड़के की सच्ची कहानी सुनाता हूं। उसी की जबिनी
वो तकरीबन 23, से 25 साल का होगा और उसने अपनी दुकान की बाहर शहर में कुछ कर्ज लेकर जो उसने डर से अपने मम्मी पापा को नहीं बताया , उसे लगता था की उसकी दुकान अच्छी चलेगी और उसकी दुकान अच्छी चलने भी लगी थी लेकिन अचानक वहां पे ओवरब्रिज बनने लगी अचानक से उसकी दुकान थप पड़ गई, और जब ब्रिज बनकर तैयार होगया तो उस दुकान की किराना इतना ज्यादा हो गया था की उसे वो दुकान जमीन मालिक को देनी पड़ी किराए के बदले। वो घर आगया अब कर्ज वाले उसके दरवाजे खटखटाने लगे तो उसने किसी और से लेकर पैसे इस कर्ज वाले को दे दिया ऐसे ही इससे कर्ज लेकर उसको और उससे कर्ज ले कर इसको ऐसा ही चलता रहा जब कर्ज बहुत ज्यादा हो गया तो उसकी अम्मी को ये बात पता चली तो वो अब क्या कर सकती थी जबकि कर्ज तो बहुत ज्यादा हो चुका था जमीन बेचने पड़ी फिर भी कर्ज बाकी ही है और अभी तक यही सिलसिला जारी है। " तो आप सभी लोगों ने तो पढ़ ही लिया होगा, की डर इंसान को और भी डरा देता है, अगर वो उसी दीन मम्मी पापा को कर्ज के बारे में बता देता तो शायद कुछ ही दिनों में कर्ज चुकता हो जाता। 

क्या हारने में हमेशा घाटा का सौदा ही होता है?
हार हमे खुद के बारे में बताती है कि हम किया है और कौन। जबकि एक महापुरुष को कई कई साल लग जाते है खुदके बारे में पता करने में, हारने के बाद हमारे हाथ से बस छोटी सी चीजें जाति है लेकिन अगर हम अपने हार को हथियार बनालें तो उससे कई गुना ज्यादा बना सकते है जिससे हम ने कुछ ही दिनों पहले हारा था। हार कभी घाटा का सौदा नहीं होता अगर हार से सबक सिखा जाए तो।

क्या हार इंसान को खोखला बना देती है?
हार इंसान को एक मोका देता है खुद को साबित करने का की हमे जिस तराजू पे तोला जा रहा है उससे कहीं ज्यादा है वजन हमारी। हार इंसान को और मजबूत बनाती है। एक चीज के कई सारे पहलू होते है। जैसे मिसाल के तौर पे एक बाइक है लेकिन उसका इंजन कोई और बनाता है टायर कोई और , वाशिंग कोई और अगर हम एक चीज सिख ले अपनी दुकान कर ले दुकान चलने लगी और दूसरा बंदा वही काम सिख कर दुकान किया लेकिन उसकी दुकान चली नई अब वो बंदा इंजन के साथ वाशिंग भी सिखलिया के इससे काम चलेगा अब भी नही चला फिर उसने पंचर का भी काम सिख लिया अब वो फिर से दुकान किया तो उसकी दुकान पहले वाले भाई से भी ज्यादा चलने लगी क्युकी वो तीनों काम कर रहा है तीनों तरह के कस्टमर उनके पास आते है तो आप कैसे कह सकते है की हारने वाला व्यक्ति अंदर से खोखला होता है जबकि हार की वजह से वो और भी मजबूत होता चला जाता है।

क्या हार इंसान को सक्सेज होने से रोकती है?
हार ही तो इंसान के लिए सक्सेस की पहली सीढ़ी है, हारता वही है जो मैदान में हिस्सा लिया हो जो मैदान में हिस्सा लिया ही न हो वो हारेगा कैसे।

Wednesday, October 19, 2022

मुजफ्फरपुर की यूनिवर्सिटी ने छात्रों के भविष्य को बना दिया 'कूड़ा', कॉपियां सड़ती रहीं और साहब एवरेज मार्किंग देते रहे

October 19, 2022 0 Comments

 BRABU Bihar University Muzaffarpur: छात्रों के भविष्य को 'कूड़ा' कैसे बनाया जाता है, ये देखना है तो मुजफ्फरपुर आइये और बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी की लापरवाही को देखिए। जहां एग्जामिनेशन हॉल के स्टोर में रखीं करबी 10 लाख से ज्यादा छात्रों की कॉपियां सड़ गईं और साबह औसत मार्किंग करते रहे।


मुजफ्फरपुर
: बिहार के मुजफ्फरपुर में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है।
यहां की बाबा साहब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के एग्जामिनेशन हॉल के स्टोर में रखीं 10 लाख से ज्यादा छात्रों की कॉपियां सड़ गईं। बताया जा रहा है कि रख-रखाव में लापरवाही बरतने के कारण ये कॉपियां सड़ गईं। यूनिवर्सिटी में छात्रों की कॉपियां पुराने परीक्षा भवन और कम्युनिटी हॉल में फेंकी हुईं हैं। हर परीक्षा के बाद यहां कॉपियों को डंप कर दिया जाता है। अभी फिलहाल स्टोर में 25 से 30 लाख कॉपियां होंगी, जो देखन से ही कचरे का ढेर लग रहा है।

बताया जा रहा है कि कई बार कॉपियों के बंडल से सांप आदि भी निकल जाते हैं। स्नातक से लेकर पीजी तक की कॉपियां स्टोर में बेतरतीब तरीके से फेंकी हुई हैं। परीक्षा के बाद स्टोर में रखी गई कई सत्र की कॉपियां गायब हो गई हैं।

दूसरी तरफ, कॉपियों के नहीं मिलने पर छात्रों को औसत अंक दिए जा रहे हैं। परीक्षा बोर्ड की बैठक में कई बार नंबर पर आपत्ति करने वाले छात्रों को औसत अंक देने का फैसला लिया जा चुका है।

दरअसल, बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में नियम है कि तीन वर्ष तक छात्रों की कॉपियां सही से रखी जाएं, ताकि अगर किसी छात्र को अपने नंबर पर आपत्ति हो तो वह नंबर बढ़ाने लिए आवेदन कर सकता है।

आवेदन के बाद कॉपियों में नंबर की फिर से गणना की जाती है। लेकिन, बिहार विवि में नई और पुरानी कॉपियां एक साथ फेंकी हुई हैं। अगर किसी की जल्दी कॉपी ढूंढनी हो तो वह दस दिन से पहले नहीं मिल सकती है।

वहीं, बीआरए बिहार विश्वविधालय के परिक्षा नियंत्रक संजय कुमार ने बताया कि छह महीने पहले ही पुरानी कॉपियों को बेचने का टेंडर जारी हुआ था, पर टेंडर को तकनिकी कारणों से बीच में ही रद्द कर दिया गया। इसके बाद दोबारा टेंडर नहीं हुआ है, जिसके कारण यह स्थिती हुई है।

Tuesday, October 18, 2022

कोरोना वायरस की नई लहर ने दी भारत में दस्तक विशेषज्ञों ने दी चितावनी

October 18, 2022 0 Comments

 कोरोना वायरस 🦟 🦠 की संख्या दिन ब दिन कम होते जा रहे है लेकिन हाल ही में ओमिक्रोन 🦠 वायरस का नया विरिएंट भारत में आचुका है और एक्सपर्ट ने इसको लेकर गंभीर चितावनी दी है। ये नया विरिएंट कोन सा है ओर इसकी चितवानी किया है इसके बारे मे हम आगे इसी आर्टिकल में विस्तार से पढ़ेंगे।


Omicron's sub-variant in India 

देश में कोरोना 🦠 वायरस की बहुत तेज़ी से घटने की वजह से सारे अधिकतम पाबंदियों को खत्म किया जा रहा था लेकिन कोरोना वायरस की नई वेरिएंट ने फिर से सबको चिंता में डाल दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना का ये वेरिएंट ओमिक्रॉन का सब वेरिएंट है। इस नई वेरिएंट का नाम BA.5.1.7 है और यह वायरस ओर विरासों के मुकाबले काफी तेज़ी से फैलता है। जानकारी के मुताबिक़ भारत में BF.7 सब वेरिएंट के पहले मामले के बारे में गुजरात बायोटेक्नोलॉज रिसर्च सेंटर ने पता लगाया है। 

नए वेरिएंट के मामले सामने आने के बाद हेल्थ एक्सपर्ट ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। क्युकी चीन में covid 19 के मामले आए तेज़ी का कारण कथित तौर पर BF.7 ओर BA.5.1.7 वेरिएंट ही बताया जा रहा है। ओमिक्रान के नए अप वेरिएंट BA.5.1.7 और BA.7 अत्यधिक संकारामक माने जाते है। और अब यह दुनिया भर मे फैल रहा है। 

लॉकडाउन और प्रतिबंधों में ढील मिलने के बाद भारत में लोग उत्साहपूर्वक देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दिवाली को धूमधाम से मनाने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन एक्सपर्ट ने दिवाली, धनतेरस, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के पहले भी उचित सावधानी बरतने की सलाह दी है.

एक्सपर्ट ने कहा है कि किसी को भी अभी मास्क लगाना नहीं छोड़ना चाहिए और अगर कोई लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत आइसोलेट कर लेना चाहिए. दो रिसर्च बताती हैं कि बीएफ.7 वैरिएंट अन्य ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट की तुलना में पहले के वैक्सीनेशन और एंटीबॉडी से बच सकता है इसलिए यह और अधिक संक्रामक माना जा रहा है.

चीन से फैला नया वैरिएंट

एशियाई अस्पताल फरीदाबाद की कंसल्टेंट फिजिशियन और संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. चारु दत्त अरोड़ा (Dr Charu Dutt Arora) के मुताबिक, 'ओमिक्रॉन स्पॉन' नाम का एक नया वैरिएंट जिसे तकनीकी रूप से बीए.5.1.7 और बीएफ 7 नाम दिया गया है, चीन के मंगोलिया में पाया गया था. इस वैरिएंट के बारे में यह बताया गया था कि पिछले दो हफ्तों में यह वैरिएंट संयुक्त राज्य अमेरिका में (0.8 से 1.7%) दोगुना हो गया है. यूके, जर्मनी और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों में इस वैरिएंट के लगभग 15-25 प्रतिशत मामले हैं.” 

डॉ. चारु दत्त ने आगे कहा, हम देख रहे हैं कि पिछले कुछ महीनों से दुनियाभर में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं. लेकिन लगातार इसके और नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं.'

सावधान रहने की है जरूरत

राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार ग्रुप वैक्सीनेशन (NTAGI) के चेयरमैन डॉ. एन.के.अरोड़ा (Dr N.K. Arora) के मुताबिक, 'अगले दो से तीन सप्ताह हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं. कोविड -19 अभी भी हमारे आसपास ही है और दिन-ब-दिन दुनिया के कई हिस्सों में इसके नए वैरिएंट भी सामने आ रहे हैं. ये वैरिएंट हमसे अलग नहीं हो सकते इसलिए हमें इन वायरस से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि कुछ दिन बाद ही त्योहार हैं।

रोटरी क्लब ऑफ मद्रास नेक्स्टजेन में कोरोनाविरोलॉजिस्ट और कोविड अवेयरनेस एक्सपर्ट डॉ. पवित्रा वेंकटगोपालन (Dr Pavithra Venkatagopalan) के मुताबिक, “नए वेरिएंट के साथ ट्रांसमिसिबिलिटी में भी वृद्धि हुई है क्योंकि यह वैरिएंट पूरी तरह से वैक्सीनेट लोगों को भी संक्रमित कर सकता है. इस वैरिएंट को देखकर यह भी लगता है कि यह जींस के साथ अच्छे से बॉन्ड बना लेता है, जिसका अर्थ है कि इसके कुछ वायरल कण भी संक्रमित कर सकते हैं इसलिए पहले वैरिएंट्स की अपेक्षा इस वैरिएंट का जोखिम अधिक है।”

BA.5.1.7 और BF.7 वैरिएंट के लक्षण

एक्सरपर्ट का कहना है कि इन वैरिएंट के लक्षण पुराने वैरिएंट की तरह ही होंगे लेकिन एक निश्चित समय के साथ ही सामने आएंगे. डॉ. अरोड़ा के मुताबिक, शरीर में दर्द इस वैरिएंट का मुख्य लक्षण है. जिन लोगों में इसके लक्षण नहीं नजर आते और अगर वे संक्रमित हैं तो वह भी संक्रमण फैला सकते हैं।"

 डॉ. वेंकटगोपालन का कहना है कि, 'हम वास्तव में इस नए वैरिएंट के लक्षणों के बारे में नहीं जानते क्योंकि अभी उतना डेटा उपलब्ध नहीं है. हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा. जहां तक दुनिया की बात करें तो यह दुनिया भर में फैल रहा है और संक्रमण के अधिक फैलने का कारण भी बन रहा है. अधिकांश लोगों की टेस्टिंग जीनोम सीक्वेंसिंग के माध्यम से टेस्टिंग नहीं हुई है इसलिए अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।'

डॉ. अरोड़ा का कहना है कि नए वैरिएंट से नई लहर आने की संभावना बढ़ सकती है क्योंकि इस दौरान बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होंगे. कहीं पर भी कोई प्रतिबंध नहीं हैं और ना ही लोग मास्क लगा रहे हैं. अगर भीड़-भाड़ के समय में वायरस फैलता है तो मात्र 3-4 हफ्तों में भारत की आबादी में फैल सकता है. सर्दियों का मौसम भी आ रहा है इसलिए गले में खराश और नाक बहने की समस्या भी बढ़ने की उम्मीद है.

दीपावली से पहले रखें ये सावधानियां

डॉ अरोड़ा कहते हैं कि दिवाली का त्योहार आ ही गया है. लोगों को कोविड वैरिएंट से घबराना नहीं है बल्कि सावधानी रखनी है. जैसे, जितना हो सके कम से कम लोगों से मिलने की कोशिश करें. भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें. साबुन और पानी से अच्छी तरह से हाथ धोकर हाथों को समय-समय पर साफ करते रहें. जो लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं, वे लोग मास्क लगाना शुरू करें. इससे वह प्रदूषण से भी बच सकते हैं. अगर कोई भी लक्षण नजर आता है तो उसे हल्के में ना लें.

किन बातों को जानकर आपके अंदर भय पैदा हुआ है?

October 18, 2022 0 Comments

 


एक दिन तीन (3) लड़कियां सड़क पर चल रही थी अपने पीछे पीठ पर बैग टांगे ऐसा लग रहा था जैसे वो स्कूल से पढ़ कर घर की ओर जा रही हो तभी मेरी नजर एक बाइक पे पड़ी जो यमाहा की थी उसपे तीन (3) मर्द सवार थे तीनों एक उम्र के से थे अगर उनकी उम्र का अंदाजा लगाऊं तो लग भाग तीनो का और 28 से 30 साल के करीब रही होगी। बाइक सवार अपने टेढ़े मेढे अंदाज में बाइक घूमता चल रहा था , देखते ही देखते बाइक सवार उन तीनो लड़कियों के सामने बाइक ले गया और अपना एक हाथ बाहर निकल कर लड़की के नितंब को हाथ लगा कर दवा दिया और बाइक चालक तेजी से भाग निकला, लेकिन सोचने वाली बात ये है कि टाइम कुछ ज्यादा भी नही हुआ था शाम का समय था सड़क भी खाली नहीं थी लोग आसपास घूम रहे थे, लेकिन किसी ने उनका हेल्प करना नही चाहा जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो जब मैं उस लड़की के पास गया तो वो तेजी से अपना कदम बढ़ाते हुए निकलने लगी लेकिन मैं ने उसका दर्द महसूस किया जिसके साथ ऐसा हादसा हुआ है उस रोड पे उसकी आंखों में पानी भर आए थे। 

मुझे डर लगता है ऐसी सोसाइटी पर को गलत काम होते हुए देखते है पर उनको एहसास तक नहीं होता, मुझे डर लगता है ऐसे माहौल से को गलत ओर सही में फरक जानते ही नहीं, ओर उनसे तो ओर भी ज्यादा डर लगता है जो गलत ओर सही तो जानते है लेकीन गलत होते हुए देखते है ओर सही का साथ नही देते।

Monday, October 17, 2022

Pardhan Mantri Mudra Loan Yojna ke तहत 50,000 से 10 लाख तक

October 17, 2022 0 Comments

PM Mudra Loan Yojna साल 2015 में शुरू की गई थी


ये लोन अनलोगों के लिए है जो नया बिजनेस करना चाह रहे है या पहले से कोई प्रॉफिटेबल बिजनेस कर रहे है। ओर उन्हें पैसों की जरूरत है तो ये सही वक्त है अभी अप्लाई कीजिए प्रधान मंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत 50 से 10 लाख तक के लोन के लिए। 

PM Mudra Loan Yojna New Updates

Pm mudra loan yojna के तहत बिजनेस को आसानी से लोन दिया जाता है, बहुत ही आसान प्रोसेस है इसमें पहले आपको आवेदन करना होता है। आपको ऑनलाइन फॉर्म डाउनलोड कर के उसमे सारा डिटेल्स भरना होगा फिर सत्यापन कर के जमा करना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए इस तरह भरना होगा फॉर्म। 

आवेदन करने से पहले ये Docements तैयार रखें

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण के लिए बैंक या संबंधित संस्थान की शाखा में आवेदन करना होगा। अगर आप अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। ऐसे में घर के मालिकाना हक या किराए के दस्तावेज, काम से जुड़ी जानकारी, आधार, पैन नंबर समेत कई अन्य दस्तावेज देने होंगे। पीएम मुद्रा लोन योजना के तहत आवेदन करने से पहले आपको आईडी प्रूफ, रेजिडेंशियल प्रूफ, Passport Size Foto, बिजनेस सर्टिफिकेट और Bussines Address Certificate तैयार रखना चाहिए।

PM Mudra Loan Yojana के लिए Online आवेदन करे ओर बढ़ाए अपना स्वरोजगार।

Sunday, October 16, 2022

Startup India : स्टार्टअप को बिना गारंटी 10 करोड़ रूपये तक का मिलेगा कर्ज, अधिसूचना भी जारी

October 16, 2022 0 Comments

 Startup India : स्टार्टअप को बिना गारंटी 10 करोड़ रूपये तक का मिलेगा कर्ज, अधिसूचना भी जारी


Startup India
: पिछले कुछ सालों में सरकार की ओर से स्टार्टअप को काफी मदद मिल रही है। इसी वजह से 100 स्टार्टअप अब तक यूनिकॉर्न बन चुके हैं। जिन स्टार्टअप का मूल्यांकन एक अरब डॉलर होता है, उन्हें यूनिकॉर्न कहा जाता है।

Startup India : देश में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएसएस) को मंजूरी दी है। इसके तहत स्टार्टअप कंपनियों को बिना किसी गारंटी के 10 करोड़ रुपये तक का कर्ज मिल सकेगा। सरकार ने योजना को अधिसूचित कर दिया है।

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने एक बयान में कहा कि 6 अक्तूबर या उसके बाद मंजूर किए गए कर्ज इस योजना के लिए पात्र होंगे। इस योजना के तहत स्टार्टअप की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने को एक तय अवधि के लिए कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा।

कर्ज उन्हीं स्टार्टअप को मिलेगा, जो डीपीआईआईटी की अधिसूचना या समय-समय पर इसमें होने वाले बदलाव के मुताबिक स्टार्टअप की परिभाषा के दायरे में आएंगे। सरकार के इस कदम से देश की स्टार्टअप कंपनियों को पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी। इस क्रेडिट सुविधा को किसी अन्य गारंटी योजना के तहत कवर नहीं किया जाएगा। 

सरकार करेगी ट्रस्ट की स्थापना

इस योजना के लिए भारत सरकार एक ट्रस्ट या फंड की स्थापना करेगी। यह ट्रस्ट ही कर्ज के लिए गारंटी देने का काम करेगा। इसका प्रबंधन नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी के बोर्ड की ओर से किया जाएगा। ट्रस्ट की जिम्मेदारी स्टार्टअप को दिए गए कर्ज के डिफॉल्ट होने पर कर्ज देने वाले बैंक को भुगतान की गारंटी देना है। इसका उद्देश्य सही उधारकर्ताओं को दिए गए कर्ज में चूक की स्थिति में भुगतान की गारंटी देना है। वे स्टार्टअप इसके लिए पात्र होंगे, जो स्थिर राजस्व हासिल कर रहे हैं।

12 महीने के मासिक विवरण का होगा ऑडिट

कर्ज पाने के लिए स्टार्टअप का पिछले 12 महीने के मासिक विवरण का ऑडिट होगा। साथ ही ऐसे स्टार्टअप को किसी भी कर्ज में डिफॉल्ट नहीं होना चाहिए। इसके अलावा, उस कंपनी को आरबीआई ने एनपीए की सूची में नहीं डाला हो। कर्ज के लिए एक मेंबर इंस्टीट्यूशन (एमआई) बनाया जाएगा। इसमें बैंक और वित्तीय संस्थान शामिल होंगे।

100 से ज्यादा स्टार्टअप बने यूनिकॉर्न

पिछले कुछ सालों में सरकार की ओर से स्टार्टअप को काफी मदद मिल रही है। इसी वजह से 100 स्टार्टअप अब तक यूनिकॉर्न बन चुके हैं। जिन स्टार्टअप का मूल्यांकन एक अरब डॉलर होता है, उन्हें यूनिकॉर्न कहा जाता है। स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए 5-6 साल में 10,000 से ज्यादा स्टार्टअप को जेनेसिस कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन देने का लक्ष्य रखा गया है।

Saturday, October 15, 2022

Hindustan meri kahani बहुत अभाव से बड़ी अमीरी तक सफर

October 15, 2022 0 Comments

बहुत अभाव से बड़ी अमीरी तक सफर


गरीब सिर्फ वही नहीं है, जो धन से हार गया है, असली गरीब तो वह है, जो मन से हार गया है। जो यह मान चुका है कि उसका अब कुछ नहीं हो सकता, वह कभी अमीर नहीं हो सकता। जो लोग खाली थाली थामे चांद का सपना देखते हैं, वो गरीब नहीं होते। उनके पास आशा की बहुत बड़ी पूंजी होती है, जिसे वे अपनी तरक्की के मनसूबों पर खर्च कर रहे होते हैं। मतलब, अभाव और गरीबी में फर्क है। अभाव को फटाफट दूर किया जा सकता है, लेकिन गरीबी जाते-जाते ही जाती है।

वह लड़का भी अभावग्रस्त था, जैसे उसकी गली के बाकी लड़के थे। घर के आसपास कोई सुविधा नहीं थी, बस एक बास्केट बॉल की जगह थी, बाकी हर जगह लोग मारे-मारे फिरते नजर आते थे। जहां के लोगों को अभाव बेचैन रखता हो, वहां घर और बाहर भटकते लोगों का दिखना स्वभाविक है।

उस लड़के के परिवार पर तो कुछ ज्यादा ही आफत आन पड़ी थी। ट्रक चालक पिता का एक पैर टूट गया था। पिता कुछ दिनों के लिए खाट पकड़ चुके थे, कमाकर लाने वाला कोई नहीं था। तीन बच्चों सहित पांच लोगों का परिवार दो जून की रोटी के लिए भी तरसने लगा था। पिता की बेशर्म कंपनी ने इलाज करवाने से मना कर दिया, इलाज के पैसे देने से मना कर दिया। न कंपनी ने अपने कर्मचारियों का स्वास्थ्य बीमा करा रखा था और न पिता को पहले जरूरत महसूस हुई थी। पिता कभी कहीं स्थिर काम नहीं कर पाए थे, तो सबने उनसे मुंह फेर लिया। उस लड़के ने अक्सर अपने पिता को परेशान और नौकरी की तलाश में देखा था, लेकिन जब पिता टूटे पैर के साथ चौबीसो घंटे लेटे नजर आने लगे, जब उनकी आंखों से पराजय के आंसू झांकने लगे, जब उनका चेहरा बेबसी में छोटा पड़ने लगा, जब वह अपनों से नजरें चुराने लगे, तब उस छोटे लड़के को दिल से महसूस हुआ कि अभाव किसे कहते हैं। अभाव कैसे तड़पाता है, कैसे रुलाता है और कैसे पराजय की खाई की ओर धकेलता ले जाता है। अभाव किसी भी व्यक्ति, परिवार, समाज और देश, दुनिया का सबसे बड़ा दुश्मन है। सबके पास कम से कम इतनी रोटियां तो हों, छोटी ही सही पूरी छत तो हो, इतने कपड़े तो हों कि मूलभूत अभाव नौ दो ग्यारह हो जाएं।

उस लड़के को झटके से यह लगा था कि उसके प्यारे पिता बेहतर बरताव के हकदार हैं। जब पिता को मदद की सबसे सख्त जरूरत है, जब वह पैरों पर खड़े नहीं हो सकते, तब लोगों ने उन्हें अकेला छोड़ दिया है। पिता के पास इतने पैसे तो होने ही चाहिए थे कि वह अपना सही इलाज करवा पाते और स्वास्थ्य अवकाश के दिनों में परिवार को मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए परेशान न होना पड़ता। लाचार पिता को निहारते हुए उस लड़के ने ठान लिया कि अमीर होना पड़ेगा। इस दुनिया में पैसे कमाए बिना कोई गुजारा नहीं। सपने देखने हैं, उन्हें पूरा करना है, तो पैसे चाहिए और कमाना ही पड़ेगा।

वह लड़का जानता था कि उसके लिए इस गरीबी से बाहर निकलना कितना मुश्किल होगा। हालांकि, सफल होने का उसका सपना किसी भी बाधा से ज्यादा मजबूत था। ऐसा नहीं है कि पैसे कमाने के लिए वह गलत धंधों की अंधेरी गलियों में उतर गया। पैसे के लिए जो लोग अपराध में उतर जाते हैं, दरअसल वे अपने माता-पिता और परिवार का ही अपमान करते हैं। महज 12 की उम्र रही होगी, समाचार पत्र बांटने से आय की शुरुआत हुई, पर तब भी दिल में यही अरमान था कि एक दिन ऐसी कंपनी बनानी है, जो कर्मचारियों का पूरा ध्यान रखती हो, एक ऐसी अच्छी कंपनी, जो कभी पिता को नसीब न हुई। 

खैर, कई रोजगारों से कड़ी मेहनत के साथ गुजरते हुए भी उस लड़के ने अपनी पढ़ाई पूरी की और उसके बाद ही स्वयं का व्यवसाय शुरू किया। कुछ समय में कॉफी रेस्तरां के व्यवसाय में नाम चमकने लगा, लोग उन्हें हॉवर्ड डी शुल्त्ज (जन्म 1953) के नाम से जानने लगे। इन्होंने कॉफी के व्यवसाय को नया रूप दिया और सियेटल शहर के कॉफी कल्चर को बदलकर रख दिया। आज मुखर, मेहनती हॉवर्ड को अमेरिका के बेहतरीन विचारवान उद्यमियों में गिना जाता है। जो लड़का कभी अभाव देखकर प्रेरित हुआ था, आज उसके पास 320 अरब रुपये की संपत्ति है। उनके माता-पिता को कतई अंदाजा नहीं हुआ होगा कि उनका बेटा एक दिन गरीब बस्ती से निकलकर अमेरिका के श्रेष्ठ अमीरों में शुमार हो जाएगा। हॉवर्ड आज भी बहुत सहृदयता से याद करते हैं कि मैंने पिता को अपनी गरिमा और स्वाभिमान की भावना को खोते देखा था। मैंने तभी सोच लिया था, एक दिन जरूर अमीर बनना है। बहुत अमीर होने के बावजूद वह आज भी जमीन नहीं भूले हैं और बेरोजगारों की खूब मदद करते हैं।

प्रस्तुति : ज्ञानेश उपाध्याय